नई दिल्ली : श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने स्वागत किया. वह 30 नवंबर तक भारत की यात्रा पर हैं.
President of Sri Lanka Gotabaya Rajapaksa in Delhi: During my tenure as President, I want to take Sri Lanka-India relationship to a higher level. The two countries have a long standing friendship. We need to work together for economic development and security of our people. pic.twitter.com/j999eUjpqm
— ANI (@ANI) November 29, 2019
गोटाबाया ने कहा कि वह अपने कार्यकाल में श्रीलंका-भारत के रिश्तों को ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं. दोनों देशों की दोस्ती का लंबा इतिहास रहा है. हमें अपने लोगों के आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे आज मोदी के साथ करेंगे बातचीत
श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे करीब हफ्ते भर पहले सत्ता की बागडोर संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे. उन्होंने अपनी इस यात्रा के जरिये दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने के अपने अपने इरादे जाहिर कर दिये हैं.
राजपक्षे दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने के तौर तरीके तलाशने के लिये शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विस्तृत बातचीत करेंगे. हालांकि, दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहले से ही प्रगाढ़ संबंध हैं.
दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान श्रीलंका में तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करना, हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिति और कारोबार एवं निवेश संबंधों को मजबूत करने के लिये कदम उठाये जाने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
पिछले सप्ताह भारत ने कहा था कि वह श्रीलंका के नये राष्ट्रपति के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं और उम्मीद जताई कि यह सरकार (राजपक्षे सरकार) वहां तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करेगी.
अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए रवाना होने से पहले राजपक्षे ने ट्वीट कर कहा कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिये आशान्वित हैं.
उन्होंने कहा, ‘अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत रवाना हो रहा हूं और नरेंद्र मोदी एवं भारत सरकार के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए आशान्वित हूं.’
वह यहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगे.
राजपक्षे श्रीलंका के पूर्व रक्षा मंत्री हैं और उन्हें देश में लंबे समय तक चले गृहयुद्ध को खत्म करने का श्रेय जाता है. उन्होंने 18 नवंबर को द्वीपीय देश के नये राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. एक दिन पहले ही उन्होंने देश में राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की थी.
इसके तीन दिन बाद उन्होंने अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की हवाईअड्डे पर अगवानी की.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजपक्षे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बधाई संदेश देने के लिए पिछले सप्ताह विशेष दूत के तौर पर कोलंबो की यात्रा की थी.
देश पर राजपक्षे परिवार की पकड़ मजबूत होने के बाद नयी सरकार की नीतियों को लेकर अल्पसंख्यक तमिल एवं मुस्लिम समुदाय के बीच आशंकाएं हैं.
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)