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Wednesday, 24 April, 2024
होमदेश'द वायर' के संपादक वरदराजन समेत 3 पत्रकारों के घरों पर छापा, अमित मालवीय के FIR पर कार्रवाई

‘द वायर’ के संपादक वरदराजन समेत 3 पत्रकारों के घरों पर छापा, अमित मालवीय के FIR पर कार्रवाई

पोर्टल ने अपनी खबरों में कहा था कि भाजपा नेता का मेटा (फेसबुक) के साथ गहरा संबंध है और वह भाजपा के हित के खिलाफ समझी जाने वाली किसी भी पोस्ट को हटवा सकते हैं.

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ‘द वायर’ के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन और संपादकों एमके वेणु, जाह्नवी सेन और सिद्धार्थ भाटिया के घरों पर छापेमारी की. भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय की शिकायत पर पुलिस ने ये कार्रवाई की है.

सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं. अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है.

यह छापेमारी भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय द्वारा समाचार पोर्टल और उसके पत्रकारों के खिलाफ कई रिपोर्टों के संबंध में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था, जिसमें जिक्र था कि कैसे मालवीय को सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा में खास तवज्जो प्राप्त हैं, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम का मालिक है.

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में वरदराजन, वेणु, भाटिया और सेन के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) 500 (मानहानि), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने पुष्टि की कि छापेमारी मालवीय द्वारा दर्ज मामले के संबंध में और अपराध शाखा द्वारा जांच के लिए की गई.

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वहीं एक दिन पहले द वायर ने अपने पूर्व कर्मचारी पूर्व सलाहकार देवेश कुमार के खिलाफ खुद ही शिकायत दर्ज कराई थी, जिन पर आरोप है कि उन्होंने अमित मालवीय के खिलाफ मनगढ़ंत खबरें चलाई थी.

मामले में पुलिस अधिकारी ने कहा था कि पोर्टल ने शनिवार देर रात ई-मेल के जरिये यह शिकायत दी थी. अधिकारी ने कहा था कि मामला दर्ज किया गया है. जांच शुरू कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय द्वारा ‘धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा’ कर ‘छवि धूमिल करने’ की शिकायत किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने शनिवार को ‘द वायर’ और उसके संपादकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

मालवीय ने शुक्रवार को कहा था कि वह ‘द वायर’ की खबरों (जिन्हें अब वापस ले लिया गया है) को लेकर पोर्टल के खिलाफ दीवानी और फौजदारी मामले चलाएंगे. पोर्टल ने अपनी खबरों में कहा था कि भाजपा नेता का मेटा (फेसबुक) के साथ गहरा संबंध है और वह भाजपा के हित के खिलाफ समझी जाने वाली किसी भी पोस्ट को हटवा सकते हैं.

मालवीय ने अपनी शिकायत दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (अपराध) को दी थी. भाजपा नेता ने अपनी तहरीर में ‘द वायर’, उसके संस्थापक संपादकों सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एम. के. वेणु, डिप्टी एडिटर और एक्जेक्यूटिव न्यूज प्रोड्यूसर जाह्नवी सेन, फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म और अन्य अज्ञात लोगों का नाम दिया है.

वहीं, ‘द वायर’ ने पिछले सप्ताह बाहरी विशेषज्ञों की मदद से इस्तेमाल की गई तकनीकी स्रोत सामग्री की आंतरिक समीक्षा करने के बाद संबंधित खबरों को औपचारिक रूप से वापस ले लिया था और इसके लिए खेद भी जताया था.

‘द वायर’ ने बृहस्पतिवार शाम एक बयान में कहा था कि पत्रकार खबरों के लिए सूत्रों पर भरोसा करते हैं और उन्हें प्राप्त होने वाली सामग्री को सत्यापित करने का भरसक प्रयास करते हैं.

(दिप्रिंट की बिस्मी तसकीन औक भाषा के इनपुट्स के साथ)


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