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Monday, 23 December, 2024
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जीएसटी-आईटी रिटर्न भरने पर कोरोनावायरस के कारण मिली राहत, आर्थिक पैकेज़ के लिए करना पड़ेगा इंतज़ार

अहम घोषणाएं करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के इनकम टैक्स रिर्टन की आख़िरी तारीख़ को बढ़ाकर 31 जून 2020 कर दिया गया है.

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस की महामारी से जूझ रहे देश को भरोसा दिलाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी की भी व्यवस्था पर सीधी नज़र बनी हुई है. वित्त मंत्री ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण हुई बंदी से निपटने में मदद के लिए नागरिकों को अब बचत बैंक खातों के लिए न्यूनतम शेषराशि बनाए न रहने पर शुल्क नहीं देना होगा. यह शुल्क माफ कर दिया गया है.

अहम घोषणाएं करते हुए उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के इनकम टैक्स रिर्टन की आख़िरी तारीख़ को बढ़ाकर 31 जून 2020 कर दिया गया है. वहीं, आधार-पैन लिंक करने की आख़िरी तारीख़ को भी 30 जून कर दिया गया है. इस पर जो अतिरिक्त 10 प्रतिशत फाइन लगने वाला था वो अब नहीं लगेगा.

उन्होंने कहा कि टी़डीएस पर ब्याज़ को 12 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है. विवाद से विश्वास को भी 30 जून तक बढ़ा दिया गया. मार्च, अप्रैल, मई के जीएसटी को भरने की आख़िरी तारीख 30 जून होगी. उन्होंने ये भी कहा, ‘अगले तीन महीने तक किसी एटीमएम से पैसे निकालने, मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी दूसरे बैंक के एटीएम से नकद निकालने के लिए तीन महीने तक डेबिट कार्डधारकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा.

उन्होंने ये भी बताया कि कई स्तर पर इससे जुड़े टास्क फोर्स काम कर रहे हैं और टास्क फोर्स में इंडस्ट्री से लेकर मिनिस्ट्री तक के लोग शामिल हैं. उन्होंने ये भी कहा कि वित्त मंत्रालय इनके द्वारा दी जा रही सलाहों पर काम कर रहा है.

देश में लंबे समय से इसकी मांग है कि कोरोना के कहर से अर्थव्यवस्था की कमर टूटने से पहले किसी आर्थिक पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए. इस पर सीतारमण ने कहा, ‘आर्थिक पैकेज पर काम चल रहा है. हम जल्द ही आर्थिक पैकेज की घोषणा करने वाले हैं. इसमें देर नहीं होगी बल्कि ये जल्द किया जाएगा. आज (मंगलवार) की घोषणाएं नागरिकों पर नियमों का पालन करने से जुड़ा भार काम करने से जुड़ी है.’

उन्होंने ये भी कहा कि स्टॉक मार्केट की स्थिति पर वित्त मंत्रालय के अलावा आरबीआई जैसे सभी रेग्युलेटरों ने नज़र बना रखी है. सेबी ने भी इसके लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘हम दिन में तीन बार मार्केट की हालत का जायज़ा लेते हैं. टॉस्क फोर्स ने भी इससे जुड़ी सलाह दी है. हम नज़र बनाए हुए हैं…जल्द ही इससे जुड़े कदम भी उठाए जाएंगे.’

सीतारमण ने क्रेडिट कार्ड का बकाया और होम लोन की किश्तें भर रहे लोगों से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि क्रेडिट कार्ड और होम लोन के किश्तों से जुड़े मामलों में आने वाले दिनों में फ़ैसले लिए जा सकते हैं. फिर उन्होंने कहा, ‘जिन कंपनियों का 5 करोड़ का टर्नओवर है उनपर किसी तरह की लेट फ़ीस या पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी. इससे ऊपर की कंपनियों के साथ देर की स्थिति में 9 प्रतिशत का इंट्रेस्ट लिया जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘कस्टम और एक्साइज़ से जुड़ी हमारी एक स्कीम है सबका विश्वास. ये इंडायरेक्ट टैक्स रिजीम के मामले में टैक्स विवाद हल करने का काम करती है. इससे जुड़ी तारीख़ भी 30 जून तक बढ़ा दी गई है. 30 जून तक कस्टम क्लियरेंस 24 घंटे और सातों दिन काम करेंगे.’

वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि कंपनी मामलों से जुड़े नियमों से संबंधित राहत देने का भी प्रयास है. लोगों घर से काम कर रहे हैं जिससे कंपनियों पर भार पड़ रहा है. कॉर्पोरेट मामलों के जिन नियमों का पालन करना होता है उसमें भी राहत दी गई है. कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के पास आकर रजिस्ट्रेशन के लिए अप्रैल से अगले छह महीने का टाइम होगा और कोई फाइन नहीं लगेगा. उन्होंने ये भी कहा कि अनिवार्य बोर्ड मीटिंगों के लिए भी समय सीमा बढ़ा दी गई है.

उन्होंने कहा, ‘इस मामले में कुछ और राहत दी गई है. नई कंपनी बनाने वालों को डिक्लेयरेशन देनी होती थी जिसके तहत पहले छह महीने में बिज़नेस शुरू करना पड़ा था. लेकिन अब इसके लिए एक साल का समय होगा. एक 20 प्रतिशत का डिपॉज़िट रखना होता था. इस डिपॉज़िट की समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून 2020 किया गया है.’

उन्होंने कहा कि इस मामले में इसके अलावा डिबेंचर में एक साल में 15 प्रतिशत निवेश करना होता था. इसकी भी तारीख़ को बढ़ाकर 20 जून कर दिया गया है. बैंकिंग इनसॉल्वेंसी के मामले में जिनसे चूंक यानी डिफॉल्ट हो जाता था उसमें थ्रेशहोल्ड लिमिट 1 लाख़ होती थी. अब इसे 1 करोड़ कर दिया गया है.

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