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Tuesday, 5 November, 2024
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JNU के मेन गेट पर हिंदू सेना ने लगाए भगवा झंडे, संगठन ने कहा- अपमान किया तो उठाएंगे कड़े कदम

AISA से जुड़े एक छात्र ने अपना नाम न बताने के शर्त पर कहा, 'पहले वे हमें एडमिन के जरिए डराने की कोशिश कर रहे हैं और अब इस तरीके की हरकत कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: हिंसा को लेकर विवादों में चल रहे जेएनयू में रामनवमी पर मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि शुक्रवार को एकबार फिर जेएनयू के मेन गेट पर हिंदू सेना की ओर से भगवा झंडा और कुछ पोस्टर लगाए गए.

जेएनयू प्रशासन लगातार हिंसा की घटनाओं को लेकर अलर्ट पर है और दिल्ली पुलिस भी लगातार कैंपस गश्त लगा रही है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक हिंदू सेना नाम के संगठन ने जेएनयू के मेन गेट पर भगवा झंडे लगा दिए और ‘भगवा जेएनयू’ लिखे पोस्टर भी लगा दिए. हालांकि, झंडा लगाए जाने के थोड़ी देर बाद ही इसे हटा दिया गया और इस पर कार्रवाई की जा रही है.

झंडा लगाए जाने के सवाल पर दिल्ली पुलिस ने कहा, ‘आज सुबह पता चला है कि जेएनयू के पास वाली सड़क और आसपास के इलाकों में कुछ झंडे और बैनर लगाए गए हैं. हाल की घटनाओं को देखते हुए इन्हें तुरंत हटा दिया गया और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है.’


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संगठन की चेतावनी

संगठन ने चेतावनी भी दी कि यदि ‘भगवा का अपमान’ किया गया, तो ‘कड़े कदम’ उठाए जाएंगे.

हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने बताया कि दक्षिणपंथी संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने ‘भगवा जेएनयू’ के पोस्टर लगाए.

व्हाट्सऐप पर प्रसारित कथित वीडियो में गुप्ता यह कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘जेएनयू परिसर में भगवा का नियमित रूप से अपमान किया जा रहा है. हम ऐसा करने वालों को चेतावनी देते हैं. आप सुधर जाइए. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हम आपकी विचारधारा और हर धर्म का सम्मान करते हैं. भगवा का अपमान सहन नहीं किया जाएगा और हम कड़े कदम उठा सकते हैं.’

AISA से जुड़े एक छात्र ने अपना नाम न बताने के शर्त पर कहा, ‘पहले वे हमें एडमिन के जरिए डराने की कोशिश कर रहे हैं और अब इस तरीके की हरकत कर रहे हैं. हमारे ऊपर चारों तरफ से दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. वे हर संभव कोशिश करके जेएनयू को ओवर टेक करने की कोशिश कर रहे हैं.’

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर बोलते उन्होंने बताया, ‘जेएनयू दंगों में हुई हिंसा पर तो दिल्ली पुलिस कुछ कर नहीं पाई है. सभी को पता है वो किस के लिए काम करती है. उस पर हमारा कोई भरोसा नहीं है.’

विश्वविद्यालय परिसर में कावेरी छात्रावास के भोजनालय में कथित रूप से मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर रविवार को छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हुई थी. पुलिस का कहना है कि हिंसा में छह छात्र घायल हो गए थे. बहरहाल, दोनों समूहों ने दावा किया कि दोनों पक्षों के 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने छात्रों को छात्रावास के भोजनालय में मांसाहारी भोजन करने से रोका और ‘हिंसक माहौल पैदा’ किया, लेकिन एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज किया और आरोप लगाया कि ‘वामपंथियों’ ने राम नवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम को बाधित किया.


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रामनवमी के दिन हुई थी हिंसा

जेएनयू के कावेरी छात्रावास के मेस में रविवार को रामनवमी के अवसर पर मांसाहार परोसने को लेकर विद्यार्थियों के दो गुटों में झड़प हो गयी थी. पुलिस के अनुसार इस झड़प में छह विद्यार्थी घायल हो गये थे. AISA के छात्रों ने ABVP कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) से जुड़े जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सैकड़ों विद्यार्थियों ने सोमवार को यहां दिल्ली पुलिस मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय में हुई हिंसा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं की कथित भूमिका के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग की.

आइसा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कुछ विद्यार्थियों को हिरासत में रखा गया है और उन्हें तुगलक मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया है. हालांकि, पुलिस की ओर से इस आरोप के संदर्भ में कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) कैंपस के एक हॉस्टल में रविवार शाम रामनवमी के मौके पर चिकन बनने को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के लगभग 30-40 कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कथित तौर पर हंगामा किया और कुछ छात्रों पर हमला कर दिया. इस घटना में घायल होने के कारण पांच छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

कैंपस छात्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई एबीवीपी से जुड़े लगभग 30 छात्र हॉस्टल की कैंटीन में मांसाहारी भोजन को लेकर आपत्ति जता रहे थे.


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