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Thursday, 19 December, 2024
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वाइजाग में गैस लीक से मौत के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा ‘स्टाइरीन’ कैसे करता है मानव शरीर पर असर

स्टाइरीन नामक एक रसायन से आंध्र प्रदेश में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है. दिप्रिंट आपको बताता है कि इस केमिकल का क्या इस्तेमाल होता है, और ये इंसानी शरीर पर कैसे असर डालता है.

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नई दिल्ली: वाइजाग में एलजी पॉलीमर्स प्लांट से गुरुवार सुबह गैस रिसने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है. अधिकारियों का अंदाज़ा है कि रिसने वाली गैस स्टाइरीन हो सकती है.

दिप्रिंट बताता है कि ये गैस क्या है, और इंसानों पर इसका कैसे असर पड़ सकता है.

स्टाइरीन क्या है?

स्टाइरीन एक रंगहीन, मीठी सी गंध वाला तरल पदार्थ है, जो प्लास्टिक और पॉलीमर्स बनाने में आवश्यक सामग्री का काम करता है.

इस मिश्रण का इस्तेमाल प्लास्टिक्स और रबड़ बनाने में व्यापक रूप से किया जाता है. पैकेजिंग सामग्री, तारों और उपकरणों के इंसुलेशन, फाइबर ग्लास, प्लास्टिक पाइप्स, गाड़ियों के पुर्ज़े, और पीने के कप जैसी उपभोक्ता वस्तुओं में स्टाइरीन होता है.

स्टाइरीन से सम्पर्क

लम्बे समय तक हल्की मात्रा में स्टाइरीन के सम्पर्क में रहने से कैंसर हो सकता है. अमेरिकी की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) के अनुसार, थोड़े समय हल्की मात्रा में स्टाइरीन के सम्पर्क में रहने से, इंसानों की लसदार झिल्ली और आंखों में बेचैनी हो सकती है, और पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है.

दूसरी ओर, लम्बे समय तक इसके सम्पर्क से सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, जिससे सिर दर्द, थकान, कमज़ोरी, निराशा, सुनने में कमी, और तंत्रिकाओं को नुक़सान पहुंच सकता है.

यूके की सरकारी एजेंसी- हेल्थ एण्ड सेफ्टी एग्ज़िक्यूटिव के अनुसार, अधिक मात्रा में इसके सम्पर्क में आने से बेहोशी अथवा मौत भी हो सकती है.

स्टाइरीन रिसाव कैसे हुआ?

आईआईटी गुवाहाटी में रसायन विभाग के परमेश्वर अय्यर ने दिप्रिंट को बताया, ‘स्टाइरीन अपने आप में ज़हरीली है, लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि ये लीक होकर 4-5 कोलोमीटर के दायरे में फैल जाए. ये संभावना अधिक है कि स्टाइरीन के साथ कोई दूसरा कैमिकल भी लीक हो गया है’.

‘लेकिन स्टाइरीन की भाप अगर भारी मात्रा में सांस के साथ अंदर चली जाए, तो उससे त्वचा और आंखों में जलन, और सांस में परेशानी हो सकती है.’

पुणे की नेशनल केमिकल लैबोरेट्री के पूर्व निदेशक, डॉ स्वामीनाथन शिवराम ने भी कहा कि अभी इसकी और विस्तृत जानकारी लेने की अवश्यकता है. शिवराम ने दिप्रिंट से कहा, ‘अगर ये हवा में रिस रही है, तो फिर ये कोई गैसीय पदार्थ है, तरल पदार्थ नहीं है. स्टाइरीन एक तरल पदार्थ होता है, जिसका उबलने का समय बहुत लम्बा होता है.’

उन्होंने कहा, ‘जब तक बहुत अधिक तापमान की स्थिति न हो, जैसा कि आग या कोई विस्फोट, तब तक स्टाइरीन हवा में लीक नहीं हो सकती.’

कोविड-19 की वजह से फैक्ट्री में मौजूद रसायनों की रखवाली नहीं हुई थी.

शिवराम ने कहा, ‘हमें थोड़ा और समझना होगा कि इस घटना के समय वहां और क्या हो रहा था.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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