नई दिल्ली: हाथरस गैंगरेप में SC-ST कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि किसी भी आरोपी पर गैंगरेप का आरोप साबित नहीं हुआ है. कोर्ट ने इस गैंगरेप के चार आरोपियों में से सिर्फ एक संदीप ठाकुर को गैर इरादतन हत्या (धारा-304) और SC/ST एक्ट का दोषी पाया है. बाकी के तीन आरोपी, रामू सिंह, रवि सिंह और लवकुश सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया. कोर्ट ने संदीप ठाकुर को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही उसपर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे
पीड़ित पक्ष के वकील ने SC-ST कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही है. पीड़ित पक्ष के वकील महीपाल सिंह निमहोत्रा ने कहा कि न्यायालय का फैसला सही नहीं है. हम इसके खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. वहीं अभियुक्त पक्ष के वकील मुन्ना सिंह पुंडीर ने कहा कि चौथा आरोपी संदीप ठाकुर भी बेगुनाह है. संदीप की बेगुनाही साबित करने के लिए हम हाई कोर्ट जाएंगे.
सीबीआई ने इस मामले में गैंगरेप और हत्या को लेकर चार्जशीट दाखिल की थी.
क्या था मामला
14 सितंबर 2020 को पश्चिमी यूपी के हाथरस के चंदपा इलाके के एक गांव में एक अनुसूचित जाति की लड़की के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था. आरोप था कि युवती के साथ गांव के ही चार लड़को ने गैंगरेप किया और गला दबाकर उसकी हत्या करने की कोशिश की.
29 सिंतबर 2020 को दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई. पुलिस ने युवती द्वारा दिए गए बयान के आधार पर उसके गांव के चार अभियुक्त संदीप, रवि, रामू व लवकुश को गिरफ्तार कर लिया था. बाद में इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई जिसके बाद सीबीआई ने स्पेशल जज के कोर्ट में एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. 18 दिसंबर 2020 को सीबीआई ने जांच के बाद हाथरस के विशेष न्यायालय में चारों अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
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