खेड़ा, गुजरात: गुजरात में खेड़ा जिले के उंधेला निवासियों का कहना है कि मंगलवार दोपहर करीब एक बजे स्थानीय पुलिसकर्मियों ने उन्हें गांव की मुख्य चौक पर इकट्ठा होने को कहा था.
करीब एक घंटे बाद पुलिस 10 मुस्लिम युवकों को चौक पर लेकर आई. उन सभी को बिजली और टेलीफोन केबल वाले खंभे से बांध दिया गया और सादी वर्दी वाले पुलिसकर्मियों—उनमें से एक ने पिस्तौल भी लगा रखी थी—ने इन्हें डंडों से बेरहमी से उन्हें पीटा. फिर पास ही खड़ी पुलिस वैन में डालकर ले गए.
बाद में सामने आए इस घटना के वीडियो में नजर आ रहा है कि जब युवकों की पिटाई चल रही थी तो वहां मौजूद ग्रामीण ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे. कुछ अन्य लोगों को खुशी जताते, तालियां पीटते और जयकारे लगाते भी देखा गया.
इन मुस्लिम युवाओं का ‘अपराध’? ये उन 43 लोगों में शामिल थे, जिन्होंने पिछली रात उसी चौक पर कथित तौर पर पत्थर फेंके, हिंसा फैलाई और एक गरबा कार्यक्रम को बाधित किया.
डंडों से पीटने के वीडियो वायरल होने के साथ तालिबान-शैली में सार्वजनिक तौर पर सजा दिए जाने की इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश फैल गया है.
उंधेला निवासी गीताबेन शर्मा कहती हैं, ‘हर घर में संदेश भेजकर लोगों को बुलाया गया था, आरोपियों की पिटाई से पहले ही हम वहां पर जमा हो गए थे, वहां कैमरे थे, और इसके वीडियो बनाए गए.’
वहीं, इससे पहले सोमवार को पथराव की एक घटना में घायल दिलीप पटेल कहते हैं, ‘ऐसा उन्हें सबक सिखाने के लिए किया गया, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. इसमें कोई शक नहीं कि वो पुलिसवाले ही थे जिन्होंने आरोपियों को पीटा. मुख्य चौक में ऐसा काम और कौन करेगा?’
सोमवार को पथराव की घटना में घायल हुए भावेश पटेल की पत्नी हंसा पटेल जैसे कुछ ग्रामीणों के लिए सांप्रदायिक तनाव खत्म करने के लिए जो भी कार्रवाई की जाए कम ही है.
उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने इस गांव में काफी कुछ देखा है, यह हमारे परिवार के लिए एक भयावह समय रहा है. कोई भी कार्रवाई पर्याप्त नहीं हो सकती.’
बुधवार को जब रिपोर्टर ने उंधेला का दौरा किया तो चौक पुलिस कर्मियों से भरा हुआ था, लेकिन उनमें से कोई भी पिछले दिन की घटना के बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं था.
क्या हुआ था सोमवार की रात
गांव के हिंदुओं का आरोप है कि सोमवार रात की घटना में करीब 100-150 मुस्लिम पुरुष शामिल थे. उनका दावा है कि उन लोगों ने न केवल पत्थर फेंके बल्कि गरबा में शामिल लोगों और पुलिसकर्मियों पर लाठियों और हॉकी स्टिक से हमला भी किया.
हिंसा की इस घटना में 43 मुस्लिम युवकों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट है. इसमें से 13 पुलिस हिरासत में हैं, बाकी फरार हैं.
हिंदू ग्रामीणों का दावा है कि चौक इलाके में हिंदू और मुस्लिम निवासी एकदम बंटे हुए और सांप्रदायिक तनाव यहां के लिए कोई नई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि इसी तरह की हिंसा पिछले साल भाई दूज समारोह के दौरान भी हुई थी.
बुधवार को चौक पर सन्नाटा पसरा नजर आया और इलाके में कोई मुस्लिम युवक नहीं मिला. दिप्रिंट ने जिन कुछ मुस्लिम महिलाओं से बात भी की उन्होंने घटना के बारे में कुछ भी कहने से परहेज किया.
मुस्लिम युवकों की पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं जाहिर की गई हैं.
जमालपुर-खड़िया के कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला—जिन्होंने डीजीपी को पत्र लिखा है—ने दिप्रिंट को बताया कि यह एक शांतिपूर्ण जिले में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘हम पत्थर फेंकने वाले किसी व्यक्ति के साथ नहीं हैं लेकिन क्या पुलिस की तरफ से इस तरह की कोई कार्रवाई उचित है? पुलिस को ऐसा करने का अधिकार नहीं है. भले ही गिरफ्तार किए गए लोग आरोपी हैं, न्याय तो हमारी न्यायिक प्रक्रिया के आधार पर होना चाहिए.’
दिप्रिंट के संपर्क करने पर मटर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने डंडों से पिटाई की घटना पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
दिप्रिंट ने इस मामले में टिप्पणी के लिए खेड़ा के एसपी राजेश गढ़िया और गुजरात के डीजीपी आशीष भाटिया से भी संपर्क साधा है. उनकी तरफ से कोई जवाब मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
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