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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशजेएनयू में जब मैं पढ़ता था तब कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं हुआ करता था: एस जयशंकर

जेएनयू में जब मैं पढ़ता था तब कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं हुआ करता था: एस जयशंकर

जेएनयू में हुई हिंसा पर जयशंकर ने कहा कि मैं निश्चित तौर पर आपको कह देता हूं कि जब मैं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ता था तब कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं हुआ करता था.

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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में कहा कि हमें चीन की तरफ ध्यान से देखना होगा. चीन पूरे विश्व पर प्रभाव डाल रहा है और ये समझना जरूरी है कि उसकी सोच क्या है.

जयशंकर ने कहा कि हम आज जो कर रहे हैं वो पहले से जमा हुई चीज़े हैं जिसपर पहले ध्यान नहीं दिया गया. जैसे की नागरिकता कानून को ही देख लें. ये 50 साल पहले का मुद्दा है, अनुच्छेद 370 को 70 साल हो गए थे और अयोध्या की भी यही स्थिति थी.

विदेश मंत्री ने कहा कि हम अब समस्याओं से दृढ़ता से सामना करते हैं. किसी भी समस्या को भविष्य पर नहीं छोड़ते हैं.

जयशंकर ने आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी नहीं होगा जो हमारी तरह आतंकवाद का सामना कर रहा हो.

जेएनयू में हुई हिंसा पर जयशंकर ने कहा कि मैं निश्चित तौर पर आपको कह देता हूं कि जब मैं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ता था तब कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं हुआ करता था.

जयशंकर ने कहा कि जब पठानकोट पर हमला हुआ तो पाकिस्तान को भी पता था कि ये किसने किया है. इस सरकार को स्पष्ट है कि कौन पीड़ित है और कौन दोषी.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया और गुरद्वारा ननकाना साहिब की बेअदबी और सिख युवक की हत्या पर कड़ा विरोध दर्ज कराया. भारत ने पाकिस्तान से अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने को कहा.

भारत ने सोमवार को पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी सैयद हैदर शाह को समन किया और ननकाना साहिब गुरुद्वारे को अपवित्र करने तथा पेशावर में एक सिख व्यक्ति की हत्या पर कड़ा विरोध दर्ज कराया.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजनयिक को बता दिया गया कि पाकिस्तान को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना चाहिए.

मंत्रालय ने कहा, ‘पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी सैयद हैदर शाह को आज समन किया गया और ननकाना साहिब में स्थित पवित्र गुरुद्वारा श्री जनम अस्थान में तोड़फोड़ तथा गुरुद्वारे को अपवित्र करने एवं पेशावर में सिख समुदाय के एक व्यक्ति की लक्षित हत्या पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई.’

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