रांची: कोरोनावायरस के कहर से अब तक अछूत रहा झारखंड में पहला केस पाया गया है. मंगलवार 31 मार्च को रांची के जिलाधिकारी राय महिमापद रे ने एक वीडियो जारी कर इसकी पुष्टि की है. हेल्थ सेक्रेटरी नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया, ‘जिस महिला में इसकी पुष्टि हुई है, वह मलेशिया की रहने वाली है. रांची के हिन्दपीढ़ी इलाके में बीते कुछ दिनों से रह रही थी.’ पुलिस ने फिलहाल उस इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है.
One corona positive patient has been confirmed in #Ranchi district. This is my appeal to all of you, Please stay inside your house to prevent virus infection. If you need any information please contact the district administration helpline numbers. For help, Please DIAL- #1950 pic.twitter.com/V2UOEAnz5r
— DC Ranchi (@DC_Ranchi) March 31, 2020
डीसी ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर केस के कन्फर्म होने की सूचना दी.
बीते 17 मार्च को तबलीग़ी जमात के 8 और 18 मार्च को 9 लोग पहुंचे थे. इस 17 लोगों के दल में चार महिलाएं शामिल थीं. ये चारों ही मलेशिया की रहने वाली हैं.
रांची के हिंदपीढ़ी में ये बीते 19 मार्च को ट्रेन से पहुंचे थे, जिसके कारण रांची एयरपोर्ट पर इनकी स्क्रीनिंग नहीं हो सकी. 22 मार्च को देश में जनता कर्फ्यू लग गया और उसके बाद पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया. यही कारण था कि ये सभी हिंदपीढ़ी के बड़ी मस्जिद में रुके रहे और प्रशासन को ख़बर नहीं लगी.
इसके बाद रविवार 29 मार्च को यहीं से 24 लोगों को पुलिस ने बाहर निकाला, जिसमें 17 विदेशी थे. वहीं अन्य पांच, देश के दूसरे हिस्सों जैसे हैदराबाद, गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के थे. इसके अलावा दो रांची के ही स्थायी निवासी थे जो कुछ दिनों पूर्व यानी 17 मार्च को केरल से लौटे थे. जब प्रशासन को इसकी भनक लगी तो 29 मार्च की देर रात कार्रवाई करते हुए सभी को खेलगांव स्थित आइसोलेशन वार्ड ले जाया गया है.
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पहले भी पकड़े गए हैं 11 मुस्लिम धर्मगुरू
बात अगर 17 विदेशियों की करें तो इनमें सबसे अधिक 8 मलेशिया, 4 यूके, 1 पोलैंड, 2 अफ्रीका, 2 वेस्टइंडीज के रहने वाले थे और तबलीग़ी जमात के आयोजन में भारत पहुंचे थे. नाजिम-ए-आला एदारा-ए-शरिया, झारखंड एमक्यू रिजवी ने बताया कि ‘तबलीग़ी का मतलब होता है अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला. अच्छी बातों को, सच को लोगों तक पहुंचाना.’
उन्होंने बताया कि ‘जमात का मतलब होता है समूह, यानी अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला समूह. वहीं मरकज का मतलब होता है मीटिंग के लिए जगह.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘आज इसका इस्तेमाल गलत तरीके से हो रहा है. भारत में जो सूफी संत हुए हैं वही असली तबलीग़ी हैं. इसमें ख्वाजा गरीब नवाज, मकदुमी शिमना, मकदुमे बिहारी जैसे नाम हैं.’
उन्होंने कहा कि ‘जब पूरी दुनिया इस महामारी से परेशान थी, और है भी, तब इन लोगों को अपने देश से भारत आने की क्या जरूरत थी. इस तरह के आयोजन कराने वाले भी इसके दोषी हैं. ये गलत हो रहा है.’
इससे पहले बीते 24 मार्च को रांची जिले के ही रड़गांव इलाके में 11 मुस्लिम धर्म प्रचारकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. फिर उन्हें जमशेदपुर स्थित क्वारेंटाइन सेंटर ले जाया गया था. सभी को फिलहाल क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है. इसमें चीन के तीन, किर्गिस्तान के चार और कज़ाकिस्तान के चार मौलवी शामिल थे.
दरअसल, तबलीग़ी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करते हैं. इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित है. वहीं रांची के हिंदपीढ़ी स्थित बड़ी मस्जिद मरकज़ की जगह है.
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सरकार क्यों छुपा रही थी जानकारी
बीते 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगने की शाम को ही सीएम हेमंत सोरेन ने कोरोना सेंटर बनाने की बात कही. साथ ही यह भी कहा कि हर दिन वह खुद इसका अपडेट जारी करेंगे. बीते 10 दिनों में पहली बार हुआ कि सोमवार को इसका कोई अपडेट देर रात तक जारी नहीं किया गया. जबकि सोमवार को सबसे अधिक 78 नए संदिग्ध लोग पाए गए थे.
ये हाल तब है जब राज्य के 11 जिलों से अब तक सैंपल लिए ही नहीं गए हैं. मात्र 13 जिलों से लिए गए सैंपल की जांच हुई है. हालांकि इस पर भी स्पष्टीकरण देने के लिए सरकार की तरफ से कोई अधिकारी सामने नहीं आया.
दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 271 संदिग्धों की जांच की गई है. जिसमें 262 निगेटिव पाए गए थे. नौ प्रतीक्षारत थे. इसी नौ में एक पॉजिटिव मिला है.
सरकार की जानकारी के मुताबिक अगर आइसोलेशन में रखने की नौबत आई तो 567 बेड का ही इंतजाम है. राज्य के मेडिकल कॉलेजों में 96 बेड, जिला अस्पतालों में 200 और निजी अस्पतालों में कुल 271 बेड हैं. वहीं सरकार के पास मात्र 1469 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखने की सुविधा है.
हिन्दुस्तान अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 14 जिलों में कोरोना के मरीजों के लिए आईसीयू की कोई व्यवस्था तक नहीं है. राज्य में कुल जांच किट इस वक्त 1000 हैं और 20 हजार किट का ऑर्डर दिया गया है.