वाराणसी : छात्राओं को शर्मसार करने और उन पर भद्दी टिप्पणियां करने वाले बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर एसके चौबे को समय से पहले सेवानिवृत्ति दी जाएगी. यह निर्णय इस सप्ताहांत नई दिल्ली में कार्यकारिणी परिषद में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता कुलपति राकेश भटनागर ने की. हालांकि, बीएचयू के प्रवक्ता राजेश सिंह ने कहा कि इस बाबत प्रशासन को कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है.
कुछ छात्राओं ने शिकायत की थी कि अक्टूबर 2018 में एक टूर के दौरान चौबे ने उन्हें शर्मसार किया और भद्दी टिप्पणियां की. टूर से वापस आने के बाद छात्राओं ने प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी.
शिकायत दर्ज होने के बाद चौबे को निलंबित कर दिया गया और कुलपति ने जांच के लिए विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति को यह मामला सौंपा. जून में कार्यकारिणी परिषद ने चौबे का निलंबन वापस ले लिया और कहा कि उन्हें भविष्य में कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी.
प्रोफेसर के दोबारा बहाली के विरोध में, विद्यार्थियों ने बीएचयू के मुख्यद्वार पर धरना दिया और 14 सितंबर को परिसर में मार्च निकाला. विद्यार्थियों ने अपना प्रदर्शन तब समाप्त किया, जब अगले दिन उन्होंने कुलपति से मुलाकात की और विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले पर विचार करने के लिए उसे दोबारा कार्यकारिणी परिषद के पास भेज दिया. चौबे को लंबी छुट्टी पर जाने के लिए भी कहा गया था.