सिरसा: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने एक बार फिर एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 40 दिनों के पैरोल का अनुरोध किया है.
रोहतक की सुनारिया जेल में बलात्कार और हत्या के आरोप में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख अक्टूबर 2022 में 40 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर थे. हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने पुष्टि की, ‘डेरा चीफ के परिवार ने अपनी एवज में उनके लिए एक महीने की के पेरोल के लिए अर्जी दी थी लेकिन यह अदालत और आयुक्त द्वारा तय किया जाएगा कि उन्हें कितने दिनों के लिए पैरोल मिलेगी और वह इस दौरान कहां रहेंगे.”
गौरतलब है कि डेरा प्रमुख को हरियाणा पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले पैरोल दी गई थी. रहीम को 17 जून को एक महीने की पैरोल मिली थी. वह 2017 से हरियाणा की सुनारिया जेल में कैद हैं, जहां वह सिरसा में अपने आश्रम के मुख्यालय में दो महिला शिष्यों के साथ बलात्कार करने के आरोप में 20 साल की सजा काट रहे हैं. इससे पहले फरवरी में डेरा प्रमुख को तीन सप्ताह का फरलो दिया गया था.
जबकि पैरोल का अर्थ है एक विशेष उद्देश्य के लिए अस्थायी रूप से या अच्छे व्यवहार के वादे पर सजा पूरी तरह से समाप्ति के पहले कैदी की रिहाई से है, जबकि फरलो में किसी कैदी को जेल से अल्पकालिक अस्थायी रिहाई ही दी जाती है.
उन्हें अगस्त 2017 में पंचकुला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के लिए दोषी ठहराया था. सीबीआई ने 2003 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के आधार पर मामला दर्ज किया था और कुरुक्षेत्र में पुलिस स्टेशन सदर में पहले दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ली थी.
आरोप है कि कुरुक्षेत्र के गांव खानपुर कोलियान निवासी रणजीत सिंह की हत्या 10 जुलाई 2002 को उस समय कर दी गई जब वह अपने खेतों में काम कर रहा था.
गहन जांच के बाद, सीबीआई ने 2007 में छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया और 2008 में आरोप तय किए गए, जबकि 8 अक्टूबर, 2021 को अदालत ने रहीम और चार अन्य को डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराया.
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