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Sunday, 10 November, 2024
होमदेशराम मंदिर, मणिपुर में संघर्ष खत्म करने की प्रार्थना से साक्षी मलिक के दुख तक — 10 तस्वीरों में 2023

राम मंदिर, मणिपुर में संघर्ष खत्म करने की प्रार्थना से साक्षी मलिक के दुख तक — 10 तस्वीरों में 2023

दिप्रिंट के फोटो जर्नलिस्ट ने इस साल की अपनी 10 शानदार तस्वीरें निकालने के लिए अपने आर्काइव को स्कैन किया है और यह मनीषा मोंडल की गैलरी है, जहां उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने इन्हें क्यों चुना है.

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लीड फोटो: अगले महीने राम मंदिर के उद्घाटन से पहले, अपनी पहली अयोध्या यात्रा पर मैंने पाया कि — हिंदू देवता सर्वव्यापी हैं | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

A woman CRPF jawan prepares for an assignment. These women strike a delicate balance every day — playing daughter, wife, mother, and a jawan. It is the confidence with which they perform these roles that makes this a special click for me | Photo: Manisha Mondal | ThePrint

सीआरपीएफ की एक महिला जवान अपने असाइनमेंट के लिए तैयार हो रही हैं. ये महिलाएं हर दिन एक – बेटी, पत्नी, मां और एक जवान की भूमिका में नाज़ुक संतुलन बनाती हैं. यह वो आत्मविश्वास है जिसके साथ वे इन भूमिकाओं को निभाती हैं जो इसे मेरे लिए खास बनाता है | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

Life is often as rough for these women as the road and terrain they are traversing here. Members of the CRPF's Valley Quick Action Team demonstrate how they patrol the Amarnath road | Photo: Manisha Mondal | ThePrint

इन महिलाओं के लिए जीवन अक्सर उतना ही मुश्किल है जितना कि जिन सड़कों और इलाकों से वो गुज़र रही होती हैं. सीआरपीएफ की वैली क्विक एक्शन टीम की सदस्य अमरनाथ रोड पर गश्त कर रही हैं | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

Ayodhya is a juxtaposition of the old and the new, all hinged on the Hindu deity Ram. Even his worship has many forms — like a modern light-and-sound show dedicated to him, and the traditional arti at the Saryu river ghat as seen in this photo. Mythology has it, that this is where Ram immersed himself as he bid adieu to his earthly life. For me, this is one of the lingering images of the town that is abuzz with activities ahead of next month's temple inauguration | Photo: Manisha Mondal | ThePrint

अयोध्या पुराने और नए का मिश्रण है, सभी हिंदू भगवान राम पर निर्भर है. यहां तक कि उनकी पूजा के भी कई रूप हैं — जैसे उन्हें समर्पित एक आधुनिक लाइट-एंड-साउंड शो और सरयू नदी घाट पर पारंपरिक आरती, जैसा कि इस तस्वीर में देखा जा सकता है. पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि यहीं पर राम ने अपने सांसारिक जीवन को अलविदा कहते हुए खुद को विसर्जित किया था. मेरे लिए यह उस शहर की लंबे समय तक चलने वाली तस्वीरों में से एक है जो अगले महीने के मंदिर के उद्घाटन से पहले गतिविधियों से भरा हुआ है | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

The echoes of this year's Manipur ethnic conflict, between the state's tribal Kuki-Zo and non-tribal Meitei communities, were heard as far as the national capital, where Kuki protestors demonstrated for a separate state and Chief Minister Biren Singh's resignation. While many have called the demand for separate state "anti-national", this protestor makes a public statement of her patriotism. It is this which makes it a significant image for me Photo: Manisha Mondal | ThePrint

इस साल के मणिपुर के जातीय संघर्ष की गूंज, राष्ट्रीय राजधानी तक सुनाई दी, जहां कुकी प्रदर्शनकारियों ने एक अलग राज्य और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के लिए प्रदर्शन किया. जबकि कई लोगों ने अलग राज्य की मांग को “राष्ट्र-विरोधी” करार दिया, ये प्रदर्शनकारी देशभक्ति का सार्वजनिक बयान दे रही है. यही वो चीज़ है जो इसे मेरे लिए एक महत्वपूर्ण तस्वीर बनाती है | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

The Green Army in Uttar Pradesh was formed for women to take a stand against oppression and violence. This image of a group of Green Army members, heads demurely covered, but armed with sticks for self-defence, is for me a strong message of women's empowerment penetrating some of the most backward sections of society | Photo: Manisha Mondal | ThePrint

उत्तर प्रदेश में ग्रीन आर्मी का गठन महिलाओं को उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ खड़े होने के लिए किया गया था. ग्रीन आर्मी के सदस्यों के एक समूह की यह फोटो, जिनके सिर पूरी तरह ढंके हुए हैं, लेकिन आत्मरक्षा के लिए लाठियों से लैस हैं, मेरे लिए समाज के कुछ सबसे पिछड़े वर्गों में महिला सशक्तिकरण का एक मजबूत उदाहरण है | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

This image of Congress president Mallikarjun Kharge and the party's Parliamentary Party chairperson Sonia Gandhi was taken days before the announcement of assembly election results in the states of Rajasthan, Madhya Pradesh, Chhattisgarh, Telangana and Mizoram this month. The image becomes significant in retrospect as the somber expression on the faces of the two leaders is in stark contrast to the confidence the party had voiced about winning most of these states. It ultimately won in only Telangana | Photo: Manisha Mondal | ThePrint

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की यह तस्वीर इस महीने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम राज्यों में विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा से कुछ दिन पहले ली गई थी. यह तस्वीर पीछे मुड़कर देखने पर महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि दोनों नेताओं के चेहरे पर उदासी उस आत्मविश्वास के बिल्कुल विपरीत है जो पार्टी ने इनमें से अधिकांश राज्यों में जीत के बारे में व्यक्त की थी. आखिरकार कांग्रेस को केवल तेलंगाना में जीत मिली | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

Building a temple, or building its vote bank. As the date of next month's Ayodhya Ram Mandir inauguration draws near, the temple is becoming an increasingly important part of the political narrative of the country and BJP's 2024 Lok Sabha campaign. Isn't that enough to make it one of the top 10 clicks of 2023? | Photo: Manisha Mondal | ThePrint

मंदिर बनाना, या अपना वोट बैंक बनाना. जैसे-जैसे अगले महीने अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख नज़दीक आ रही है, मंदिर देश की राजनीतिक कहानी और भाजपा के 2024 लोकसभा अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है. क्या यह इसे 2023 के टॉप 10 क्लिक्स में से एक बनाने के लिए काफी नहीं है? | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

Ram is the first and last word in Ayodhya. And the devotion to the deity starts early. One of my lingering memories of the city | Photo: Manisha Mondal | ThePrint

अयोध्या में राम पहला और आखिरी शब्द है और देवता के प्रति भक्ति जल्दी शुरू हो जाती है.इस शहर की मेरी यादों में से एक | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

The wrestlers' protest against former Wrestling Federation of India (WFI) president and BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh, whom they have accused of sexual harassment, was one of the top news of 2023. As months of protest later, Brij Bhushan's 'aide' Sanjay Singh was elected the new WFI president in December, award-winning wrestler Sakshee Malikkh's tear-drenched face captured for me the helplessness of the sports stars. Soon after Malikkh declared her intention to quit the sport | Photo: Manisha Mondal | ThePrint

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह, जिन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा गया, के खिलाफ पहलवानों का विरोध 2023 की शीर्ष खबरों में से एक था. महीनों के विरोध के बाद, बृज भूषण के ‘सहयोगी’ संजय सिंह को दिसंबर में WFI का नया अध्यक्ष चुना गया, पुरस्कार विजेता पहलवान साक्षी मलिक के आंसुओं से भीगे चेहरे ने मेरे लिए खेल के इन सितारों की बेबसी को बयां कर दिया. इसके तुरंत बाद मलिक ने खेल छोड़ने की घोषणा कर दी | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

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