नई दिल्ली: गृह मंत्रालय द्वारा जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा में गए पर्यटकों को लेकर जारी की गई एडवाइजरी के बाद सूबे में सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने एडवाइजरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि बीते कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त अर्धसैनिक बल की तैनाती गई है.
वहीं दूसरी तरफ राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘सबकुछ ठीक चल रहा है. जो भी आप सुन रहे हैं सब अफवाह है.’ मलिक ने यह भी कहा कि यहां जो भी हो रहा है यह सब नियमित और रूटीन का काम है. मुझसे उमर अब्दुल्ला और कुछ अन्य नेता मिलने आए थे और हमारी मुलाकात के बाद सभी निश्चिंत होकर गए हैं. वह मुझसे जो चाहते थे मैंने उन्हें बता दिया है.
जम्मू कश्मीर के हालात के बारे में सत्यपाल मलिक ने एएनआई से बातचीत में बताया, ‘जितना मेरी जानकारी में हैं यहां कुछ होने नहीं जा रहा है. मैं कल के बारे में कुछ नहीं जानता हूं. वह मेरे हाथ में नहीं है. लेकिन आज चिंता करने की कोई बात नहीं है.’
मलिक ने आगे सिक्योरिटी एडवाइजरी पर कहा, ‘पर्यटकों और श्रद्धालुओं की जिम्मेदारी हमारी है. हजारों की संख्या में आतंकी सीमा रेखा पर बैठे हैं और उसमें अधिकतर आत्मघाती है. अगर कुछ भी होता है तो उसका प्रभाव पूरे देश पर पड़ेगा और हमलोग उससे निपटने की कोशिश कर रहे हैं.’
J&K Guv on security advisory: It's our responsibility to see safety of pilgrims & tourists. Lot of terrorists are sitting across the Line to cross here & most of them are suicide bombers. If something happens, that will have repercussions all over country. We wanted to avoid that pic.twitter.com/lV8xF4zGka
— ANI (@ANI) August 3, 2019
सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती पूरे देश में चिंता का विषय है. सरकार ने दस दिन पहले एक पत्र जारी कर सभी पुलिस अधीक्षकों को 24 घंटे के भीतर दंगों से निपटने के लिए स्थिति साफ करने के लिए कहा है. ये 30 साल में कभी नहीं हुआ, लेकिन शुक्रवार को जो गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है. उससे पूरा देश चिंतित है.
Ghulam Nabi Azad, Congress: The advisory that was issued by Home Ministry yesterday is worrisome and people of the entire nation as well as of Jammu&Kashmir are scared. No govt has ever asked tourists to go back. Such thing has never happened. pic.twitter.com/wpKW8GUdyU
— ANI (@ANI) August 3, 2019
उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रियों सहित सभी पर्यटकों को जम्मू कश्मीर से वापस लौटने का निर्देश दिया है. जबकि अभी 15 दिन की यात्रा बाकी है. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. इस एडवाइजरी से हड़कंप मचा हुआ है. सभी जगह अफरातफरी का माहौल है. साल 2000 के हमले में सबसे ज्यादा यात्री और नागरिकों की हत्या हुई थी. तब भी ऐसी एडवइजरी जारी नहीं की गई थी.
आजाद ने कहा कि देश के दूसरे हिस्से लोग जो रोजी रोटी की तलाश में जम्मू कश्मीर में रह कर मजदूरी कर रहे है.वह वापस लौट रहे है. बड़े बड़े शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्र वापस लौट रहे है. सरकार उनके लिए बाकायदा बसे भेज रही है.
जम्मू—कश्मीर के सदरे रियासत रहे डॉ. कर्ण सिंह ने भी अमरनाथ यात्रा रोके जाने पर सवाल खड़े किए है. उन्होंने कहा कि अगर एक या दो स्नाइपर मिलने से अगर अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया यह तो हजम होने वाली बात नहीं है. क्योंकि इस तरह की घटनाएं होती रहती है. राज्य में सुरक्षा के लिए पहले से ही बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. इसके बाद भी वहां करीब 30 हजार सुरक्षाबलों की तैनाती क्यों की जा रही है.
कर्ण सिंह ने कहा कि 70 साल के सार्वजनिक जीवन में मैंने जम्मू कश्मीर में कई मुश्किल परिस्थतियां देखी है.लेकिन वर्तमान जो हालात है वैसे कभी नहीं हुए. अमरनाथ यात्रा को भी कभी बंद नहीं किया गया. ये शिव भक्तों के लिए गहरा धक्का है. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान पवित्र छड़ी का हर हाल में अमरनाथ जी की गुफा में पहुंचना होता है. अगर वो वहां नहीं पहुंचती है तो शुभ नहीं माना जाता है .उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में जो हालात बना दिए गए है. उससे सारा विकास ठप्प हो जाएगा.
प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने कहा कि राज्य के मौजूदा हालात पर पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के पॉलिसी प्लानिंग ग्रुप की बैठक में चिंता जताई है. यात्रा को रद्द करना बिल्कुल ठीक नहीं है.
वहीं, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जो हुआ है. वो पूरे हिंदुस्तान के लिए चिंताजनक है. यहां मौसम जम्मू कश्मीर के स्थानीय दुकानदारों, व्यापारियों के लिए आजीविका के लिए लिहाज से उचित समय है. ऐसे में वहां भय का माहौल इसे तहस नहस करने वाला है.
Mehbooba Mufti,PDP:Workers of all political parties should come together so that a message can be given to Centre that they can't toy with J&K's special position.Recent developments in J&K have created fear among people&it's unfortunate that Centre isn't issuing a clear statement pic.twitter.com/KaiSY0joJf
— ANI (@ANI) August 3, 2019
इधर, राज्य के हालात पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को एक साथ आना चाहिए ताकि केंद्र को एक संदेश जा सके वे जम्मू कश्मीर की स्थिति से खिलवाड़ नहीं कर सकते है. राज्य में हो रहे घटनाक्रमों से लोगों में डर पैदा हो गया है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र इस मामले में जवाब नहीं दे रहा है.