हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि महिला पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के दो आरोपियों ने सुबह हथियार छीनने के बाद पुलिस पर गोलियां चलायी, जिसके बाद पुलिस ने ‘जवाबी’ गोलीबारी की .
साइबराबाद पुलिस आयुक्त सी वी सज्जनर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि आरोपियों में एक मोहम्मद आरिफ ने सबसे पहले गोली चलायी. वारदात स्थल पर पुलिस की जो टीम उन्हें लेकर वहां गयी थी, उनपर भी ईंट-पत्थरों से हमला किया गया.
उन्होंने कहा कि छीने गए हथियार ‘अनलॉक’ (फायरिंग के लिए तैयार) स्थिति में थे .
गोलीबारी की घटना जब हुई, उस समय आरोपियों के हाथों में हथकड़ी नहीं थी और यह घटना आज सुबह पांच बजकर 45 मिनट से सवा छह बजे के बीच हुई.
मुठभेड़ का ब्यौरा देते हुए शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बरामद किए गए एक मोबाइल फोन और अन्य सामग्री के मद्देनजर आरोपियों के ‘कबूलनामे’ के आधार पर पुलिस टीम वहां उन्हें वहां लेकर गयी थी.
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उन्होंने कहा, ‘सभी चारों आरोपी एकसाथ हो गए, उन्होंने ईंट-पत्थर तथा अन्य चीजों से पुलिस दल पर हमला बोल दिया. इसके बाद उन्होंने हमारे दो अधिकारियों से उनके हथियार छीन लिए और गोलीबारी की. ’
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमारे अधिकारियों ने संयम रखा और उन्हें आत्मसमर्पण के लिए कहा. लेकिन, उन्होंने नजरअंदाज करते हुए गोलीबारी की और हमला करते रहे, इसके बाद हमारे लोगों ने जवाबी कार्रवाई की और इसमें चारों आरोपी मारे गए.’
घायल हुए एक पुलिस उप निरीक्षक और एक कांस्टेबल के सिर तथा अन्य हिस्से में चोट आयी और उनका उपचार चल रहा है.
सज्जनर ने कहा कि पुलिस प्रदेश के अन्य भागों व आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से इससे मिलते-जुलते मामलों का ब्योरा जुटा रही है ताकि इनमें चारों आरोपियों की किसी भूमिका का पता लगाया जा सके.
एनएचआरसी ने हैदराबाद मुठभेड़ का संज्ञान लिया, जांच का दिया आदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर देने के चारों आरोपियों के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने का शुक्रवार को संज्ञान लिया और मामले की जांच के आदेश दिए.
एनएचआरसी ने कहा कि आज हुई यह मुठभेड़ चिंता का विषय है और इसकी सावधानी से जांच होनी चाहिए.
एनएचआरसी ने कहा, ‘आयोग का यह मानना है कि इस मामले की बड़ी सावधानी से जांच किए जाने की आवश्यकता है, इसी लिए आयोग ने अपने महानिदेशक (जांच) से तथ्यों का पता लगाने के लिए घटनास्थल पर तत्काल एक टीम भेजने को कहा है.’
आयोग ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) की अगुवाई में आयोग की जांच शाखा के दल द्वारा तत्काल हैदराबाद के लिए निकलने और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देने की संभावना है.
उसने कहा कि घटना से साफ पता चलता है कि पुलिस कर्मी ‘घटना पर आरोपियों द्वारा किसी प्रकार की अप्रिय घटना किए जाने के लिए तैयार और पूरी तरह सतर्क’नहीं थे जिसके कारण चारों की मौत हो गई.
आयोग ने कहा कि मृतकों को पुलिस ने जांच के दौरान गिरफ्तार किया था और इस मामले पर फैसला अभी सुनाया जाना था. गिरफ्तार किए गए व्यक्ति यदि वास्तव में दोषी थे तो कानून के अनुसार सजा दी जाती.
इससे पहले भी एनएचआरसी ने कहा था कि आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने के लिए पुलिस के पास कोई ‘मानक संचालन प्रक्रिया’ नहीं है.
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आयोग ने कहा, ‘जीवन का अधिकार और कानून के समक्ष समानता मौलिक मानवाधिकार हैं जो उन्हें भारत के संविधान ने दिए हैं.’
उसने स्वीकार किया कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटनाओं ने लोगों में डर और आशंका का माहौल पैदा कर दिया है.
आयोग ने कहा कि भले ही किसी आरोपी को पुलिस ने ही गिफ्तार क्यों न किया हो, हर परिस्थिति में मानव जीवन की क्षति समाज को गलत संदेश देगी.
आयोग ने कहा कि एनएचआरसी ने यौन उत्पीड़न की ‘बढ़ती घटनाओं’ पर गंभीर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय केंद्र तथा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है और उनसे ऐसे मामलों से निपटने के मानक तौर-तरीकों तथा निर्भया फंड के इस्तेमाल के बारे में जानकारी मांगी.