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Friday, 15 November, 2024
होमदेशएक बर्थडे पार्टी की वजह से PGIMS रोहतक का लेबर रूम कैसे बना कोविड-19 का रेड ज़ोन

एक बर्थडे पार्टी की वजह से PGIMS रोहतक का लेबर रूम कैसे बना कोविड-19 का रेड ज़ोन

मध्य-मार्च में एक बर्थडे पार्टी में शिरकत करने के बाद, PGIMS रोहतक के गाइनोकोलोजी विभाग के स्वास्थ्य देखभाल करने वाले, 24 कर्मचारियों की जांच पॉज़िटिव पाई गई है.

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रोहतक: रोहतक का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (पीजीआईएमएस), एक कोविड-19 हॉटस्पॉट बनकर उभरा है, चूंकि 2 अप्रैल को संस्थान के गाइनोकोलोजी विभाग के, स्वास्थ्य देखभाल करने वाले 24 कर्मचारियों की जांच, पॉज़िटिव पाई गई है.

सभी संक्रमित स्टाफ सदस्य, गाइनोकोलोजी विभाग के लेबर रूम में तैनात थे.

सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, कि अस्पताल द्वारा की गई जांच में पता चला है, कि संक्रमण फैलने का स्रोत एक जन्मदिन पार्टी थी, जिसमें संक्रमित हुए लोगों में से एक कर्मचारी ने, मार्च के दूसरे सप्ताह में शिरकत की थी.

पीजीआईएमएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने, नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘फैकल्टी के एक सदस्य ने मार्च के दूसरे सप्ताह में, अस्पताल के बाहर एक बर्थडे पार्टी दी थी. आधा दर्जन पोस्टग्रेजुएट (पीजी) छात्र उस पार्टी में शरीक हुए. उस पार्टी में शामिल होने वाले एक सदस्य को, बुख़ार और मिचली जैसे हल्के लक्षण थे’.

‘स्टाफ के ये सभी सदस्य, एक ही लेबर रूम में तैनात थे, और एक ही हॉस्टल में रहते थे. इसी वजह से लेबर रूम, एक रेड ज़ोन में तब्दील हो गया’.

लेकिन, अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक, डॉ पुष्पा दाहिया ने इन ख़बरों का खंडन किया, कि एक सप्ताह के भीतर सभी डॉक्टरों के टेस्ट पॉज़िटिव आ गए थे.

उन्होंने कहा, ‘जिस ख़बर में कहा गया था, कि एक हफ्ते के अंदर सभी डॉक्टरों के टेस्ट पॉज़िटिव आ गए थे, झूठी है. पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था, और दूसरे केस का 17 मार्च को पता चला. फिर 19 मार्च को तीन स्टाफर्स पॉज़िटिव पाए गए’. उन्होंने आगे कहा, ‘उसके बाद, हर दूसरे दिन तीन या चार स्टाफर्स की रिपोर्ट पॉज़िटिव आने लगी. दो लोग 1 अप्रैल को पॉज़िटिव पाए गए. ये सब दो हफ्ते के अंदर हो गया’.

डॉ दाहिया ने ये भी कहा कि वॉर्ड में, किसी नर्स या मरीज़ का टेस्ट पॉज़िटिव नहीं निकला है, क्योंकि अस्पताल में कोविड-19 प्रोटोकोल्स का, सख़्ती से पालन किया जाता था.

उनके अनुसार, मार्च में चार गर्भवती महिलाएं पॉज़िटिव पाईं गईं थीं, लेकिन वो सब अस्पताल में भर्ती होने से पहले, कोरोनावायरस के संपर्क में आईं थीं.

डॉ दाहिया ने कहा, ‘लेबर रूम में ड्यूटी के दौरान स्टाफ के सदस्य पीपीई किट्स और एन-95 मास्क पहनते थे. कोई मरीज़ ऐसा नहीं देखा गया, जिसे स्टाफ से कोविड मिला हो’. उन्होंने आगे कहा, ‘अस्पताल परिसर के बाहर स्टाफ के सदस्य, एक साथ रहते और एक साथ खाते थे. इसी वजह से वायरस स्टाफर्स के बीच फैला, लेबर वॉर्ड के मरीज़ों में नहीं’.

एक पोस्टग्रेजुएट छात्र ने, जिसका टेस्ट पॉज़िटिव आया है, इस स्थिति के लिए विभाग को दोषी ठहराया. छात्र ने फोन पर कहा, ‘विभाग का बर्ताव ग़ैर-ज़िम्मेदाराना था, और पहले हफ्ते में उसने मामलों को गंभीरता से नहीं लिया’. उसने ये भी कहा, ‘मरीज़ों के तीमारदार मास्क नहीं पहनते. इस जिहालत की वजह से वायरस ने, पूरे वॉर्ड को संक्रमित कर दिया’.

संस्थान के गाइनोकोलोजी विभाग में 57 पीजी छात्र, 27 फैकल्टी सदस्य, और छह रेज़िडेंट डॉक्टर्स हैं. इनमें से 24 के टेस्ट पॉज़िटिव आए हैं.

एक सूत्र का कहना था, कि उनमें से कोई भी गंभीर नहीं है. सूत्र ने कहा, ‘स्टाफ के कुछ सदस्यों को हल्के लक्षण हैं, और बाक़ी बिना लक्षण के हैं’.


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लेबर वॉर्ड काम कर रहा है

संकट की वजह से लेबर वॉर्ड दो दिन के लिए बंद किया गया था- 31 मार्च और 1 अप्रैल- लेकिन डॉ दाहिया ने कहा कि वॉर्ड को, दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है, और गंभीर मामलों का ध्यान रखा जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘हमने लेबर वॉर्ड को पूरी तरह सैनिटाइज़ किया है, और उसे दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है. जो मरीज़ हमारे पास पहले से हैं, उनकी देखभाल की जा रही है’.

अधीक्षक के अनुसार, गाइनोकॉलजी विभाग में हर रोज़, क़रीब 600 मरीज़ों को देखा जाता है.

केवल 12 ने टीके की पहली ख़ुराक ली थी, 2 को दोनों डोज़ लगे थे

सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, कि 24 चिकित्सा स्टाफ में से, दो को टीके लग चुके थे, और 12 ने पहली ख़ुराक ली हुई थी.

अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा, कि बाक़ी ने टीके नहीं लगवाए थे. डॉक्टर ने कहा, ‘महिला डॉक्टर्स और नर्सें इस फर्ज़ी ख़बर की वजह से आशंकित हैं, कि वैक्सीन की वजह से बांझपन हो जाता है’.

‘इसके अलावा, एक सीनियर डॉक्टर जिन्होंने कोविशील्ड लिया, बीमार पड़ गए और दो हफ्ते तक नहीं आए. इसकी वजह से ज़्यादा छात्रों ने टीके नहीं लगवाए’.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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