रायपुर: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में सुरक्षा बलों के जवानों से संवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा. उन्होंने इसे आजादी के बाद का सबसे ऐतिहासिक क्षण बताया.
शाह ने कहा, “नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चे जब बंदूक छोड़कर हाथ में पेंसिल पकड़ते हैं, तो यह सिर्फ एक क्षेत्र नहीं बल्कि पूरे देश के भविष्य के लिए शुभ संकेत होता है.”
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद ने पिछले 35 वर्षों में लगभग 40 हजार जानें ली हैं और हजारों लोग जीवन भर के लिए अपंग हो गए हैं.
बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, बीएसएफ के महानिदेशक और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे.
गृहमंत्री ने CRPF, कोबरा, डीआरजी और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों की बहादुरी और बलिदान की सराहना करते हुए कहा, “आपके साहस, धैर्य और समर्पण ने पूरी दुनिया के सुरक्षा बलों को चौंकाया है. आप जो ठानते हैं, उसे पूरा करके दिखाते हैं.”
शाह ने कहा कि जिन इलाकों से अब नक्सलियों का सफाया हो रहा है, वहां सरकार अनाज, शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, मकान, शौचालय और साफ पानी जैसी सुविधाएं पहुंचाकर विकास की नई इबारत लिख रही है. उन्होंने कहा, “जब बच्चा पेंसिल से अक्षर लिखता है, तो बंदूकें हमेशा के लिए हार जाती हैं.”
अमित शाह ने इस अवसर पर नक्सल हिंसा में आदिवासियों के नरसंहार और बस्तर को बचाने की कोशिशों पर आधारित पुस्तक ‘लियोर ओयना’ का भी लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि यह किताब उन लोगों की आंखें खोलने का काम करेगी जो मानवाधिकार के नाम पर नक्सलियों के प्रति सहानुभूति दिखाते हैं.