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Friday, 28 November, 2025
होमदेशकपिल शर्मा कैफ़े पर फायरिंग का ‘साज़िशकर्ता’ कैसे दिल्ली पुलिस के जाल में फंसा

कपिल शर्मा कैफ़े पर फायरिंग का ‘साज़िशकर्ता’ कैसे दिल्ली पुलिस के जाल में फंसा

गोल्डी ढिल्लों गैंग का इंडिया-कनाडा हैंडलर बंधु मान सिंह सेखों, सरे पुलिस की कार्रवाई के बाद अगस्त में इंडिया आया था, जिसमें उसके कई साथियों को गिरफ्तार किया गया था.

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कनाडा के सरे (Surrey) में कॉमेडियन कपिल शर्मा के कैफ़े ‘कैप्स कैफ़े’ पर हुई लगातार फायरिंग की घटनाओं के मुख्य साज़िशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है.

गिरफ्तार आरोपी बंधु मान सिंह सेखों 28 साल का है. वह पंजाब के लुधियाना का रहने वाला है और अगस्त में सरे पुलिस की कार्रवाई के बाद भारत भाग आया था, जिसमें उसके कई साथियों को गिरफ्तार किया गया था. सेखों को गोल्डी ढिल्लों गैंग का इंडिया-कनाडा हैंडलर माना जाता है.

गोल्डी ढिल्लों गैंग कनाडा और भारत, दोनों जगह सक्रिय है और माना जाता है कि यह बड़े लॉरेंस बिश्नोई गैंग सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है. इस महीने की शुरुआत में पंजाब पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को ट्राइसिटी और पटियाला में टारगेटेड हमलों की साज़िश के आरोप में गिरफ्तार किया था. ढिल्लों पर भारत में हत्या, हत्या की कोशिश और कई अन्य मामले दर्ज हैं.

पुलिस के मुताबिक, कनाडा में कैप्स कैफ़े पर फायरिंग की योजना बनाने, उसे अंजाम देने और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने की जिम्मेदारी सेखों की थी. पुलिस का यह भी कहना है कि वह 20 नवंबर को दर्ज दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एक हाई-प्रोफाइल हथियारों की तस्करी के मामले में भी वांछित है.

सेखों की गिरफ्तारी भगोड़े गैंगस्टर सोनू खत्री के दो करीबी साथियों—मंदीप सिंह और दलविंदर कुमार—की दिल्ली के रोहिणी से गिरफ्तारी के बाद हुई. उनकी गाड़ी से तुर्की और चीन में बने आठ सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और 84 जिंदा कारतूस मिले थे.

क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने कहा, “पूछताछ में दोनों ने बताया कि खेप की एक पिस्तौल सेखों को दी गई थी. इससे यह साफ हो गया कि वह सोनू खत्री के अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय हथियार सप्लाई नेटवर्क का हिस्सा है. सोनू खत्री फिलहाल अमेरिका से ऑपरेट कर रहा है.”

इस खुलासे के बाद छापेमारी की गई और जांच टीम लुधियाना पहुंची. डीसीपी ने बताया, “टीम ने गुप्त निगरानी रखी. उन्नत तकनीकी निगरानी और ज़मीनी कार्रवाई से आरोपी बंधु मान सेखों की पहचान की गई.” हिरासत में पूछताछ के दौरान 28 साल के सेखों ने कैप्स कैफ़े पर हुई फायरिंग में अपनी भूमिका कबूल की.

कैप्स कैफ़े पर जुलाई से अब तक तीन बार फायरिंग हो चुकी है. पहली घटना 10 जुलाई की सुबह हुई, जब एक चलती कार से कैफ़े पर कई गोलियां चलाई गईं. शुरुआत में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हरजीत सिंह लड्डी ने इसकी जिम्मेदारी ली, लेकिन बाद में गैंगस्टर ढिल्लों ने भी इस हमले की जिम्मेदारी ली.

इसके बाद 7 अगस्त को दूसरा हमला हुआ, जिसकी जिम्मेदारी ढिल्लों और गैंगस्टर कुलवीर सिद्धू ने ली और इसे “चेतावनी” बताया. तीसरा हमला 16 अक्टूबर को हुआ, जब एक शूटर ने फिर से कैफ़े पर गोलियां चलाईं. इस बार भी कुलवीर सिद्धू और गोल्डी ढिल्लों ने जिम्मेदारी ली.

पुलिस के अनुसार, सेखों 13 सितंबर 2023 को वर्क परमिट पर कनाडा गया था और ब्रैम्पटन में रहता था.

डीसीपी ने बताया, “शुरुआत में वह एक दवा कंपनी में सुपरवाइजरी ऑफिसर के तौर पर काम करता था. वहीं उसकी मुलाकात गोल्डी ढिल्लों गैंग के सदस्यों दलजोत रेहाल, सीपू, शैरी और पंजाब के रहने वाले अन्य लोगों से हुई. इसके बाद वह गैंग में शामिल हो गया.”

“इससे पहले वह हैरी चाठा गैंग से जुड़ा हुआ था और उसे भारत के बिज़नेसमैन से फिरौती वसूलने की साज़िश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. यह काम वह हैरी चाठा के निर्देश पर करता था, जो गैंगस्टर से आतंकवादी बना और अब आईएसआई के लिए काम कर रहा है तथा पाकिस्तान में रह रहा है.”

सेखों के खिलाफ कनाडा में भी कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें संगठित अपराध की साज़िश, प्रतिबंधित हथियार का गैरकानूनी कब्ज़ा, हथियार का लापरवाह उपयोग, अपराध से जुड़ी संपत्ति का कब्ज़ा और बदले हुए सीरियल नंबर वाली बंदूक रखना शामिल है.

पुलिस के अनुसार, कैप्स कैफ़े पर फायरिंग करने वाले शूटर दलजोत रेहाल और गुरजोत थे, जो सीपू के निर्देश पर काम कर रहे थे. सीपू पर कनाडा में व्यापारियों के घरों पर फायरिंग, फिरौती, अवैध हथियार रखने और हत्या जैसे कई मामले दर्ज हैं. सीपू को गोल्डी ढिल्लों गैंग का अहम सदस्य माना जाता है.

सीपू की गिरफ्तारी के बाद ही फायरिंग की घटनाओं में सेखों का नाम सामने आया. वह 23 अगस्त को कनाडा पुलिस से बचने के लिए भारत भाग आया था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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