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Wednesday, 8 May, 2024
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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का वॉयस सैंपल देने से इनकार, कोर्ट ने कहा ‘कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा’

बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मुख्य आरोपी हैं. पुलिस का कहना है कि जेल में बंद इस गैंगस्टर को कथित तौर पर तिहाड़ के अंदर कई बार साथियों के फोन आए थे.

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नई दिल्ली: ‘सरदार ते गद्दी चढ़ादी’—यही इंटरसेप्ट की गई वो रिकॉर्डिंग है जिसके आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथियों की आवाज के नमूनों की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंसेज लैब (सीएफएसएल) में जांच कराने की मांग की थी. दिप्रिंट को मिली जानकारी में यह बात सामने आई है.

पंजाब के मानसा जिले में 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में एक मुख्य आरोपी बिश्नोई को तिहाड़ जेल के अंदर एक फोन आया था और उसी में यह बात कही गई थी. यह फोन आने से कुछ देर पहले ही बंदूकधारियों ने सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

बिश्नोई और उसके साथियों दीपक उर्फ टीनू, संपत नेहरा और बिंटू उर्फ मिंटू की आवाज के नमूने लेने के लिए पुलिस ने नवंबर में मकोका कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. 22 नवंबर को अदालत ने पुलिस के अनुरोध पर अपनी सहमति जता दी.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जहां नेहरा और बिंटू की आवाज के नमूने ले लिए गए थे, वहीं बिश्नोई ने बुधवार को लोधी कॉलोनी स्थित सीएफएसएल लैब पहुंचने के बाद ऐसा करने से इनकार कर दिया.

लैब में लाए जाने के बाद बिश्नोई ने बात करने से मना कर दिया. सूत्रों में से एक नs कहा कि जाहिर तौर पर इसका प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जाएगा.

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बाद में, दिल्ली पुलिस ने अदालत में एक आवेदन दायर किया जिसमें कहा गया कि बिश्नोई ने अपनी आवाज के नमूने देने से इनकार कर दिया है. इस पर गुरुवार को कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘राज्य की तरफ से कोर्ट को एक आवेदन देकर सूचित किया गया है कि लॉरेंस बिश्नोई ने लैब ले जाए जाने के दौरान इस तरह आवाज के नमूने देने से इनकार कर दिया. इस संबंध में जब आरोपी ने अपने विवेक से आवाज का नमूना न देने का विकल्प चुना है, तो अब अगले कानूनी कदम उठाए जाएंगे. मौजूदा मामले के तथ्यों पर किसी और निर्देश की आवश्यकता नहीं है.’

सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि बिश्नोई तिहाड़ जेल से अपने सहयोगियों के साथ संपर्क करने के लिए फोन नंबर—9643*******—का इस्तेमाल कर रहा है.

उन्होंने कहा कि इस नंबर का इस्तेमाल इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य तहसीन अख्तर भी कर रहा था, जो इसी जेल (तिहाड़ की जेल संख्या-8) में बंद था और पुलिस ने नौ मार्च से इस नंबर पर आने वाली कॉलों को इंटरसेप्ट करना शुरू कर दिया था.

इससे पूर्व, अख्तर का नाम तब सामने आया था जब पुलिस ने इजरायली दूतावास के बाहर बम धमाके और मुकेश अंबानी को धमकी के मामले में अपनी जांच की कड़ी उसके बैरक से मिले फोन से जुड़ी पाई. इस जांच में तेजी जैश-उल-हिंद की तरफ से टेलीग्राम संदेश भेज 29 जनवरी को दिल्ली स्थित दूतावास पर धमाके की जिम्मेदारी लिए जाने के बाद आई थी.

पुलिस के मुताबिक, बिश्नोई के सहयोगी बिंटू ने चार अलग-अलग फोन नंबरों के माध्यम से ऊपर दिए गए नंबर पर संपर्क किया था और अप्रैल से मई के बीच अनमोल बिश्नोई, बराड़, नेहरा और दीपक के साथ बिश्नोई की कॉन्फ्रेंस कॉल की व्यवस्था की.

सूत्र ने बताया, ‘बिश्नोई अपने सहयोगियों संपत नेहरा, बिंटू और दीपक के संपर्क में था. वह गोल्डी बराड़ के संपर्क में भी था. इंटरसेप्ट किए जाने के दौरान कई कॉल रिकॉर्ड की गईं लेकिन सवालों के घेरे में आए फोन का अभी तक पता नहीं लग पाया. अधिकांश बातचीत जिन पर हमें संदेह है, वे इन चारों के बीच की ही है.’

मूसेवाला की हत्या के तुरंत बाद पंजाब पुलिस ने कथित मास्टरमाइंड और साजिशकर्ताओं बिश्नोई और बराड़ के अलावा अन्य संदिग्धों के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की थी. बराड़ के अमेरिका में होने का संदेह है.

सूत्र ने कहा, ‘जिस रिकॉर्डिंग को हमने इंटरसेप्ट किया है, वह सिद्धू मूसेवाला के संदर्भ में होने का अनुमान है. जांच दल के पास जो रिकार्डिंग हैं, वे सभी गोपनीय प्रकृति की हैं. वे पीड़ितों का नाम नहीं लेते हैं. इन गिरोह के सदस्यों की कई रिकॉर्डिंग हैं जो अन्य गायकों को मारने, जबरन वसूली आदि के बारे में बात कर रहे हैं.’

नवंबर में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी संगठनों के साथ कथित संबंधों की जांच से पहले बिश्नोई के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था.

साथ ही, गोल्डी बराड़, विक्रम बराड़ के साथ-साथ प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के सदस्यों—दविंदर बंबीहा, कौशल चौधरी, नीरज बवाना, सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया, दिलप्रीत और सुखप्रीत उर्फ बुढा और मृतक हरविंदर रिंदा के खिलाफ भी यूएपीए लगाया गया था.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(अनुवाद:  रावी द्विवेदी)
(संपादन: हिना फ़ातिमा)


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