नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा हर वक्त हमारा मार्गदर्शन करेगा. संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना हमें मार्गदर्शन करता रहेगा. प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा.
#WATCH "As the army, we swear allegiance to the Constitution of India…Justice, liberty, equality and fraternity enshrined in the Constitution should guide us," Army Chief General Manoj Mukund Naravane pic.twitter.com/KsFzbhfkS0
— ANI (@ANI) January 11, 2020
नरवाणे ने कहा प्रमुख रक्षा अध्यक्ष पद का गठन तीनों सेवाओं के बीच एकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है. हमारा ध्यान सेना के भीतर और सभी सेवाओं के बीच एकीकरण पर होगा, सबको साथ लेकर चलेंगे. सेना प्रमुख ने कहा, ‘भारतीय सेना पहले की तुलना में आज बेहतर तैयार है.’
उन्होंने कहा, ‘सियाचिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. एक फ्रंट पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों की देखभाल कर रहा है. यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.’
चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं.
राजनीतिक नेतृत्व द्वारा पीओके को भारत में शामिल करने की टिप्पणी पर सेना प्रमुख ने कहा, ‘एक संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है. यदि संसद यह चाहती है, तो उस क्षेत्र ( पीओके) को भी भारत में होना चाहिए. जब हमें इस बारे में कोई आदेश मिलेंगे, तो हम उचित कार्रवाई करेंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)