नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने क्रिपवाइज़र और एनिग्मा सहित कम से कम 14 इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप पर बैन लगा दिया है, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर जम्मू और कश्मीर में आतंकी समूहों द्वारा आपस में संवाद करने के लिए किया जा रहा था. सूत्रों ने दिप्रिंट को यह जानकारी दी.
केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इन ऐप्स की पहचान खुफिया एजेंसियों द्वारा की गई थी, जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को इन पर बैन लगाने की सलाह दी गई थी.
सूत्र ने कहा, “इन ऐप्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत ब्लॉक किया गया है.” यह कानून सरकार को इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं सहित अन्य ऑनलाइन बिचौलियों को ऐसी सामग्री या जानकारी को ब्लॉक करने के लिए निर्देशित करने में सक्षम बनाता है, जिसे वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानती है.
जिन ऐप्स पर बैन लगाया गया है उनमें जर्मनी मुख्यालय वाली ‘एन्क्रिप्टेड चैट ऐप’क्रिपवाइज़र, एनिग्मा (इंक्यूबेटा यूके द्वारा विकसित), स्विट्जरलैंड स्थित सेफस्विस, अमेज़न वेब सर्विसेज के स्वामित्व वाली विकर मी, अमेरिका की मीडियाफायर, ब्रायर (एक ओपन सोर्स मैसेजिंग ऐप) और कनाडा स्थित नैंडबॉक्स शामिल हैं.
केंद्र सरकार के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “यह एक नियमित मामला है. हम अपनी सुरक्षा समीक्षा के दौरान ऐसी दुरुपयोगी ऐप्स की पहचान करते रहते हैं और उन पर बैन लगाते हैं. यह भी आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच संचार को काटने का एक प्रयास है.”केंद्र सरकार के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया.
सरकार ने पहले कई मौकों पर राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरे का हवाला देते हुए मोबाइल एप्लिकेशन पर बैन लगाया है.
इनमें टिकटॉक, शेयर-इट, एमआई वीडियो कॉल, क्लब फैक्ट्री और कैम स्कैनर जैसे लोकप्रिय चाइनीज़ एप्लिकेशन सहित 200 से अधिक ऐप्स पर बैन शामिल है.
इस साल फरवरी में भी सरकार ने 138 बेटिंग और 94 लोन ऐप्स को ब्लॉक किया था.
(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)
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