नई दिल्ली: अंतर-प्रतिद्वंद्विता गिरोह झगड़े में सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके के कनाडा में मारे जाने की खबरें सामने आने के कुछ घंटों बाद, विन्निपेग पुलिस ने शहर में उसकी मौत की पुष्टि की. पुलिस ने जांच की स्थिति सार्वजनिक की और कहा कि उनकी मानव वध (होमीसाइड) इकाई मामले की जांच कर रही है. विन्निपेग पुलिस ने कहा कि उस समय इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी.
Update: The Homicide Unit has now identified the victim as 39-year-old Sukhdool Singh GILL, and notifications to family members have been made.
The investigation is ongoing.https://t.co/pynBa9tOzS https://t.co/KEhjHwIiXH— Winnipeg Police (@wpgpolice) September 21, 2023
39-वर्षीय सुखदूल सिंह की हत्या ऐसे समय में हुई है जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा संसद में घोषणा किए जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है कि उनकी सरकार सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के साथ भारतीय एजेंटों को जोड़ने वाले “विश्वसनीय आरोपों” की जांच कर रही है.
दिप्रिंट सुखदूल सिंह की ज़िंदगी और अपराध की दुनिया से उसके जुड़ाव पर एक नज़र डाल रहा है.
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शुरुआत और अपराध सिंडिकेट
मोगा जिले के दुनेके गांव के रहने वाले सुखदूल सिंह ने अपने पिता को बचपन में ही पंजाब में आतंकवाद के कारण खो दिया था. उसके पिता नायब सिंह की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी और आतंकवाद पीड़ितों की कोटा नीति के तहत मुआवजे के अनुसार, उसे पंजाब सरकार में ग्रेड 4 की नौकरी मिल गई थी. हालांकि, वो वहां ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सका और छोटे-मोटे अपराधों में शामिल होने लगा.
उसके खिलाफ पहला मामला 2005 में फरीदकोट में एक भूमि विवाद से जुड़ा हुआ दर्ज़ किया गया था और फिर उसका नेटवर्क ज़मीन पर कब्जा करने, जबरन वसूली से लेकर पंजाब में आतंकवाद फैलाने के लिए उस फंड का उपयोग करने तक पूरी तरह से आपराधिक गतिविधियों तक फैल गया.
2017 तक मोगा और फरीदकोट में घर में कब्जा, जबरन वसूली से लेकर हत्या तक के अपराधों के लिए उसके खिलाफ 7 आपराधिक मामले दर्ज़ किए गए थे.
सुखदूल ने कनाडा में रहने वाले एक रिश्तेदार का साथ मिलने पर 2017 में भारत छोड़ दिया. उसने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया और कई गंभीर मामलों का सामना करने के बावजूद पुलिस वैरिफाई कराने के लिए पंजाब पुलिस के दो अधिकारियों के साथ मिलीभगत की.
पिछले साल जून में पंजाब पुलिस के एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) के आदेश पर उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ की गई थी, जिन्होंने वेरिफिकेशन किया था जिससे सुखदूल को पासपोर्ट मिल सके. एजीटीएफ की जांच में यह आरोप लगाया गया था कि पुलिस कर्मियों ने उचित पृष्ठभूमि की जांच नहीं की और उसके खिलाफ दर्ज़ सात में से दो प्रमुख मामलों को भी छोड़ दिया, जिसमें वह “घोषित अपराधी” था.
2017 में अपने प्रस्थान के बाद से वो देश नहीं लौटा और उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा तैयार की गई मोस्ट वांटेड लिस्ट में उसका नाम डाल दिया गया.
मोगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जे. एलानचेझियन ने दिप्रिंट को बताया कि उसके नाम पर 18 मामले दर्ज हैं.
सुखदूल वर्तमान में भगोड़े गैंगस्टर लकी पटियाल द्वारा संचालित दविंदर बंबीहा गिरोह का एक प्रमुख गुर्गा था और उसका नाम 2022 में जालंधर जिले में कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल की हत्या में भी सामने आया था.
सुखदूल को कनाडा स्थित गैंगस्टर अर्शदीप सिंह उर्फ दल्ला का प्रमुख सहयोगी माना जाता था और वो गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स के लिए धन जुटाता था.
अगस्त में एनआईए ने सुखदूल और दविंदर बंबीहा गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ एक आरोप पत्र दायर किया था जिसमें उन पर कई जेलों में बंद भारतीय सहयोगियों के साथ जबरन वसूली रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया था और उन फंडों का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था.
गुरुवार को सुखदूल का नाम एनआईए द्वारा किए गए पोस्ट (एक्स पर) की एक सीरीज़ में सामने आया था, जिसमें गैंगस्टरों या उनसे संबंधित व्यक्तियों के स्वामित्व वाली संपत्तियों के बारे में जनता से जानकारी मांगी गई थी.
— NIA India (@NIA_India) September 21, 2023
सुखदूल का अंत
20 सितंबर को विन्निपेग पुलिस की होमिसाइड यूनिट नॉर्थ इंकस्टर इंडस्ट्रियल एरिया में हेज़लटन ड्राइव के 200 ब्लॉक में पहुंची और वहां उन्हें सुखदूल सिंह का शव मिला.
खबरें आईं कि सुखदूल की हत्या एक गिरोह की प्रतिद्वंद्विता में की गई थी, लेकिन विन्निपेग पुलिस ने गुरुवार को जारी अपने आखिरी बयान में कहा कि इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि मामले की जांच अभी भी जारी है.
एक फेसबुक पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी सुखदूल सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली है. एनआईए और दिल्ली पुलिस द्वारा कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आरोपों का सामना करने वाला एक खूंखार गैंगस्टर बिश्नोई वर्तमान में ड्रग्स तस्करी मामले में अहमदाबाद जेल में है.
उन्हें “ड्रग एडिक्ट” कहते हुए पोस्ट में आरोप लगाया गया कि सुखदूल सिंह ने गायक विक्की मिद्दुखेरा, गुरलाल बराड़ की हत्या में भूमिका निभाई, जो एक अन्य भगोड़े गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नांगल का करीबी रिश्तेदार था. पोस्ट में कहा गया, सुखदूल को “उसके पापों की सज़ा दी गई”.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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