नई दिल्ली: कैबिनेट से मंजूरी मिलने के कुछ दिनों बाद ही हरियाणा सरकार ने ‘समान प्रकृति वाले अपने कुछ विभागों को मर्ज और पुनर्गठन’ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि, विपक्ष ने कहा कि इस कदम से ‘बेरोजगारी बढ़ेगी’.
राज्य मंत्रिमंडल ने 14 दिसंबर, 2022 को हुई बैठक में विलय को मंजूरी दी थी, जबकि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा हस्ताक्षरित इस आशय की एक अधिसूचना 1 जनवरी, 2023 को सार्वजनिक की गई.
एम.एल. खट्टर के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने प्रशासनिक दक्षता में सुधार के लिए समान प्रकृति वाले कुछ विभागों की मर्जिंग और पुनर्गठित करने का फैसला किया. यह दावा किया गया कि विभिन्न विभागों के कामकाज में तालमेल लाने और काम को सुव्यवस्थित करने की दृष्टि से यह फैसला लिया गया है.
लेकिन, विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तर्क दिया कि इस कदम से बेरोजगारी बढ़ेगी. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की एक रिपोर्ट के हवाले से हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की बेरोजगारी दर 37.4 प्रतिशत पहले से ही देश में सबसे अधिक है और इस कदम से बड़ी संख्या में पद समाप्त हो जायेंगे.
हुड्डा ने सोमवार को दिप्रिंट से बात-चीत में कहा कि ‘हरियाणा लगातार बेरोजगारी में सबसे ऊपर रहने का पद हासिल कर चुका है. मीडिया में प्रकाशित सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा दिसंबर 2022 के महीने में 37.4 प्रतिशत की बेरोजगारी दर के साथ देश में सबसे ऊपर है, जबकि राष्ट्रीय आंकड़े 8.3 प्रतिशत हैं. बेरोजगारी को रोकने के लिए कदम उठाने के बजाय, सरकार विभागों को मर्ज कर रही है, इससे बड़ी संख्या में पद समाप्त हो जाएंगे और स्थिति ज्यादा खराब हो जाएगी.’
नया नामकरण
16 दिसंबर को विभागों के मर्जिंग एवं पुनर्गठन को लेकर प्रशासनिक सचिवों की बैठक को संबोधित करते हुए, हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार कैबिनेट, डायरेक्टरेट्स एवं यूटिलिटीज और ऑथोरिटीज पहले की तरह ही काम करते रहेंगे.
लगभग 30 विभाग ऐसे हैं जो मर्ज होंगे और जिसके बाद नए नामकरण वाले विभागों का निर्माण होगा.
उदाहरण के लिए, बिजली विभाग बिजली के उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित है, जबकि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग सौर, पवन और हरित ऊर्जा के अन्य रूपों की देखभाल करता है. अब ये दोनों विभाग ऊर्जा विभाग के नाम से एक ही जगह काम करेंगे.
इसी प्रकार पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का निर्माण अनुसंधान की दृष्टि से पुरातात्विक उत्खनन एवं अन्वेषण, आद्य-ऐतिहासिक, मध्यकालीन एवं ऐतिहासिक स्मारक स्थलों एवं अवशेषों के संरक्षण एवं संरक्षण हेतु किया गया.
यह खुदाई वाली जगहों और जिलों के जांच, बुकलेट्स, फ़ोल्डर आदि की शोध रिपोर्ट प्रकाशित करता है, प्रदर्शनियों का आयोजन करता है और शोधकर्ताओं और लोगों को उनकी प्राचीन विरासत से परिचित कराने के लिए बिक्री के लिए प्राचीन मूर्तियों की प्रतिकृतियां तैयार करता है. दूसरी ओर पर्यटन विभाग का लक्ष्य पर्यटन को विकसित करना है. अब ये दोनों विभाग पर्यटन एवं विरासत विभाग के तहत एक होकर काम करेंगे.
(अनुवाद | संपादन: अलमिना खातून)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘सत्र पर सत्र’, ‘सत्र पर सत्र’ बीते लेकिन पिछले साढ़े तीन साल में सदन में नहीं दिखे सांसद सनी देओल