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Wednesday, 24 April, 2024
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पूर्व निदेशक ने उठाए सवाल, पूछा सीबीआई स्पेशल कोर्ट क्यों नहीं गई?

सीबीआई के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर एस सेन सामने आए और उन्होंने कहा कि राजनेता सीबीआई का अपने हिसाब से उपयोग करते हैं.

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नई दिल्ली : ममता बनर्जी धरने पर बैठी हुई हैं उन्होंने कहा कि वह किसी एजेंसी के खिलाफ नहीं बल्कि उनका सत्याग्रह मोदी सरकार के अत्याचारों के खिलाफ है. ममता अपना सारा कामकाज धरना स्थल से ही कर रही हैं. इसी बीच कई राजनीतिक पार्टी ममता के समर्थन में आ गई हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) जैसी सरकारी एजेंसियों के माध्यम से विपक्ष को डराने, धमकाने का प्रयास करने का आरोप लगाया. कोलकाता में सीबीआई और कोलकाता पुलिस के टकराव के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में हालिया घटनाओं के अलावा, अन्य राज्यों से भी ऐसी घटनाएं सुनी जा रही हैं.’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार लोकसभा चुनावों से पहले अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शीर्ष जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है.

वहीं तमिलनाडु से सांसद कनिमोझी ने भी ममता के समर्थन में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘कोई भी जो लोकतंत्र, संघवाद और संविधान की परवाह करता है, उसे ममता बनर्जी के साथ जरूर खड़ा होना चाहिए.’ वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और डीएमके नेता कनिमोई कोलकाता पहुंच गए हैं.

सीबीआई के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्ट ने पूछा स्पेशल कोर्ट क्यों नहीं गई

अब जब पूरा मामला ममता वर्सेज मोदी हो चुका है और मामले ने तूल पकड़ लिया है तब सीबीआई के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर ने एस सेन सामने आए और उन्होंने कहा कि राजनेता सीबीआई का अपने हिसाब से उपयोग करते हैं, लेकिन अधिकारियों को खुद को इस्तेमाल होने से बचाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे मामले में सीबीआई को अपनी विशेष अदालत जाना चाहिए जहां पर मामले की एफआईआर दर्ज की गई है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि सीबीआई विशेष अदालत क्यों नहीं गई है.


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वहीं दूसरी तरह शारदा चिटफंड स्कैम में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई की तरफ से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. मुख्यन्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई से पूछा कि इस मामले की सुनवाई की इतनी जल्दी क्या है? सीजेआई ने कहा कि इस मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी.

स्थिति को ‘असाधारण’ बताते हुए मेहता ने कहा, ‘हमें डर है कि सबूतों को नष्ट कर दिया जाएगा.’ इसकी प्रतिक्रिया में, प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हमें अदालत पहुंचने में कुछ मिनट देरी हो गई, क्योंकि हम आपकी याचिका पढ़ रहे थे..आप जो अभी कह रहे हैं, उस बात के कोई सबूत नहीं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर आप सबूतों के साथ छेड़छाड़ या ऐसा सोचने के बारे में एक भी सबूत पेश करेंगे तो, हम इस पर इतनी कड़ी कार्रवाई करेंगे कि उन्हें पछताना पड़ेगा.’

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याचिका में कोलकाता पुलिस आयुक्त द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ रोकने की मांग की गई है. इसके अलावा याचिका में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, राज्य पुलिस के महानिदेशक और कोलकाता पुलिस प्रमुख के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है. एजेंसी ने अपनी याचिका में राज्य सरकार को सहयोग करने और पूछताछ के लिए राजीव कुमार की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के आदेश देने का आग्रह किया.

न्यायालय ने सीबीआई को मामले के संबंध में तथ्य पेश करने के लिए एक दिन का समय दिया है, जिससे यह पता चल सके कि ‘राज्य पुलिस घोटाले के संबंध में सबूत नष्ट करने की योजना बना रही थी या इसमें संलिप्त थी.’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिटफंड घोटाले के सिलसिले में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ के प्रयास के विरोध में सोमवार को भी अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखा है. वह रविवार रात से धरने पर हैं.

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