नई दिल्ली: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इस सप्ताह लगातार दो घटनाओं में आवारा कुत्तों को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला गया, जिससे पशु-प्रेमियों और सोसाइटी के लोगों के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है.
जहां पहला मामला नोएडा फेज 2 से सामने आया, वहीं दूसरा ग्रेटर नोएडा के पॉश आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गेनाइजेशन (AWHO) गुरजिंदर विहार का है. दोनों ही मामलों में अभी गिरफ्तारी होनी बाकी है.
6 मार्च को, नोएडा फेज़ 2 का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक कुत्ते को दो छड़ी चलाने वाले आदमी पीटते दिख रहे हैं. भंगेल क्षेत्र से रिपोर्ट किए गए मामले में वकील विशाल गौतम द्वारा क्रूर प्रकरण के बारे में बार-बार ट्वीट किए जाने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई थी.
उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘शिकायत दर्ज करने के बाद भी, नोएडा फेज़ 2 पुलिस द्वारा कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. क्या वे दोषियों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं?’ इसे लोकप्रिय गायक मोहित चौहान से प्रतिक्रिया मिली जिन्होंने इस घटना को ‘बहुत बुरा’ करार दिया.
इसके बाद 7 मार्च को एक और ट्वीट किया गया जिसमें गौतम ने बताया कि इलाज के दौरान कुत्ते की मौत हो गई. जल्द ही, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की संबंधित धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई.
गौतम ने दिप्रिंट को बताया, ‘वीडियो दिल दहला देने वाला था. कुत्ते पर दो लोगों ने लाठी-डंडों से हमला किया. मुझे एक दोस्त से वीडियो मिला, जिसने शिकायत दर्ज की थी लेकिन जब तक मैंने ट्वीट नहीं किया, तब तक पुलिस इस मामले को लेने से हिचक रही थी. यदि कोई कुत्ता आक्रामक है, तो इसे अधिकारियों को सूचित किया जा सकता है और हम उन्हें टीका लगवा सकते हैं. हमारे पास कानून और नियम हैं. हमें उनका पालन करना चाहिए.’
पशु क्रूरता का एक और मामला तब सामने आया जब गुरजिंदर विहार के बीटा 2 में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के सदस्यों और अपस्केल सोसाइटी के अज्ञात गार्डों पर 3 और 4 मार्च की रात एक कुत्ते को पीट-पीटकर मार डालने का मामला दर्ज किया गया.
शिकायत सोसाइटी के एक निवासी द्वारा की गई थी, जो कुत्ते को खाना खिलाता था, जिसमें दावा किया गया कि एक कैब चालक ने देखा कि सोसाइटी के गार्ड काले कुत्ते को लाल कॉलर से पीट रहे थे, जिसे उसने अपने गले में डाल रखा था.
‘सोसाइटी के एक निवासी जिसे कैब ड्राइवर ने सोसाइटी में छोड़ा, उसके पास एक कॉल आया कि एक लाल कॉलर वाले काले कुत्ते को गार्ड द्वारा पीटा जा रहा है. सोसायटी के निवासियों ने मुझे फोन किया और मैं कुत्ते की तलाश में निकला और पाया कि वह गायब था.’
निवासी ने पुलिस को बुलाया, जिसने रात के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज हासिल किए जिसमें कथित तौर पर गार्ड कुत्ते को डंडों से पीटते हुए दिखाई दे रहे थे. निवासी के अनुसार, सोसाइटी में लापता सहित 45 कुत्ते हैं, जिनकी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा नसबंदी की जाती है और टीका लगाया जाता है.
पिछले 12 सालों से सोसाइटी में रह रहे निवासी ने बताया, ‘3 मार्च की रात को मैंने रात करीब 9 बजे कुत्ते को खाना खिलाया. वह चार साल का स्वस्थ कुत्ता था और पिछले तीन सालों से हमारे सोसाइटी में रह रहा है. वह खुशी-खुशी हमारे साथ था और मुझे यह जानकर दुख हुआ कि वह कैसे मारा गया. मुझे यह भी नहीं पता कि उसका शव कहां फेंका गया.’
एक अन्य निवासी ने घटना को लोगों के बीच कुत्तों द्वारा काटे जाने का डर बताया और कहा कि कुत्ते को छह महीने पहले टीका लगाया गया था. वह तीन महीने तक अधिकारियों की निगरानी में था, जिसके बाद इसे इलाके में घूमने की अनुमति दी गई थी.
उन्होंने कहा, ‘कुत्ते के काटने को लेकर फैला डर हत्या का कारण बना है. कुत्तों को खाना खिलाने वालों के खिलाफ समाज में लगातार आलोचना होती रही है.’
नोएडा और ग्रेटर नोएडा कुत्ते के काटने और हमले के मामलों में पहले भी चर्चा में रह चुका है. जैसा कि मामला ग्रेटर नोएडा की ला रेजिडेंटिया सोसायटी का है जिसमें पिछले साल नवंबर में सोसाइटी की लिफ्ट में एक पालतू कुत्ते ने छह साल के बच्चे को काट लिया था.
AWHO गुरजिंदर विहार मामले में, RWA ने इस घटना को ‘फर्जी’ करार दिया है और इसे अपनी छवि खराब करने का प्रयास बताया है.
आरडब्ल्यूए के एक सदस्य, एयर कमोडोर पुष्पेंद्र कुमार (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘हमारी सोसायटी में चार कुत्ते हैं जो निवासियों के लिए खतरनाक हो गए हैं. हमारी सोसायटी में लगभग 30 कुत्ते के काटने के मामले दर्ज किए गए हैं. काला कुत्ता उनमें से एक था. किसी ने गार्ड को कुत्ते को मारने के लिए नहीं कहा. हमने केवल उन्हें प्रबंधित करने के लिए कहा था.
उन्होंने आगे कहा, ‘वे (कुत्तों को खिलाने वाले) शहरी नक्सली हैं जो कुत्तों से नफरत करने वालों के रूप में हमारी छवि खराब करना चाहते हैं. लेकिन हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे.’
मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘जांच चल रही है और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. हम मामले की जांच कर रहे हैं. हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है और हम जल्द ही संदिग्धों को बुलाना शुरू करेंगे.’
(संपादन: अलमिना ख़ातून)
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