नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार, के.विजय कुमार और सीआरपीएफ के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रमुख एपी महेश्वरी ने अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना वायरस संक्रमित डॉक्टर के संपर्क में आने के कारण खुद को पृथक कर लिया है.
गुरुवार को सीएमओ की आई रिपोर्ट में वह नोवेल कोरोनावायरस पॉजीटिव पाए गए हैं. सुरक्षा सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, ‘अभी तक कम से कम 20 लोग कोरेंटाइन में चले गए हैं, लेकिन किसी में भी कोविड -19 के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं.’
अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि प्रमुख चिकित्सा अधिकारी कोविड-19 के चपेट में कैसे आए. वह दिल्ली के साकेत स्थिति ऑफिसर्स मेस में रहते हैं.
सूत्र ने बताया, ‘सीआरपीएफ का एक अधिकारी जो के विजय कुमार के साथ नियुक्त किया गया है वह उसी कांपलेक्स में रहते हैं जहां सीएमओ रहते हैं. वह और उनके साथ और जो भी लोग उनके संपर्क में थे सभी क्वारेंटाइन में चले गए हैं.’
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सीआरपीएफ के महानिदेशक माहेश्वरी के अलावा, कई और वरिष्ठ अधिकारियों में अतिरिक्त महानिदेशक (ओपीएस), महानिरीक्षक (चिकित्सा) और उप महानिरीक्षक (ओपीएस) भी सेल्फ क्वारेंटाइन में रखे गए हैं.
सूत्रों ने बताया कि कुछ हफ़्ते पहले छत्तीसगढ़ में हुए घातक नक्सली हमले के बाद, विजय कुमार के साथ सीआरपीएफ के जवान ने राज्य का दो दौरा किया था. ऐसे ही एक दौरे में विजय कुमार के साथ साकेत में रहने वाली अधिकारी भी उस टीम के साथ थे.
उदाहरण स्थापित कर रहे हैं
‘सीआरपीएफ में महानिदेशक और अन्य लोगों द्वारा सेल्फ क्वारेंटाइन में जाना एहतियाती कदम है. इस तरह से यह अधिकारी उदाहरण सेट कर रहे हैं कि किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में न आने के बाद भी आपको खुद को किस तरह से अलग रहना है और क्वारेंटाइन करना है. सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे सभी घर से काम कर रहे हैं.
विजय कुमार भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त 1975 अधिकारी हैं, उन्होंने सीआरपीएफ महानिदेशक के रूप में भी काम किया है. वह गृहमंत्रालय में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा मामलों के सलाहकार हैं, साथ ही साथ लेफ्ट विंग एक्सट्रिमिज्म के मामले भी देखते हैं.
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