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Friday, 22 November, 2024
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ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद शिवलिंग मिलने का दावा, कोर्ट ने दिया जगह को सील करने का आदेश

ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है. स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सोमवार को तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हो गया. सर्वे खत्म होने के बाद ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के सोहन लाल आर्या ने कहा कि बाबा मिल गए. इसी पर सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने संकेत दिए हैं कि वहां शिवलिंग मिला है जिसकी नंदी प्रतीक्षा कर रहे थे. इस जवाब के बाद वहां ‘हर हर महादेव’ के नारे लगे.

कोर्ट ने कहा है कि जिस जगह शिवलिंग मिला है उसे तुरंत सील कर दें.

वाराणसी की अदालत ने डीएम वाराणसी को ‘उस क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया जहां एक ‘शिवलिंग’ पाया गया है और क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश को प्रतिबंधित किया है. डीएम, पुलिस आयुक्त, पुलिस आयुक्त, और सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी सील क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं.’

सोहनलाल ने मीडिया से कहा कि जैसे ही मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला वहां हर हर महादेव के नारे लगने लगे और लोग खुशी से नाचने लगे. हालांकि प्रशासन ने कहा है कि इस मामले में केवल आधिकारिक बयानों पर ही ध्यान दें.

वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सोमवार को संवाददताओं से कहा, ‘सोमवार को दो घंटे 15 मिनट से अधिक समय तक सर्वे करने के बाद अदालत द्वारा गठित आयोग (कोर्ट कमीशन) ने सुबह करीब 10.15 बजे अपना काम समाप्त कर दिया. सर्वे कार्य से सभी पक्ष संतुष्ट थे.’

उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है. स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.

रविवार को जिलाधिकारी शर्मा ने कहा था कि सोमवार का सर्वे कार्य सुबह आठ बजे से शुरू होगा और इस दौरान सभी पक्षों को मस्जिद परिसर में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है.

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने रविवार को कहा था कि आज सर्वे का लगभग 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और यह कल (सोमवार को) भी जारी रहेगा.

यादव ने कहा था कि चूंकि, इस तरह के सर्वे कार्य के लिए अधिवक्ता अभ्यस्त नहीं हैं और यह पूरी तरह से पुरातात्विक सर्वे का कार्य है, इसलिए इसमें थोड़ा समय लग रहा है.

वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य कराने के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) अजय मिश्रा को पक्षपात के आरोप में हटाने की मांग संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी थी. अदालत ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी.

दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त और अजय प्रताप सिंह को सहायक अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था.

उन्होंने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए थे.

जिला अदालत ने कहा था कि यदि सर्वेक्षण की खातिर परिसर के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के लिए चाबियां उपलब्ध नहीं हैं तो ताले तोड़े जा सकते हैं. अदालत ने अधिकारियों को सर्वे कार्य में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया था.

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने बीते शुक्रवार को सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, शीर्ष अदालत सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की एक याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हुई है.


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