नई दिल्ली: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. साथ ही मुकेश अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
Congress leader Sukhwinder Singh Sukhu takes oath as the chief minister of Himachal Pradesh at a ceremony in Shimla pic.twitter.com/ImX8kmkl3n
— ANI (@ANI) December 11, 2022
राहुल, प्रियंका, गहलोत पहुंचे
सुखविंदर सिंह सुक्खू के शपथ ग्रहण में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अशोक गहलोत भी पहुंचे हैं.
Himachal Pradesh | Congress leaders Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi Vadra along with party president Mallikarjun Kharge and party's state unit chief Pratibha Singh attend CM designate Sukhwinder Singh Sukhu's oath ceremony in Shimla pic.twitter.com/GIo7f7ZVfS
— ANI (@ANI) December 11, 2022
गांव में जश्न का माहौल
सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल देखने को मिला. गांव के लोग काफी खुश दिखे. एक ग्रामीण ने कहा, ‘ सुखविंदर सिंह सुक्खू हम में से हर एक के लिए एक प्रेरणा हैं, उन्होंने साबित कर दिया है कि एक बहुत छोटे से गांव का व्यक्ति भी इतनी ऊंचाई तक पहुंच सकता है.’
Himachal Pradesh| Sukhvinder Singh Sukhu is an inspiration to each one of us, he has proved that a person from a very small village can also reach such heights, says another local from Bhabhrean Village, Himachal CM elect’s native place pic.twitter.com/GJ8Stu1iTQ
— ANI (@ANI) December 11, 2022
उनके गांव की लड़की ने कहा, ‘यह हमारे लिए गर्व का क्षण है, सुक्खू हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं, हमारे गांव के बारे में पहले कोई नहीं जानता था. वह निश्चित रूप से राज्य के विकास के लिए काम करेंगे.’
संघर्ष से भरा रहा सफर
बस ड्राइवर के बेटे सुखविंदर सिंह सुक्खू एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता हिमालय राज्य सड़क परिवहन निगम में बस चालक थे. सुखविंदर सिंह सुक्खू एक समय में शिमला के किसी इलाके में दूध का दुकान चलाते हैं. सुक्खू ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से की थी. साल 2013 में सुक्खू को कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनें. उसके बाद रिकार्ड 6 साल तक वो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर काबिज रहें.
सुखविंदर सिंह सुक्खू साल 2003 में हमीरपुर जिले के नादौन विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. उसके बाद साल 2007 में वो दोबारा यहां से निर्वाचित हुए लेकिन 2012 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में वो दोबारा उसी सीट से जीते.
आज शपथ लेने के साथ ही सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रेम कुमार धूमल के बाद निचले क्षेत्र से मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे मुख्यमंत्री बनेंगे.
कांग्रेस हिमाचल विधानसभा की 68 में से 40 सीट जीतकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर कर दिया था. मतदान 12 नवंबर को हुआ था और परिणाम गुरुवार को घोषित किए गए थे.
प्रतिभा सिंह ने भी ठोका था दावा
पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने भी चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोका था. प्रतिभा अभी राज्य की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष भी हैं. प्रतिभा सिंह ने कहा था, कांग्रेस की स्थिति राज्य में अच्छी नहीं हैं, लेकिन जनता ने वीरभद्र सिंह जी के नाम पर वोट दिया. यह चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर जीता गया है. क्या आप उनके परिवार की विरासत को नजरअंदाज कर सकते हैं.’
हालांकि बाद में विधायकों की राय के आधार पर आलाकमान ने सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया.
शुरू से रहा है टकराव
हिमाचल के नए नवेले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का वीरभद्र सिंह और उनके परिवार से शुरू से ही टकराव रहा है. छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के साथ अक्सर टकराव होने के बावजूद सुक्खू 2013 से 2019 तक रिकॉर्ड छह साल तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने रहे. पार्टी का सुक्खू पर विश्वास कायम हो गया था तब जाकर पार्टी ने उन्हें राज्य चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था. साथ ही पार्टी ने अधिकतर सुक्खू के समर्थकों को चुनाव में टिकट भी दिया था.
यह भी पढ़ें: मोदी ने कहा था- चुनाव नहीं लड़ो, हिमाचल के फतेहपुर में BJP के बागी कृपाल परमार कांग्रेस से हारे