नई दिल्ली: बिहार में कोविड-19 संक्रमण से मौत का पहला मामला सामने आया है. 38 साल के मृतक की मौत के पीछे की वजह किडनी का फेल होना बताया जा रहा है. ये भी बताया जा रहा है कि मृतक की ट्रैवल हिस्ट्री थी और वो कतर से लौटा था.
देशभर में लगातार कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. इसी के मद्देनज़र भारतीय रेलवे ने भी ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाई है. देश में 31 मार्च तक सभी पैसेंजर ट्रेन रद्द कर दी गई है.
मामले पर जानकारी देते हुए पटना एम्स के डॉक्टर प्रभात कुमार ने कहा, ’38 साल के एक व्यक्ति की किडनी फेल होने से मौत हो गई. वो मुंगेर से था. उसकी मौत कल (शनिवार को) पटना एम्स में हुई.’ उन्होंने बताया कि वो दो दिन पहले कोलकाता से लौटा था.
A 38-year-old man has passed away in Bihar today due to kidney failure; he has been tested positive for #Covid19. He was from Munger. He died yesterday at AIIMS in Patna; had returned from Kolkata two days back: Dr. Prabhat Kumar Singh, AIIMS Patna, Bihar pic.twitter.com/H1xDi1VSJM
— ANI (@ANI) March 22, 2020
राज्य के सचिव ने कहा, ‘आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च) ने दो कोरोनावायरस के मामलों की पुष्टि की है. जिस व्यक्ति की मौत हुई है है उसकी किडनी फेल हो गई थी. एक महिला भी कोविड- 19 पॉज़िटिव है. वो पटना एम्स में भर्ती है.’
कोरोनावायरस से उपजी महामारी के बीच देश के अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे बिहार और झारखंड के लोग ट्रेन से अपने घरों को लौट रहे हैं. राज्य सरकारों और प्रशासन को इसका डर है कि वापस आ रहे लोगों की वजह से राज्य में ये बीमारी विकराल रूप ले सकती है.
इसी वजह से बिहार सरकार ने बाहर से आ रही ट्रेनों के लिए बक्सर, आरा और दानापुर जैसे तीन स्टॉप तय किए हैं. इन तीनों जगहों पर उतरने वालों के लिए ज़िला अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो इन लोगों को बस में बिठाकर स्क्रीनिंग के लिए ले जाएं. स्क्रीनिंग में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर उचित कार्रवाई करें.
31 मार्च तक नहीं चलेंगी पैसेंजर ट्रेन
कोरोनावायरस के मद्देनज़र भारतीय रेलवे ने 31 मार्च तक के लिए सभी पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. रविवार को भारतीय रेलवने ने 3700 लंबी दूरी की और पैसेंजर ट्रेने रद्द की है.
A bare minimum level of service of suburban services of suburban trains and Kolkata Metro rail to continue up to midnight tonight. https://t.co/Of2tz3ceIn
— ANI (@ANI) March 22, 2020
लॉकडाउन करने वाला दूसरा राज्य बना पंजाब
इसी बीच राजस्थान और पंजाब सरकार ने अपने राज्यों को लाकडाउन में ले जाने यानी इन्हें बंद करने का निर्णय लिया है. पंजाब सरकार ने कोरोनावायरस के खतरे के मद्देनजर रविवार को पूरे राज्य में 31 मार्च तक लॉकडाउन (बंदी) लागू करने का फैसला किया.
मामले पर ट्वीट करते हुए राज्य के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लिखा कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए 31 मार्च तक पूरे राज्य का लॉकडाउन कर दिया गया है. उन्होंने जानकारी दी की सभी ज़रूरी सेवाएं जारी रहेंगी और दूध, खाने की चीज़ें, दवाएं बेचने वाली दुकाने खुली रहेंगी.
Ordered statewide lock down till 31st March to check spread of #Covid19
All essential Govt services will continue & shops selling essential items such as milk, food items, medicines, etc will be open.
All DCs & SSPs have been directed to implement the restrictions immediately. pic.twitter.com/Wa2iqpDChY
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) March 22, 2020
उन्होंने ये भी लिखा कि सभी डीसी और एसएसपी को इस आदेश को सख्ती से लागू करने को कहा गया है.
पंजाब में अब तक कोरोनो वायरस के 14 मामले सामने आए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पंजाब सरकार पूरे राज्य में 31 मार्च तक लॉकडाउन लागू करेगी.’ पंजाब में शनिवार को 11 और व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए थे, जिससे राज्य में संक्रमण के पुष्ट मामलों की कुल संख्या 14 हो गई.
इससे पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अपने राज्य को रविवार से पूरी तरह से लॉकडाउन करने का फ़ैसला लिया है. उन्होंने भी अपने ट्वीट में यही जानकारी दी है कि ज़रूरी सेवाएं जारी रहेंगी बाकी सभी चीज़ें पूरी तरह से बंद रहेंगी.
In order to contain the spread of #CoronaVirus, there will be complete lockdown in #Rajasthan from tomorrow, except for essential services, till 31st March. All offices – govt and private, malls, shops, factories will be closed & public transport services will be shut down too.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 21, 2020
भारत में कोविड-19 के मामले 343 पर पहुंचे
भारत में कोरोनावायरस के मामले बढ़कर रविवार को 343 पर पहुंच गए. देश के विभिन्न हिस्सों से नए मामले सामने आए हैं. इनमें बिहार में आए दो ताज़ा मामले भी शामिल हैं. महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के सबसे अधिक 63 मामले हैं जिनमें तीन विदेशी भी शामिल हैं.
इसके बाद केरल में 52 मामले हैं जिनमें सात विदेशी नागरिक शामिल हैं. दिल्ली में 27 लोग संक्रमित पाए गए जिनमें एक विदेशी शामिल है जबकि उत्तर प्रदेश में एक विदेशी समेत 25 मामले सामने आए. तेलंगाना में 11 विदेशियों समेत संक्रमण के कुल 21 मामले सामने आए हैं जबकि राजस्थान में दो विदेशियों समेत 24 मामले मिले हैं.
हरियाणा में 17 मामले दर्ज किए गए जिनमें से 14 विदेशी हैं. कर्नाटक में 20 लोग विषाणु से संक्रमित पाए गए. पंजाब और लद्दाख में 13-13 लोग संक्रमित हैं. गुजरात में 14 मामले सामने आए जबकि तमिलनाडु में छह मामले दर्ज किए जिनमें दो विदेशी शामिल हैं. चंडीगढ़ में पांच लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए.
मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल में चार-चार लोग संक्रमित हैं. आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड में तीन-तीन मामले सामने आए जबकि ओडिशा तथा हिमाचल प्रदेश में दो-दो मामले सामने आए. पुडुचेरी और छत्तीसगढ़ में एक-एक मामला सामने आया है.
राहत की बात ये है कि असम के जोरहाट में एक साढ़े चार साल की जो बच्ची पहले टेस्ट में कोरोना पॉज़िटिव पाई गई थी वो दूसरे टेस्ट में निगेटिव पाई गई है. बच्ची के बारे में ये जानकारी सामने आई थी कि वो अपनी मां और बहन के साथ बिहार से असम आई थी. ताज़ा जानकारी ये है कि उसे कोविड-19 नहीं है.
क्यों ज़रूरी है जनता कर्फ्यू, कैसे फ़ैलता है कोरोना
सोशल डिस्टेंसिंग यानी समाज में लोगों की एक-दूसरे से दूरी बनी रहे इसके लिए रविवार के दिन जनता फर्फ्यू का एलान किया गया जिसका लोग पालन कर रहे हैं. इसकी घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस महामारी से जुड़े देश के नाम अपने संबोधन में की थी.
दरअसल, कोरोनावायरस ड्राप्लेट्स छींकने और खांसने से फैल रहा है. ऐसा होता है कि अगर आपके आप-पास कोई छींक या खांस दे इससे निकलने वाले कणों से आपको कोविड- 19 हो सकता है. कोविड-19 कोरोना का वो नाम है जो इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने दिया है.
कोरोना और इसके सामने आने के साल 2019 को मिलाकर कोविड-19 नाम लिया गया है. ये बीमारी पहले जानवर से इंसान में आई और अब बड़ी तेज़ी से इंसान से इंसानों में और अन्य माध्यमों से इंसानों में फैल रही है. अगर कोई व्यक्ति खांस या छींक देता है तो उसके ड्राप्लेट जहां गिरते हैं वहां 6 से 48 घंटों तक मौजूद रहते हैं.
अगर कोई भी इनके संपर्क में आ जाए तो उसे कोविड-19 हो सकता है. सबसे गंभीर बात ये है कि अभी तक इस बीमारी के पुख्ता इलाज या वैक्सीन के बारे में किसी देश को कुछ नहीं पता, ऐसे में सबसे अच्छा तरीका है कि इस बीमारी को फैलने से रोकना. इसे फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है लोगों का घरों से नहीं निकलना.
चीन, ईरान और इटली जैसे देशों में जब ये बीमारी बहुत ज़्यादा फ़ैल गई तो वहां की सरकारों को देश के कई हिस्सों को पूरी तरह से बंद करना पड़ा. भारत में भी राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों ने ख़ुद को पूरी तरह से और यूपी के अलावा ओडिशा समेत कई अन्य राज्यों ने ख़ुद को आंशिक तौर पर बंद करने के कदम उठाए हैं.
ऐसे में पहले से जूझती देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच आप घर से ना सिर्फ रविवार को बल्कि आने वाले दिनों में भी तब तक मत निकलें जब तक या तो इस बीमारी के फैलने का क्रम टूटे या इसका इलाज मिल जाए. जब तक आपको कोई बहुत ज़रूरी काम ना हो, घर से ना निकलें.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)