नई दिल्ली: आपराधिक आरोपों वाले उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक की मांग करते हुए, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने कहा कि जब चुनाव अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक हो जाते हैं, तो चुनावी प्रक्रिया में अपराध और धन की भूमिका भी बढ़ जाती है. कुरैशी गुरुवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में अपनी बात रख रहे थे. इस चर्चा में उनके साथ पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी, वरिष्ठ पत्रकार और रिसर्चर शामिल थे. इन लोगों ने भारत में चुनावी राजनीति के बदलते आयामों के मद्देनजर चुनौतियों से निपटने के तरीकों को भी सुझाया.
सांसद या विधायक दोषी साबित होने के बावजूद सत्ता का मजा उठाते रहते हैं, कुरैशी ने कहा कि न केवल दोषी नेता, बल्कि जिनके खिलाफ आपराधिक आरोप हैं, उन्हें भी चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.
कुरैशी ने कहा, ‘जब तक साबित नहीं हो जाता, आप दोषी नहीं हैं. लेकिन भारतीय जेल चार लाख से अधिक अपराधियों से भरे हुए हैं, जिसमें से 70 प्रतिशत अंडरट्रायल हैं, जिसका मतलब है वे दोषी नहीं हैं, मतलब यह भी है कि वे निर्दोष हैं. आपने उनके चार मूलभूत अधिकार ले लिए हैं- स्वतंत्रता का अधिकार, आने-जाने की स्वतंत्रता का अधिकार, कार्य करने का अधिकार और सम्मान का अधिकार आपने उनसे छीन लिए हैं. आप अंडरट्रायल में मौजूद लोगों के चार मूलभूत अधिकारों को छीन सकते हैं, लेकिन आप उन्हें चुनाव लड़ने से रोक नहीं सकते, जो मूलभूत अधिकार भी नहीं है.’
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संसद से अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कानून बनाने के लिए कहा है. वे 193 अपराधी सांसदों से इस तरह के विधेयक पास करने के लिए कह रहे हैं. मुझे लगता है कि वे एक मूर्खो के स्वर्ग में जी रहे हैं.
धनबल व बाहुबल वाले उम्मीदवारों के चयन और चुनाव लड़ने पर, उन्होंने कहा, ‘जब चुनाव अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक हो जाते हैं, चुनावी प्रक्रिया में अपराध और पैसे की भूमिका बढ़ जाती है. इसके अलावा अपराधियों के लिए अधिक ताकतवर बनने का आसान तरीका राजनीति में प्रवेश करना है.’
कुरैशी ने कहा, ‘पार्टियों का कहना है कि वे उनको टिकट देते हैं, जिनके चुनाव जीतने की संभावना होती है. इसलिए, अगर आप शरीफ आदमी हैं और आपके जीतने की उम्मीद कम है, राजनीतिक पार्टियां आपको टिकट नहीं देंगी. जब एक पार्टी गुंडे को चुनाव मैदान में उतारेगी तो दूसरी पार्टी उससे भी बड़े गुंडे को उतारेगी.’