नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के पास चीन के दूसरा पुल बनाने की खबरें आने के एक दिन बाद विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि खबरों के अनुसार जिस स्थान पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह क्षेत्र दशकों से उस देश के कब्जे में है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ऐसे घटनाक्रम पर नज़र रखता है.
उन्होंने कहा, ‘हमने तथाकथित पुल को लेकर मीडिया की खबरों एवं अन्य रिपोर्ट को देखा है… कुछ ने दूसरा पुल बताया या इसे वर्तमान पुल का विस्तार बताया.’
बागची ने कहा कि भारत का हमेशा मानना है कि खबरों में जिस क्षेत्र का उल्लेख किया गया है, वह दशकों से चीनी पक्ष के कब्जे में है.
प्रवक्ता से पैंगोंग त्सो के पास चीन द्वारा दूसरा पुल बनाए जाने की खबरों के बारे में सवाल पूछा गया है.
बागची ने कहा कि भारत ने चीनी पक्ष के साथ राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता की है और आगे भी यह जारी रहेगा. ब्रिज के बारे में रिपोर्ट देखी हैं, ये सैन्य मुद्दा है, इसपर मैं कुछ कह नहीं पाऊंगा, इसे हम अधिकृत क्षेत्र मानते हैं.
बागची ने आगे कहा, ‘बातचीत चल रही है. LAC के बारे में हमारी लगातार वार्ता होती रहती है. चीन के विदेश मंत्री भी आए थे, हमारी अपेक्षाएं भी उनके आगे रखी गई. कोशिश रहेगी कि इसे आगे बढ़ाते रहें, बातचीत से समाधान निकालना पड़ेगा.’
उन्होंने कहा, ‘आपको मालूम होगा कि मार्च में चीनी विदेश मंत्री वांग यी यहां आए थे और विदेश मंत्री (जयशंकर) ने उन्हें हमारी अपेक्षाओं से अवगत करा दिया था. ’
#WATCH | We have seen reports on this bridge or a second bridge… we are monitoring the situation. Of course, we always felt it was occupied…Talks on with the Chinese side: MEA spox Arindam Bagchi on reports of another bridge at Pangong Lake pic.twitter.com/h3LcE0astU
— ANI (@ANI) May 19, 2022
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने बाद में मीडिया से कहा था कि अप्रैल 2020 में चीनी पक्ष द्वारा तैनाती के कारण उत्पन्न तनाव एवं संघर्ष के बीच दोनों देशों में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती .
बागची ने कहा, ‘ इसलिये हम चीनी पक्ष के साथ राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर संवाद जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया गया सके कि दोनों मंत्रियों के निर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन हो .’
जानकार सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि चीनी पक्ष द्वारा पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग त्सो के पास दूसरा पुल बनाया जा रहा है.
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