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Thursday, 25 April, 2024
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कर्नाटक में 10वीं बोर्ड के पहले दिन हिजाब बैन का कड़ाई से हुआ पालन, 4 छात्रों ने किया ‘वॉक आउट’

मंत्री बी.सी. नागेश का कहना है कि '99.99%' छात्र बिना हिजाब के परीक्षा दी. सोमवार को शुरू हुई 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी थी.

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बेंगलुरू: कक्षा 10 के छात्रों के लिए कर्नाटक राज्य बोर्ड की परीक्षा सख्त ड्रेस कोड के साथ सोमवार से शुरू हो गई.
शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने कहा कि ‘99.99 प्रतिशत’ छात्राएं सिर पर बिना दुपट्टे के परीक्षा में शामिल हुईं. उन्होंने यह भी कहा कि चार छात्रों ने अलग-अलग घटनाओं में ‘वाकआउट’ किया, जिनकी पुष्टि होनी बाकी है.

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार, चार छात्राओं में बागलकोट जिले के इलकल की एक छात्रा भी थी, जिसने कथित तौर पर अपना हिजाब हटाने से इनकार कर दिया और परीक्षा केंद्र से बिना परीक्षा दिए लौट आई.

नागेश ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी, ‘जो छात्र परीक्षा में नहीं आएंगे, उन्हें पूरक परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी.’

कई मुस्लिम छात्राओं को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने पर बुर्का और हिजाब उतारने को कहा गया. इसके लिए केंद्रों के अंदर अलग कमरे बनाए गए थे.

कुछ जिलों में – जैसे दक्षिण कन्नड़ – स्थानीय प्रशासन ने छात्रों को हिजाब पहनने की अनुमति दी, जहां यह उनके  स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा थी.

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कर्नाटक राज्य बोर्ड के तहत माध्यमिक विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र (एसएसएलसी) परीक्षा राज्य सरकार द्वारा परीक्षार्थियों के लिए वर्दी अनिवार्य करने का आदेश जारी करने के कुछ दिनों बाद शुरू हुई. इसमें सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए परीक्षा केंद्रों में हिजाब और अन्य धार्मिक कपड़ों पर प्रतिबंध शामिल था.

हिजाब विवाद पिछले कुछ महीनों से राज्य में एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है. राज्य भर की प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों की कक्षाओं में हिजाब पहनने को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध और बहस हो रही है.

15 मार्च को, कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लामी आस्था का अहम और जरूरी हिस्सा नहीं है.

पीठ ने उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) गवर्नमेंट कॉलेज में एक समिति के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें स्कूल की वर्दी को कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ राज्य सरकार के 5 फरवरी के आदेश को प्रतिबंध का समर्थन करने का आदेश दिया गया था.


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मंत्री बोले, ‘हमने जो बात बोली वो सच साबित हुई’

सोमवार को परीक्षा समाप्त होने के बाद मंत्री बी.सी. नागेश ने संवाददाताओं से कहा कि हमने जो बात कही वो सच साबित हुई. उन्होंने कहा, ‘हम इस बात पर जोर देते रहे हैं कि हिजाब पर विवाद कुछ मुट्ठी भर लोगों का था, हमारे 99.99 प्रतिशत छात्रों ने बिना हिजाब के ही परीक्षा दी.’

‘केवल कुछ चार छात्रों ने वाकआउट किया, लेकिन हमें यह साबित करना जरूरी है कि क्या वे सभी छात्र हैं या बाहरी व्यक्ति हैं जो प्रक्रिया को बाधित करने के लिए परीक्षा केंद्रों पर आए थे.’

मैसूर के टी. नरसीपुरा में एक 16 वर्षीय छात्र को दिल का दौरा पड़ा और परीक्षा हॉल में उसकी मौत हो गई.

लगभग 8.69 लाख छात्रों ने कक्षा 10 की राज्य बोर्ड परीक्षा देने के लिए नामांकन किया है, जो 11 अप्रैल को समाप्त होगी. राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को लगभग 8.48 लाख छात्र परीक्षा में शामिल हुए, और 20,994 अनुपस्थित थे.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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