नई दिल्लीः मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है चाहे वे किसी भी धर्म के हों.
हिंदू मुस्लिम एकता पर बोलते हुए आगे उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं. पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता.
लिचिंग के बारे में उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिंदुत्व के विरुद्ध हैं.
हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर उन्होंने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं. एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिये. उन्होंने कहा कि पिछले 40 हजार सालों से हम लोग एक ही पूर्वजों की संतानें हैं. भारत के लोगों का डीएनए एक ही है. हिंदू और मुसलमान दो अलग अलग ग्रुप नहीं हैं, उनमें एकता होने जैसा कुछ नहीं है वे पहले से ही एक हैं.
राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ काम ऐसे हैं जो कि राजनीति नहीं कर सकती. राजनीति लोगों में एकता नहीं पैदा कर सकती. राजनीति लोगों में एकता करने का औजार नहीं हो सकती बल्कि एकता को खत्म करने का हथियार हो सकती है.
हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं. यहां हिंदू या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता. केवल भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है.
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