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Monday, 25 November, 2024
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इलाहाबाद HC से मिली अनुमति के बाद, ASI ने कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे शुरू किया

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी.

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नई दिल्ली: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक टीम शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहुंची और कड़ी सुरक्षा के बीच परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू किया.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी. कि यह पता लगाया जा सके कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे मस्जिद परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वेक्षण को चुनौती दी गई थी.

ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया, “सभी लोग (एएसआई अधिकारियों सहित) वहां पहुंच गए हैं. सर्वेक्षण शुरू हो गया है. हम भी अंदर जा रहे हैं.”

वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के एक आदेश में शहर में स्थित ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण एएसआई से कराने का आदेश दिया था.

अपने 16 पृष्ठ के आदेश में अदालत ने कहा, “इस अदालत के विचार में प्रस्तावित वैज्ञानिक सर्वेक्षण न्यायहित में आवश्यक है. इससे वादी और प्रतिवादी दोनों लाभान्वित होंगे और निचली अदालत को निर्णय करने में मदद मिलेगी। निचली अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश न्यायोचित तरीके से पारित किया था.”

हालांकि, जिला न्यायाधीश के आदेश ने परिसर के वुज़ू खाना (स्नान तालाब क्षेत्र) को बाहर कर दिया, जिसे शीर्ष अदालत के आदेश पर सील कर दिया गया है.

इससे पहले, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआई को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण शुरू नहीं करने के लिए कहा था क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मस्जिद का निर्धारण करने के लिए एएसआई द्वारा विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर 26 जुलाई शाम 5 बजे तक रोक लगाने के बाद मामले पर सुनवाई चल रही थी. वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित एक मंदिर के ऊपर बनाया गया था.


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