scorecardresearch
Tuesday, 19 November, 2024
होमदेशकैसे चट्टानों को चीड़कर 41 मज़दूरों को निकाला गया: देखे उत्तरकाशी सुरंग के रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें

कैसे चट्टानों को चीड़कर 41 मज़दूरों को निकाला गया: देखे उत्तरकाशी सुरंग के रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें

निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मज़दूरों को 17 दिनों के बाद मंगलवार को देर रात निकाल लिया गया. मज़दूरों को निकालने के लिए रैट होल माइनिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया.

Text Size:

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा-बड़कोट सुरंग में 17 दिनों से फंसे 41 मजदूर मंगलवार रात को बाहर निकाल लिए गए. मजदूरों के निकलते ही जयकारे लगे और आतिशबाजी की गई.

कई दिनों से इलाके में डेरा डाले उनके रिश्तेदारों ने खुशी के आंसुओं के साथ उनका स्वागत किया. उनमें से कई मज़दूरों के परिवार अब दोबारा दिवाली मनाने की योजना बना रहे हैं.

यह एक चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान था जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की कुल 13 एजेंसियां ​​शामिल थी.

इनमें तेल और प्राकृतिक गैस निगम, बिजली कंपनियां एसजेवीएन और टीएचडीसी, रेल विकास निगम लिमिटेड और सुरंग परियोजना को लागू करने वाली इकाई राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड शामिल थे. साथ ही कई विदेशी विशेषज्ञ भी इसमें लगे हुए थे.

बचाव अभियान का अंतिम चरण रैट माइनर्स द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिन्होंने 12-15 मीटर मलबे में सेंध लगाई और फंसे हुए श्रमिकों के लिए एक निकासी पाइप बिछाया.

दिप्रिंट के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट सूरज सिंह बिष्ट – जो बचाव अभियान के शुरुआती दिनों से ही उत्तराखंड में थे – ने इन तस्वीरों को कैद किया है कि कैसे पिछले 17 दिनों में यह अभियान पूरा किया गया.

Ambulances in standy by in the entrance of the tunnel | Suraj Singh Bisht | ThePrint
सुरंग के प्रवेश द्वार के सामने स्टैंडबाय पर एम्बुलेंस | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Emergency vehicle inside the tunnel to carrying rescued workers | Suraj Singh Bisht | ThePrint
बचाए गए मज़दूरों को ले जाने के लिए सुरंग के पास पार्क किए गए आपातकालीन वाहन | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Ambulances carrying rescued workers leave after emergency and rescue teams safely brought out all trapped workers from the collapsed Silkyara tunnel in the Uttarkashi | Suraj Singh Bisht | ThePrint
बचाए गए श्रमिकों को ले जाती एंबुलेंस | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Ambulances carry rescued workers | Suraj Singh Bisht | ThePrint
बचाए गए श्रमिकों को ले जाती एंबुलेंस | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Ambulances carrying rescued workers leave after emergency and rescue teams safely brought out all trapped workers from the collapsed Silkyara tunnel in the Uttarkashi | Suraj Singh Bisht | ThePrint
बचाए गए श्रमिकों को ले जाने वाली एम्बुलेंसें रवाना हो रही । फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

जैसे ही स्टैंडबाय पर मौजूद एंबुलेंस मज़दूरों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक ले गईं, बाहर खड़े लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ तथा ‘धामी-मोदी गंभीर है’ जैसे नारे लगाने लगे. साथ ही स्थानीय लोगों ने आपस में भी मिठाइयां बांटी. 

एम्बुलेंस में बैठे कुछ श्रमिकों के चेहरे पर मुस्कान थी जबकि अन्य के चेहरे पर थकान दिखी. उन्होंने मीडिया और भीड़ की ओर हाथ भी हिलाया.

यह भीषण ऑपरेशन, जिसे पूरे देश ने देखा और कई बाधाओं का सामना किया और उन पर काबू पाया, समाप्त हो गया था.

Machine on standby | Suraj Singh Bisht | ThePrint
वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Villagers and locals gather to look at the efforts by the operatives to rescue the 41 men trapped inside the collapsed under construction Silkyara tunnel in the Uttarkashi district of India's Uttarakhand state | Suraj Singh Bisht | ThePrint
स्थानीय लोग बचाव अभियान को देखते हुए | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
A girk making a video of silkyara tunnel where 41 workers were trapped | Suraj Singh Bisht | ThePrint
एक लड़की ने अपने फोन पर सुरंग में चल रहे बचाव अभियान का वीडियो शूट किया | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
workers gather to look at the efforts by the operatives to rescue the 41 men trapped inside the collapsed under construction Silkyara tunnel in the Uttarkashi district of India's Uttarakhand state | Suraj Singh Bisht | ThePrint
बैठे लोग। सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Ambulance and emergency vehicles are on standby near the face of the collapsed under construction Silkyara tunnel | Suraj Singh Bisht | ThePrint
सुरंग पर एम्बुलेंस और आपातकालीन वाहन स्टैंडबाय पर | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Medical team looking at the helicopter after the CM returned from the tunnel | Suraj Singh Bisht | ThePrint
सीएम के टनल से लौटने के बाद हेलीकॉप्टर को देखती मेडिकल टीम | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
National Disaster Response Force (NDRF) personnel along with other rescue operatives gather near the face of the collapsed under construction Silkyara tunnel in the Uttarkashi district | Suraj Singh Bisht | ThePrint
सुरंग पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
SDRF personnel entre inside the collapsed under construction Silkyara tunnel in the Uttarkashi district | Suraj Singh Bisht | ThePrint| Suraj Singh Bisht | ThePrint
एसडीआरएफ के जवान सुरंग में प्रवेश करते हुए | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Uttrakhand CM Pushkar singh dhami and other official at silkyara tunnel rescue site | Suraj Singh Bisht | ThePrint
बचाव के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी | सूरज सिंह बिष्ठ | दिप्रिंट

बचाव अभियान के दौरान ही साइट पर एक अस्थायी मंदिर बनाया गया था, जहां मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए पूजा पाठ होती थी. स्थानीय लोगों ने सोमवार को वहां हवन भी किया था.

A formation of Lord Shiva seen outside the Silkyara Tunnel during a rescue operation | Suraj Singh Bisht | ThePrint
सुरंग पर एक अस्थायी मंदिर | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Villagers and locals performing pooja havan for the safety of 41 men trapped inside the collapsed under construction Silkyara tunnel in the Uttarkashi district of India's Uttarakhand state | Suraj Singh Bisht | ThePrint | Suraj Singh Bisht | ThePrint
मजदूरों की सुरक्षा के लिए ग्रामीण और स्थानीय लोग पूजा-हवन कर रहे हैं। सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

कई दिनों तक सूखे मेवे और मुरमुरे खाने के बाद मज़दूरों द्वारा गर्म खाने की मांग करने के बाद उन्हें चावल, रोटी और दाल भेजा गया.

Worker filling dal in water bottle for the 41 trapped workers as an under construction tunnel has collapsed in the district of Uttarkashi | Suraj Singh Bisht | ThePrint
मज़दूरों को दाल भेजा गया । सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
Worker packing roti in foil paper for the 41 trapped workers as an under construction tunnel has collapsed in the district of Uttarkashi | Suraj Singh Bisht | ThePrint
फंसे हुए मजदूरों के लिए पैक की जा रही रोटियां | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

सिल्क्यारा सुरंग नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ना है.

A night view of collapsed Silkyara tunnel in the Uttarkashi | Suraj Singh Bisht | ThePrint
उत्तरकाशी में ध्वस्त सिल्क्यारा सुरंग के सामने रात का दृश्य | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
At the tunnel site | Suraj Singh Bisht | ThePrint
सुरंग स्थल पर हो रही ड्रिलिंग | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट
A view of tunnel | Suraj Singh Bisht | ThePrint
टनल के सामने का दृश्य | सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

यह भी पढ़ें: सिल्क्यारा सुरंग से निकाले गए 41 मजदूर- PM Modi ने की उनसे बात, परिजनों ने मनाया जश्न


 

share & View comments