नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि वह अतिक्रमण को लेकर मिजोरम के साथ सीमा विवाद के बाद ‘इनरलाइन फॉरेस्ट’ की सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय जाएंगे. उन्होंने दोनों राज्यों के बीच विवाद सीमा से जुड़ा है, यह राजनीतिक नहीं है.
गौरतलब है कि असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के सोमवार को अचानक हिंसक संघर्ष में तब्दील हो जाने से कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए.
It is a reserve forest. Can reserve forest be utilised for settlement? The dispute is not regarding land, it's regarding forest. Assam wants to protect the forest. It's not organising any settlement in forest area, we don't want any settlement there: Assam CM Himanta Biswa Sarma
— ANI (@ANI) July 27, 2021
सरमा ने कहा कि मिजोरम ने असम की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं किया, लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन सीमा की रक्षा की.
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि असम-मिजोरम की सीमा से लगते जिलों कछार, करीमगंज, हैलाकांडी में 3 कमांडो बटालियन तैनात करेगा.
सीएम ने कहा कि यह एक आरक्षित वन है. क्या आरक्षित वन का उपयोग सेटलमेंट के लिए किया जा सकता है? विवाद जमीन का नहीं, जंगल का है. असम जंगल की रक्षा करना चाहता है.
असम के सीएम ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. यह दो राज्यों के बीच सीमा विवाद है. यह लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद है. उस समय भी विवाद था जब दोनों जगह कांग्रेस की सरकार थी. यह दो राज्यों के बीच का विवाद है, दो राजनीतिक दलों के बीच नहीं.
सरमा ने कहा कि घटना असम की सीमा पर हुई. हमारी पुलिस मामले की जांच करेगी. इसकी जांच की जाएगी कि नागरिकों को हथियार कहां से मिले. पांच पुलिसकर्मियों की जान चली गई.
मिजोरम सरकार को असम सरकार और जनता से माफी मांगनी चाहिए: भाजपा सांसद दिलीप सैकिया
वहीं मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव एवं सांसद दिलीप सैकिया ने मंगलवार को कहा कि मिजोरम सरकार को असम सरकार और असम की जनता से दोनों राज्यों की सीमा को लेकर हुए हिंसक सघर्ष में पांच पुलिसकर्मियों की मौत के मामले में माफी मांगनी चाहिए.
असम के मंगलदोई से सांसद ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें कथित तौर पर ‘मिजो लोग’ घटना के बाद सोमवार को जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं.
सैकिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘मिजोरम की पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कल जो किया, वह निंदनीय है. एक वीडियो सामने आया था, जिसमें मिजोरम के लोग असम के पुलिसकर्मियों के मारे जाने का जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं. मैं असम की जनता और पुलिस पर इस बर्बरतापूर्ण हमले की निंदा करता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर वह वीडियो फर्जी नहीं है, तो सरकार को लोगों से माफी मांगनी चाहिए.’
सैकिया ने कहा, ‘इस प्रकार की घटनाएं भारतीय राष्ट्रीयता की भावना को हतोत्साहित करेंगी. दोनों राज्यों के बीच सीमा का मुद्दा दशकों पुराना है, लेकिन इस प्रकार की घटना पहली बार हुई है. मिजोरम सरकार को असम सरकार और उसकी जनता से माफी मांगनी चाहिए.’