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Monday, 23 December, 2024
होमदेशपहले लॉकडाउन, अब अम्फान- बंगाल के धान और ओडिशा के पान के किसान तबाह हो गए

पहले लॉकडाउन, अब अम्फान- बंगाल के धान और ओडिशा के पान के किसान तबाह हो गए

चक्रवात अम्फान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में किसानों के संकट को बढ़ा दिया है, जिन्होंने लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढ़ील के बाद अपनी फसल की बिक्री शुरू की थी.

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नई दिल्ली: तबाही के बड़े नुकसान के बीच चक्रवात अम्फान ने पश्चिम बंगाल में रबी की फसल धान और ओडिशा में पान के अलावा तिल और सब्जियों को भी नुकसान पहुंचाया है.

पश्चिम बंगाल रबी फसल का एक प्रमुख उत्पादक है.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि पश्चिम बंगाल में 23 में से 14 जिलों और ओडिशा में कम से कम छह जिलों में नुकसान हुआ है. पश्चिम बंगाल का राज्य कृषि विभाग चक्रवात अम्फान के कारण राज्य में फसल (धान) के नुकसान का आकलन कर रहा है.

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पश्चिम बंगाल के राज्य कृषि विभाग से आने वाली प्रारंभिक क्षति की गणना लगभग 370 करोड़ रुपये की है, जबकि ओडिशा में 1,20,000 हेक्टेयर से अधिक की फसलें प्रभावित हुई हैं. रबी की धान की फसल के अलावा तिल की उपज भी प्रभावित हुई है.

चक्रवात ने लॉकडाउन संकट को और बढ़ाया है

पश्चिम बंगाल और ओडिशा के अधिकांश किसानों के लिए चक्रवात अम्फान ने 25 मार्च को लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण होने वाले संकट को बढ़ा दिया है.

20 मई को चक्रवात से पहले, इन राज्यों में अधिकांश किसान श्रम, परिवहन, पैकिंग सामग्री और बाजार की मांग तक पहुंच की कमी का सामना कर रहे थे. लॉकडाउन की हालिया ढील में बड़ी छूट के साथ, किसानों को फिर से मांग में वृद्धि देखने की उम्मीद थी, जिससे किसानों को मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद थी लेकिन चक्रवात से हुई तबाही ने उन उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया है.

पश्चिम बंगाल के हुगली के एक प्रगतिशील किसान प्रताप चंद्र बेहरा ने कहा, ‘चक्रवात के कारण खेत में पानी जमा हो गया और धान की फसल तैयार हो गई थी और फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है चूंकि लॉकडाउन में ढील दी गई थी, मैंने अपनी फसल काटना शुरू कर दिया था, लेकिन चक्रवात ने सब कुछ नष्ट कर दिया, मैं 47 एकड़ में से 5 एकड़ फसल हार्वेस्ट करने में सफल हुआ था.

बेहरा ने कहा कि वह पहले फसल नहीं काट सकते थे क्योंकि ज्यादातर मशीनें और मज़दूर लॉक डाउन होने के कारण उपलब्ध नहीं थे. ‘इसके अलावा, बाजार या मंडियों में कोई मांग नहीं थी, इसलिए मैंने सोचा कि थोड़ी देरी के साथ फसल काटना बेहतर है क्योंकि मेरी 13 एकड़ बैगन की उपज पहले ही लॉकडाउन में 5 रुपये किलो (कम कीमत) पर बेची गई थी.

पश्चिम बंगाल में फसल क्षति के बारे में बोलते हुए, जगन्नाथ चटर्जी, उप निदेशक, कृषि बर्दवान (पूर्व), ने कहा, केवल धान की फसल नहीं ही, जो कि एक प्रमुख रबी फसल है, चक्रवात से पूरी तरह से नष्ट हो गई है, बल्कि मुर्शिदाबाद के आम का बाग के मालिकों और हुगली में फूलों के उत्पादकों की फसलों को पूरी तरह से ख़राब कर दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘अकेले बर्दवान में, लगभग 50,000 हेक्टेयर में धान की फसल को कटाई के लिए बची थी, जिसमें से लगभग 35,000 हेक्टेयर नष्ट हो गए हैं. इसी तरह, 12,000 हेक्टेयर पर तिल की फसल और 8,000 हेक्टेयर में सब्जियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है.’

उन्होंने कहा कि नुकसान की गिनती बढ़ेगी क्योंकि नेटवर्क के मुद्दों के कारण दक्षिण -24 परगना जैसे दूरदराज के इलाकों से फसल के नुकसान की खबरें आनी बाकी हैं.

ओडिशा के किसानों का पान का नुकसान

चक्रवात फेनी द्वारा बरबाद किए जाने के ठीक एक साल बाद ओडिशा के किसानों को अब चक्रवात अम्फन की मार झेलनी पड़ी है.

ओडिशा के बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जैसे जिलों में हजारों पान के किसानों पूरी तरह से तबाह हो गए, जब चक्रवात अम्फान ने संवेदनशील पान की फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया.

ओडिशा के केंद्रपाड़ा के पट्टामुंडई में एक पान किसान मुकेश स्वैन ने कहा, ‘पत्ती की खेती के लिए अच्छे से देखभाल की आवश्यकता होती है, क्योंकि पत्ती तापमान, हवा और बारिश के प्रति बहुत संवेदनशील होती है. मैंने दो एकड़ से अधिक भूमि पर पान की खेती करने के लिए लगभग 4 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन चक्रवात ने मेरी पान के सभी पत्ते पूरी तरह से ख़राब कर दिया.

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण, पान की दुकानें बंद होने के कारण वे अपनी उपज बेचने में असमर्थ थे. ‘हम कुछ दिनों पहले तक नहीं कर सकते थे, जब सरकार ने आखिरकार उन्हें खोलने की अनुमति दी थी। कटाई शुरू करते ही चक्रवात ने सब कुछ तबाह कर दिया, लेकिन हमें किसी भी तरह बैंक और स्थानीय ऋणदाता को ऋण वापस करना होगा.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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