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Saturday, 21 December, 2024
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दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 सितंबर तक जेएनयू छात्र संघ चुनाव के नतीजों पर लगाई रोक

छह सितंबर को देर रात 11.55 मिनट पर वोटों की गिनती की प्रक्रिया शुरू हुई जिसे बीच में रोक दिया गया. हालांकि, गिनती फिर से शुरू हो गई है और आठ तारीख़ से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा.

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नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ के नतीज़ों की घोषणा पर दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद 17 सितंबर तक रोक लगा दी गई है. लिंगदोह कमिटी की सिफारिशों की अनदेखी की वजह से हाई कोर्ट ने ये आदेश दिया है.

छह सितंबर को देर रात 11.55 मिनट पर वोटों की गिनती की प्रक्रिया शुरू हुई जिसे बीच में रोक दिया गया. हालांकि, गिनती फिर से शुरू हो गई है और आठ तारीख़ से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा. आठ तारीख़ तक गिनती पूरी नहीं होने की स्थिति में पूरे चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया जाएगा.

काउंटिंग पर नहीं है रोक

हाई कोर्ट ने फिलहाल वोटो की गिनती पर रोक नहीं लगाई है. बावजूद इसके काउंटिंग में खलल पड़ी. जेएनयूएसयू ने अपने बयान में कहा, ‘काउंटिग रोके जाने के पीछे छात्रों और ग्रीवांस रिड्रेसल कमिटी (जीआरसी) में गतिरोध को भी एक कारण बताया गया है.’ ‘गतिरोध के पीछे की वजह ये भी बताई गई है कि अंतिम निर्णय की घोषणा के सिलसिले में जीआरसी काउंटिंग एजेंट्स से अंडरटेकिंग की मांग कर रही थी जिसके लिए एजेंट्स तैयार नहीं हुए.’

जेएनयू के मुख्य चुनाव आयुक्त शशांक पटेल ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने जीआरसी को इसके लिए मनाने की भरपूर कोशिश की कि वो ऐसी मांग न करें. इसकी वजह से काउंटिंग 11 घंटों तक रुकी रही.’ शशांक पटले के मुताबिक आयोग काउंटिंग पूरी करने के साथ-साथ ट्रेंड्स की भी घोषणा करेगा. हालांकि, अंतिम नतीजे जारी नहीं किए जाएंगे.
गुरुवार को हुए अध्यक्ष पद उम्मीदवारों की डिबेट के बाद शुक्रवार को कैंपस में वोट पड़े थे जिसके बाद नतीजे आठ तारीख़ तक आने थे. हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनज़र काउंटिंग के दौरान ट्रेंड की घोषणा तो होगी, लेकिन अंतिम राउंड का ट्रेंड नहीं बताया जाएगा. नीतजों पर सभी उम्मीदवार दस्तख़त करेंगे जिसके बाद उसे हाई कोर्ट में जमा करा दिया जाएगा.
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