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Friday, 8 November, 2024
होमदेशजासूस होने के शक में पाक जेल में सज़ा काट हामिद निहाल अंसारी आज भारत लौटेंगे

जासूस होने के शक में पाक जेल में सज़ा काट हामिद निहाल अंसारी आज भारत लौटेंगे

पाकिस्तान की जेल में अपनी सज़ा पूरी कर के भारतीय युवक हामिद निहाल अंसारी आज भारत लौट रहे हैं. कल पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसकी घोषणा की.

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नई दिल्ली:   निहाल अंसारी की पेशावर जेल की तीन साल की सज़ा 15 दिसम्बर को समाप्त हो गई थी पर वो भारत नहीं आ पाये थे क्योंकि उनके कानूनी कागज़ात तैयार नहीं थे. 13 दिसम्बर को पेशावर उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सरकार को एक महीने का समय दिया था जिसमें उनको भारत वापस भेजने की प्रक्रिया को पूरा किया जाना था.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘अंसारी को उनकी सज़ा पूरी होने पर भारत भेजा जा रहा हैं.’ उनका दावा था कि अंसारी ‘एक भारतीय जासूस थे जो गैर कानूनी तरीके से पाकिस्तान में घुसे थे. इनपर पाकिस्तान के खिलाफ़ काम करने और फर्ज़ी कागज़ात बनाने का दोषी पाया गया था. ’

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस घोषणा का स्वागत किया और कहा कि इससे अंसारी के परिवार को राहत महसूस होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना था कि 6 साल की जेल काट कर भारतीय नागरिक अब लौट रहा है. ‘हम चाहते हैं कि पाकिस्तान दूसरे भारतीय नागरिकों और मछुआरों को भी रिहा करे जिन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है पर फिर भी पाकिस्तान की जेलों में फंसे पड़े हैं.’

अंसारी की मां का कहना है, ‘वो अच्छे इरादे से गये थे पर शुरू में वे गुमशुदा हो गए और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और झूठे मामले में उन्हें फंसाया गया. उन्हें बिना वीसा के नहीं जाना चाहिए था. उनकी रिहाई मानवता की जीत हैं.’

क्या था मामला

नवंबर 2012 में पाकिस्तान के कोहाट से हामिद निहाल अंसारी को हिरासत में लिया गया था. माना जाता है कि अंसारी की 2012 में किसी लड़की से ऑनलाइन दोस्ती हुई और वो उससे मिलने अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान अवैध रूप से घुसा. मुम्बई निवासी अंसारी को भारतीय जासूस होने और पाकिस्तान के विरुद्ध काम करने के आरोप में हिरासत में लिया गया और पेशावर सेंट्रल जेल भेज दिया गया.

अंसारी के माता पिता ने उनकी रिहाई की लंबी लड़ाई लड़ी. वे उनके बेकसूर होने का दावा करते रहे हैं. अंसारी के पास मैनेजमेंट की डिग्री थी और उनके गायब होने के पहले ही उनकी मुम्बई के कॉलेज में नौकरी लगी थी. उनकी मां फौजिया कॉलेज में पढ़ाती हैं और पिता बैंकर हैं.

अंसारी इस कदर उस लड़की का दीवाना हुआ कि कई बार पाकिस्तान के वीज़ा न मिलने पर उसने अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान जाने का जोखिम उठाया और अवैध घुसपैठ के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

हाल में करतारपुर कोरिडॉर के खुलने जिससे सिख श्रद्धालुओं को अपने सबसे बड़े धार्मिक स्थल जाने का रास्ता साफ हुआ था और उसके बाद अब अंसारी कि रिहाई इमरान सरकार के दो ऐसे फैसले हैं जिससे आशा बंधी है कि कम से कम मानवतावादी मुद्दों पर दोनों देश संवेदनशील फैसले कर सकते हैं.

अंसारी की ही तरह पाकिस्तान के बलूचिस्तान से गिरफ्तार कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान भारत का जासूस बता कर अपनी हिरासत में रखे हुए है और उस मामले में उसका रुख अब भी कड़ा बना हुआ है.

भारत ने जहां अंसारी की रिहाई का स्वागत किया है, वहीं ये भी मांग की है कि दिमागी तौर पर बीमार कैदियों से भारतीय डॉक्टरों की टीम को मिलने दिया जाए ताकि वे उनके भारतीय होने को सिद्ध करने के लिए कागज़ात तैयार करवा सकें ताकि उनकी भारत वापसी हो सके. भारत ये भी चाहता है कि जॉइंट ज्युडिशियल कमेटी को भी जल्दी पाकिस्तान जल्दी जाने दिया जाए ताकि कैदियों से जुड़े मामले जल्द मानवीय तरीके से निपटाए जा सकें.

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