नई दिल्ली: बिहार विधानसभा की चुनाव की तारीखों का ऐलान के साथ ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इस बीच राज्य के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने रविवार शाम को नीतीश की पार्टी जेडीयू का थामन लिया है.
जेडीयू में शामिल होने के बाद पांडेय ने कहा, ‘मुझे खुद सीएम ने बुलाया और पार्टी में शामिल होने के लिए कहा. पार्टी मुझसे जो भी करने के लिए कहेगी, मैं करूंगा. मैं राजनीति नहीं समझता. मैं एक साधारण व्यक्ति हूं, जिसने अपना समय समाज के दबे-कुचले लोगों के लिए काम करने में बिताया है.’
#Patna: Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey, joins JDU today
"I was called by CM himself & asked to join. Whatever the party asks me to do, I will do. I don't understand politics. I am a simple person who has spent his time working for the downtrodden section of society," he says pic.twitter.com/6tdJ7PgPrS
— ANI (@ANI) September 27, 2020
आगे मेरे दल के नेताओं का जो आदेश होगा उसके हिसाब से मैं काम करूंगा। मैं दल का अनुशासित सिपाही हूं। चुनाव लड़ना या नहीं लड़ना ये मेरा फैसला नहीं हो सकता: बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे https://t.co/jsHdgypBQW pic.twitter.com/JLXPM8TWfM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2020
शनिवार को ही पांडेय ने राज्य के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी. पूर्व डीजीपी के वीआरएस लेने के बाद से ही उनके जेडीयू में शामिल होने की चर्चा चल रही थी. नीतीश कुमार से मिलने के बाद पांडेय ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि, ‘मेरी कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है. उनको धन्यवाद देने आया था कि उन्होंने मुझे पूरी स्वतंत्रता काम करने के लिए दी. सेवानिवृत्ति के बाद मैं सिर्फ उनके समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता था.’
पांडेय के पैतृक जिले बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकले हैं. वहीं, वे वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में भी उम्मीदवार हो सकते हैं. निवर्तमान जेडीयू सांसद बैद्यनाथ महतो के निधन से यह सीट खाली हुई थी.
1987 बैच के आईपीएस ऑफिसर गुप्तेश्वर पांडेय को जनवरी 2019 में बिहार का डीजीपी बनाया गया था. बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा हो रहा था.लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले रिटायरमेंट का फैसला लिया. जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया.
पांडेय ने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी सेवानिवृत्ति ली थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने उनके वीआरएस के आवेदन को स्वीकार नहीं किया और उन्हें पुलिस सेवा में बहाल कर दिया था.
गौरतलब है कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में पांडे आक्रामक भूमिका में नजर आए थे. उन्होंने कई बार अपने बयानों के जरिए महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस पर निशाना साधा था. उन्होंने बिहार पुलिस के अधिकारियों के साथ बदसलूकी करने और सुशांत के मामले में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया था.