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शुक्रवार, 13 जून, 2025
होमदेशमिलिए फोरेंसिक डेंटिस्ट से जो समय से रेस लगा रहे हैं ताकि पीड़ितों के परिजन आखिरी बार अलविदा कह सकें

मिलिए फोरेंसिक डेंटिस्ट से जो समय से रेस लगा रहे हैं ताकि पीड़ितों के परिजन आखिरी बार अलविदा कह सकें

डॉ. जयशंकर पी. पिल्लई और उनकी टीम मृतकों के दांतों से डीएनए निकाल रही है, ताकि उनका मिलान उन परिवार के सदस्यों से लिए गए नमूनों से किया जा सके, जो पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं.

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अहमदाबाद: डॉ. जयशंकर पी. पिल्लई, उनके साथी और डेंटल स्टूडेंट्स के पास बी.जे. मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल में फुर्सत का वक्त नहीं है. वह और उनकी टीम एयर इंडिया क्रैश के पीड़ितों की पहचान के लिए समय से दौड़ लगा रहे हैं, जिनमें से कई शव पहचानने लायक नहीं बचे हैं.

दांत और हड्डियां—जो शरीर के अन्य हिस्सों से अधिक कठोर होती हैं—डीएनए निकालने का एकमात्र ज़रिया हैं जब शरीर पूरी तरह जला हुआ या बुरी तरह क्षतिग्रस्त होता है.

पिल्लई और उनकी टीम लगातार काम कर रही है ताकि पीड़ितों के दांतों से डीएनए निकालकर उनके परेशान परिजन अपने प्रियजनों के शव जल्दी पहचान सकें, खासकर गर्मी को ध्यान में रखते हुए.

“डेंटल डीएनए पहचान का सबसे तेज़ तरीका है. इससे मिलान की प्रक्रिया तेज़ होती है. इसलिए हम पोस्टमार्टम में मदद कर रहे हैं,” डॉ. पिल्लई कहते हैं, जिनकी मदद एमडीएस छात्र डीएनए सैंपल इकट्ठा करने में कर रहे हैं.

500 से अधिक मेडिको-लीगल केस संभालने का अनुभव रखने वाले डॉ. पिल्लई ने बी.जे. मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग से भेजे गए कई मामलों की जांच की है, उनके लिंक्डइन बायो के अनुसार. उन्होंने POCSO के तहत 50 से अधिक उम्र निर्धारण मामलों में एक्सपर्ट गवाह के रूप में भी गवाही दी है.

“स्थिति बहुत दुखद है, लेकिन हम पूरी कोशिश कर रहे हैं,” फोरेंसिक ओडोंटोलॉजिस्ट ने दिप्रिंट को बताया, फिर तुरंत अपने काम पर लौट गए.

Relatives of air crash victims fill form for DNA test to claim bodies | Praveen Jain | ThePrint
विमान दुर्घटना के शिकार लोगों के रिश्तेदारों ने शवों पर दावा करने के लिए डीएनए टेस्ट के लिए फॉर्म भरा | प्रवीण जैन | दिप्रिंट

अहमदाबाद के मेडिकल कॉलेज में डीएनए सैंपल कलेक्शन के लिए एक अलग कमरा बनाया गया है जहां पीड़ितों के परिवार अपना सैंपल दे रहे हैं. नतीजे 72 घंटे में आने की उम्मीद है.

गुरुवार को अहमदाबाद दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया को बताया कि सिर्फ गुजरात में ही लगभग 1,000 डीएनए टेस्ट किए जाएंगे.

फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) और नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कर रही हैं, जिसके बाद शव उनके परिवारों को सौंपे जाएंगे.

आवास की पूरी तैयारी

जैसे ही पीड़ितों के परिजन अहमदाबाद पहुंचे, सड़कों और भवन विभाग ने उनके लिए ठहरने की व्यवस्था की है. इस उद्देश्य के लिए विभाग ने कम से कम तीन जगहों पर बुकिंग की है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में एक हेल्प डेस्क भी लगाया गया है.

“हमने यह व्यवस्था इसलिए की है ताकि जरूरतमंद परिवारों को ठहरने की सुविधा दी जा सके. गुरुवार से अब तक मुझे कई कॉल आए हैं और मैंने कम से कम 15 परिवारों के लिए ठहरने की व्यवस्था की है,” विभाग के एक अधिकारी, क्रुणालभाई पटेल ने दिप्रिंट को बताया. “हम यहां परेशान परिवारों की मदद के लिए हैं.”

अस्पताल की दीवार पर लगा एक पोस्टर लोगों को उनके लिए की गई सुविधाओं की जानकारी देता है.

पोस्टर में लिखा है, “अहमदाबाद में हाल ही में हुए दुर्भाग्यपूर्ण विमान दुर्घटना की कठिन परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए, गुजरात के सड़कों और भवन विभाग ने इस घटना से प्रभावित यात्रियों के परिजनों के लिए सर्किट हाउस और अन्य स्थानों पर ठहरने तथा सिविल अस्पताल से इन स्थानों तक पहुंचने के लिए परिवहन सुविधा की व्यवस्था की है.”

इस हादसे के सिलसिले में जिन यात्रियों के परिवार या रिश्तेदार आए हैं और जिन्हें ठहरने या परिवहन की सुविधा चाहिए, वे उपरोक्त स्थानों पर ठहरने की सुविधा ले सकते हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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