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Saturday, 2 November, 2024
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खुद से शादी करने को तैयार गुजरात की क्षमा बिंदु लेकिन पुजारी, परिवार और नेता नाराज

भाजपा नेता सुनीता शुक्ला ने कहा कि ऐसा करना हिंदू धर्म के विरुद्ध है और इस तरह के कृत्यों से हिंदुओं की आबादी कम होगी.

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‘आई चूज मी’- अपने बाईं कॉलर बोन (हंसुली की हड्डी) के ठीक नीचे बने अपने टैटू के अर्थ को क्षमा बिंदु ने किसी की भी कल्पना से परे इसके एकदम से शाब्दिक अर्थ के रूप में अपना लिया है. उसने अब एलान कर दिया है कि वह खुद से शादी करेगी, जो शायद भारत की पहली एकल विवाह शादी (सोलोगैमी) होगी. इसके बाद से तो बस हंगामा सा ही बरस पड़ा है.

पुजारी शादी करवाने से पीछे हट गया है. विवाह स्थल, जो एक मंदिर है, अब इसके लिए उपलब्ध नहीं है. स्थानीय भाजपा नेताओं ने उसके फैसले की कड़ी निंदा की है और उससे नफरत करने वाले उसे बदनाम करने के लिए उसके अतीत को कुरेद रहे हैं. अब तक लगभग एक दर्जन पत्रकार उसके दरवाजे पर पहुंच चुके है, जिस पर अब ‘नो मीडिया अलाउड (मीडिया को अनुमति नहीं)’ का निशान बना है. और उसके पड़ोसियों की मांग है कि वह अपना फ्लैट तुरंत खाली करे.

यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि गुजरात के वडोदरा की इस 24 वर्षीय ‘डिजिटल क्रिएटर’ और रिक्रूटर (लोगों को काम पर लगवाने वाली) ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वह खुद से शादी करने जा रही है.

इस विपरीत प्रतिक्रिया, जिसके चलते अब पुजारी ने घोषणा की है कि वह उसकी शादी एक पेड़ से कराना पसंद करेगा, के बावजूद मेहंदी और हल्दी समारोहों के साथ शादी की तमाम तैयारियां पूरे जोरों पर है.

इस सारी आलोचना और उत्पीड़न को पूरी सिद्दत से लेते हुए बिंदु कहती हैं, ‘मंदिर नहीं तो कोई बात नहीं, शादी तो मैं करके रहूंगी.’

बिंदु ने हल्दी समारोह के लिए एक सादे पीले रंग की साड़ी’ पहनने की योजना बनाई है. मेहंदी वाले फंक्शन के लिए उन्होंने हरे रंग का एक कुर्ता और सफेद धोती खरीदी है जिसे वे पर्पल (बैंगनी) जैकेट के साथ पहनेंगी.

यह तथ्य कि वह एक तरह से वर्चुअल हाउस अरेस्ट (नजरबंदी) में है और मीडिया उसके दरवाजे के बाहर डेरा डाले हुए है, उसे खरीदारी के लिए निकलने से रोक नहीं सका. वह बताती हैं, ‘मैं अपना चेहरा ढक कर घर से बाहर निकल गयी और एक दिन में जितनी खरीदारी कर सकती था, वह सब कर लिया. अब तो, हर कोई मुझे मेरे चेहरे से पहचान सकता है और मुझे तंग किये जाने का डर है.’

शादी जून महीने की बाद वाली तारीखों में होने वाली है मगर, जिस तरह इस मामले ने लोगों का ध्यान खींचा है उस ने बिंदु को अपनी कुछ योजनाओं को बदलने के लिए मजबूर कर दिया है.

शुरुआत में, वह अपने लाल रंग के शादी के लहंगे में अपनी एक्टिवा स्कूटर की सवारी करना चाहती थी, जिस पर ‘जस्ट मैरिड’ लिखा हुआ हो. हालांकि, फिलहाल के लिए उन्होंने उस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

Bindoo shopping for her wedding lehenga | By special arrangement
शादी के लिए लहंगा खरीदती बिंदु | फोटो: विशेष प्रबंध

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‘राजनेता से लेकर पुजारी तक, सब हैं परेशान

उनके इन विचारों ने वडोदरा के भाजपा कैडर को परेशान कर दिया है. भाजपा नेता सुनीता शुक्ला ने कहा कि यह हिंदू धर्म के खिलाफ है और इस तरह के कृत्यों से हिंदुओं की आबादी कम होगी. शुक्ला ने कहा, ‘न तो संविधान और न ही समाज ऐसी शादी को मान्यता दे सकता है. उसके द्वारा शुरू की गयी इस प्रवृत्ति का पालन बच्चे शुरू कर देंगे. अगर 100 पुरुष और महिलाएं भी उसके द्वारा तय किये गए उदाहरण का पालन करते हैं और अगर हम प्रति परिवार औसतन दो बच्चे भी मान लेते हैं, तब भी हिंदुओं की संख्या 400 तक कम हो जाएगी.’

इस बीच, दिप्रिंट से बात करते हुए पुजारी देवेंद्र पंडित, जो शुरू में बिंदु की शादी कराने के लिए राजी हो गए थे, ने कहा कि उन्हें लगा था कि यह एक ‘कुंभ विवाह’ होने जा रहा है, जहां ‘मांगलिक दोष’ से छुटकारा पाने के लिए किसी मिट्टी के बर्तन या अन्य निर्जीव वस्तुओं से शादी की जाती है. लेकिन यह जानने के बाद कि बिंदु खुद से शादी करने जा रही है, उन्होंने इस समारोह को संपन्न करवाने से इनकार कर दिया. वे कहते हैं, ‘हिंदू धर्म में इसकी कोई जगह नहीं है.’

यदि बिंदु किसी गुड़िया, पेड़ या ‘मटकी’ से शादी कर रही होती तो देवेंद्र को उसकी शादी करवाने में खुशी होती लेकिन खुद से शादी करने की अवधारणा उनके लिए भी बहुत आगे की चीज है. देवेंद्र कहते हैं, ‘सूर्य देवता या मंगल देवता के दोष वाली मांगलिक महिलाएं पीपल के पेड़ या मटकी से शादी करती हैं. यह प्रावधान हमारे धर्म में है लेकिन खुद से शादी करना नहीं.’

चूंकि किसी पंडित का मौजूद होना अब संभव नहीं है, इसलिए बिंदु अब रिकॉर्ड किए गए मंत्रों का उपयोग करने के विचार का विकल्प तलाश रही है. अपने फोन की स्क्रीन को स्क्रॉल करते हुए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को देखती हुई और अपने दोस्तों के कॉल का जवाब देती हुई बिंदु दिप्रिंट को बताती है, ‘हम पहले से रिकॉर्ड किए गए शादी के मंत्र और श्लोक बजाएंगे और मैं उसके अनुसार ही सभी दिशानिर्देशों का पालन करूंगी. मुझे पता है कि मुझे अपने लिए कौन से वचन लेने हैं. तो इसमें कोई समस्या नहीं होने वाली है.’

Bindoo with her Haldi ceremony saree | Shubhangi Misra | ThePrint
बिंदु की हल्दी समारोह में पहने जाने वाली साड़ी | फोटो: शुभांगी मिश्रा/दिप्रिंट

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इस तरह की विपरीत प्रतिक्रिया के लिए नहीं थीं तैयार

हालांकि वह अपने फैसले पर परिवार की प्रतिक्रिया के बारे में चुप है, मगर क्षमा बिंदु के बहुत सारे दोस्त हैं जो उसे लगातार पूछते हैं कि उन्हें क्या पहनना है या वे उससे अपने शेड्यूल में फिट होने के लिए शादी की तारीखें बदलने का अनुरोध करते हैं या फिर जूम के माध्यम से इसमें शामिल होने का मौका तलाशते हैं.

किसी भी दुल्हन की तरह शरमाते हुए बिंदु इन सभी कॉलों का जवाब देती हैं और जब भी वह अपनी शादी की योजना के बारे में बातें करती है तो उसकी आंखें चमक उठती हैं. उसकी कॉलेज की दोस्त, गार्गी तबलावाला, उसे ‘झक्की, आत्ममुग्ध व्यक्तित्व’ के रूप में वर्णित करती हैं. वह चहकते हुए कहती है, ‘मैं उसे कॉलेज के पहले साल से ही जानती हूं. वह बहुत ही हटके इंसान हैं. चीजों को अपने खुद के तरीके से करती है और एक प्रकार से आत्ममुग्ध है.’

शुरू-शुरू में हैरान रह गए उसके दोस्तों ने अब उसके स्व-विवाह वाले विचार को स्वीकार कर लिया है. तबलावाला कहती हैं, ‘मुझे लगता है कि यह बहुत मजेदार है.’

हालांकि, बिंदु उस देशव्यापी हंगामे के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी, जो उसकी इस होने वाली शादी के कारण शुरू हुआ है. उसने अपने जान-पहचान के कुछ पत्रकारों से खुद से शादी करने के अपने फैसले के बारे में लिखने के लिए संपर्क किया था. 2 जून को, द टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस खबर को छापा, अगले ही दिन कम-से-कम दो दर्जन पत्रकार उनके घर के बाहर आ धमके. बिंदु रातों-रात एक राष्ट्रीय सनसनी बन गई. वह कहती हैं, ‘मैंने तो सिर्फ वडोदरा में यह समाचार साझा करने के बारे में सोचा था, लेकिन इसे जिस तरह का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आकर्षण मिल रहा है, वह डराने वाला है.’

वडोदरा में अपने हवादार वन-बीएचके फ्लैट में बैठी, बिंदु अपने फोन पर खबरों को स्क्रॉल कर रही हैं और उन टिप्पणियों के लिए सोशल मीडिया को खंगाल रही है जो उन्हें मिल रही हैं. तीन दिनों में ही उनके फॉलोअर्स की संख्या कुछ हजार से बढ़कर 24,000 हो गए हैं. मगर, इन्हीं कुछ दिनों में उनकी ट्रोलिंग हंसी-मजाक से गाली-गलौज में बदल गई है.

वह कहती हैं, ‘लोग मेरे इतिहास में काफी गहराई तक जा रहे हैं, वे मेरे परिवार के बारे में बेहूदा बातें कह रहे हैं. मैं अपने ऊपर लक्षित किए गए अपशब्दों को झेल सकती हूं लेकिन मेरे परिवार पर की गई टिप्पणियों से मुझे दुख हुआ है.’

बिंदु के घर का कोई भी दौरा उसके पड़ोसियों द्वारा आक्रामक पूछताछ का करना बन जाता है. जैसे ही दिप्रिंट उस जगह पर पहुंचा, उसके एक पड़ोसी ने हम से कहा कि ’तुम्हारा यहां क्या काम है? यदि आप एक रिपोर्टर हैं, तो अभी के अभी वापस जायें.’

Bindoo in her mehendi ceremony attire | By special arrangement
मेहंदी में पहनने के लिए बिंदु की ड्रेस | फोटो: विशेष प्रबंध

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दुल्हन हूं, बहू नहीं

हालांकि, बिंदु हमेशा एक दुल्हन बनना चाहती थी, मगर वह कहती हैं, वह कभी भी एक बहू नहीं हो सकती. उसने दिप्रिंट से कहा, ‘मैं नेटफ्लिक्स पर 2017 की एक कनाडाई टीवी सीरीज, ऐनी विद एन ई, देख रही थी जहां ऐनी कहती है, ‘मैं एक दुल्हन बनना चाहती हूं, लेकिन पत्नी नहीं.’ तभी मुझे यह विचार आया और मैंने सोलोगैमी (एकल विवाह) की खोज की.’

अब उसने खुद को चुना है. उसका शरीर एक कैनवास जैसा है- आत्म-प्रेम, दर्शन और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले 19 टैटुओं के साथ. उसके दाहिने कान के ठीक नीचे एक जापानी एनीमे की एक नग्न महिला आराम की स्थिति में लेटी हुई है. उसकी गर्दन के पिछले हिस्से पर उड़ते हुए पक्षी गुदे हैं और उसके दाहिने हाथ पर बुद्ध का चित्र बना हैं.

बिंदु को बखूबी पता है कि उसे क्या चाहिए. उसने 17 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था और तब से ही वह आत्मनिर्भर है. वह अहमदाबाद में पैदा हुई, दमन में पली-बढ़ी और उसने वडोदरा के कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, जहां वह अब काम करती है.

वह आत्म-विवाह के कृत्य को विवाह से फंदे में फंसी हुई अथवा विषाक्त (टॉक्सिक) या अपमानजनक संबंधों से बाहर आने वाली महिलाओं के सशक्तिकरण के रूप में देखती है. वह कहती है, ‘विवाह संबंधों में महिलाओं को अक्सर घरेलू शोषण और वैवाहिक बलात्कार का शिकार बनाया जाता है. बहुत सी तलाकशुदा महिलाओं ने मुझे यह कहते हुए लिखा है कि काश उन्हें इस अवधारणा के बारे में पहले पता होता, तो उन्होंने कभी शादी ही नहीं की होती.’

सोलोगैमी एक ऐसी पितृसत्तात्मक संस्था को पलटने का काम करती है जिसे हर महिला के जीवन में एक मील के पत्थर के रूप में देखा जाता है. बिंदु कहती हैं, ‘मैं अब सिंदूर लगाने का और इंतजार नहीं कर सकती. और इससे बेहतर क्या होगा कि मैं इसे अपने लिए लगाने जा रही हूं, अपनी सुरक्षा के लिए, किसी और के लिए नहीं.’

बिंदु, जो बाई-सेक्सुअल (उभयलिंगी) है और बाई-जेंडर (द्विलिंगीं) के रूप में अपनी पहचान रखती हैं- के लिए दिल का टूटना कोई नयी बात नहीं हैं.

वह अब तक दो गंभीर रिश्तों में रही है- एक पुरुष के साथ और दूसरा एक महिला के साथ, जिससे वह हाल ही में मार्च 2022 में अलग हुई थीं.

वह कहती हैं, ‘लोग अक्सर मुझे यह कहकर छोड़ देते हैं कि मैं उनके लिए ‘टू मच’ हूं’, मेरे पास देने के लिए बहुत सारा प्यार है. यह ओवरव्हेल्मिंग हो सकता है.’

Bindoo shows off her tattoos | Shubhangi Misra | ThePrint
अपने टैटू दिखाती बिंदु | शुभांगी मिश्रा/दिप्रिंट

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सोलोगैमी, पॉपुलर कल्चर में

सोलोगैमी या खुद से शादी करने का कृत्य, भारतीय लोकप्रिय संस्कृति (पॉपुलर कल्चर) में आम बात नहीं है और जब इसके बारे में बात की भी जाती है, तो यह आमतौर पर नकारात्मक ही होता है. उदाहरण के लिए, हार्दिक मेहता की 2021 की फिल्म में, रूही, जाह्नवी कपूर द्वारा अभिनीत मुख्य पात्र, एक आत्मा के वश में है. वह फिल्म के अंत में एनफील्ड बुलेट पर खुद को लेकर भागते हुए आत्मा से ‘शादी’ करने का फैसला करती है.

दूसरी ओर, जब कैरी ने ‘सेक्स एंड द सिटी ‘ के 2003 के एक एपिसोड में खुद से शादी करने का फैसला किया था, तो उसे दर्शकों और अविवाहित महिलाओं द्वारा खूब सराहा गया था. ग्ली के चीयरलीडिंग कोच सू स्लीवेस्टर ने भी ऐसा ही फैसला लिया था. 2016 में आई फिल्म जूलैंडर 2 में, बेनेडिक्ट कंबरबैच द्वारा निभाई गई एक ट्रांसजेंडर मॉडल, ऑल, ने भी खुद से शादी की थी.

हाल-फिलहाल में महिलाओं की बढ़ती हुई संख्या खुद से शादी करने का विकल्प चुन रही है. बीबीसी के एक लेख में दावा किया गया है कि 2000-2017 के बीच एक महिला ने 1,500 एकल विवाह समारोहों को संपन्न करवाया है. कनाडा में ‘मैरी योरसेल्फ’, यूनाइटेड स्टेट्स में ‘आई मैरिड मी.कॉम’ और जापान में सेरका ट्रेवल्स जैसे सेल्फ-वेडिंग सर्विस प्रोवाइडर हैं.

कानूनन भारत में खुद से शादी करने का कोई प्रावधान नहीं है. बिंदु इसे बदलना चाहती है. उसने दिप्रिंट को बताया, ‘मैंने विचार कर रही हूं और शायद अपनी शादी के बाद इसे वैध रूप देने के लिए अदालत भी जाऊं.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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