नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को भाजपा की सहयोगी अकाली दल की नेता और सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उन्होंने संसद में कृषि पर पेश किए गए तीन विधेयकों के विरोध में बृहस्पतिवार केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह पर केन्द्रीय मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा तत्काल स्वीकार कर लिया है.’
उसने कहा कि प्रधानमंत्री के सुझाव पर राष्ट्रपति ने कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.
इसे विपक्ष जहां अपनी जीत के तौर पर ले रहा है वहीं पीएम मोदी ने किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि ‘मैं हैरान हूं कि आज पंजाब के हजारों किसान, हरियाणा और देश के किसान सड़कों पर हैं औऱ आज हरसिमरत कौर कैबिनेट में नहीं बोली, आज उनके प्रधान को यहां पर बोलना पड़ा, यहां बोलेंगे, क्योंकि एक फायदा है, क्योंकि कोविड के जरिए वोटिंग नहीं होनी तो किसी को पर्ची नहीं देनी.
किसान को मुद्दों को लेकर लगातार आंदोलनरत स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने इस इस्तीफे को अपनी पहली जीत करार दिया है और पंजाब के किसान संगठनों के संघर्ष के लिए धन्यवाद कहा है. उन्होंने कहा है कि यह भारतीय कृषि में कंपनी राज के खिलाफ किसानों के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है.
First victory for farmers, thanks to the struggle by Punjab kisan organisations.
This is a turning point in the farmers' movement against company raj in Indian agriculture. https://t.co/1cPtKO4IMs
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) September 17, 2020
Two farmer-related Ordinances have been approved by the Lok Sabha. Farmers of Punjab and Haryana are on the streets protesting. Captures the distance between the people and the government!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 18, 2020
किसान संबंधी दो अध्यादेशों को लोकसभा द्वारा अनुमोदित किया गया है. पंजाब और हरियाणा के किसान सड़क पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा इस मुद्दे पर कहा कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं. मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी. ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं.
इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा. इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे.
लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे.
पीएम ने कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे लोकसभा में कृषि सुधार विधेयकों पर चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर @nstomar का भाषण जरूर सुनें.