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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशकोविड-19 से निपटने के लिए 1.7 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज, पेट में खाना और हाथ में पैसे देगी सरकार

कोविड-19 से निपटने के लिए 1.7 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज, पेट में खाना और हाथ में पैसे देगी सरकार

सीतारमण ने कहा कि 8.69 करोड़ किसानों को तुरंत लाभ पहुंचाया जाएगा. किसानों के खातों में अप्रैल के पहले हफ्ते में दो हज़ार रुपए की किश्त दी जाएगी.

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोनावायरस महामारी के मद्देनज़र आर्थिक समस्याओं से परेशान लोगों के लिए 1 लाख 70 हज़ार करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है. प्रधानमंत्री अन्न योजना के अंतर्गत लोगों तक खाद्य आपूर्ति की जाएगी.

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि युद्ध स्तर पर कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है.

वित्त मंत्री ने कहा कि ये राहत पैकेज उन लोगों के लिए है जिन्हें राहत की अभी तुरंत जरूरत है. गरीबों को सहायता पहुंचाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हम कैश ट्रांसफर के साथ खाद्य जरूरतों को भी पूरा करने जा रहे हैं और ये तत्काल प्रभाव से किया जाएगा.

देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन को लागू हुए अभी 36 घंटे ही हुए हैं और केंद्र सरकार लोगों के लिए आर्थित राहत लेकर आई है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 21 दिन के लिए देश के लॉकडाउन करने की बात कही थी.

वित्त मंत्री ने उन लोगों की सराहना की जो कोरोनावायरस के दौरान अपने कामों में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि हेल्थ वर्कर, आशा वर्कर, पैरामेडिकल स्टॉफ्स, टेक्निसिएंस के लिए सरकार संवेदनशील हैं. सीतारमण ने ऐसे लोगों के लिए 50 लाख के स्वास्थ्य बीमा का भी एलान किया है. इसके अंतर्गत 20 लाख लोगों को फायदा मिलेगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों के खातों में डीबीटी के जरिए सीधे पैसे ट्रांसफर किए जांएगे.

अन्न योजना

निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत अगले तीन महीनों के लिए गरीबों को 10 किलो अनाज (गेहूं/चावल) मिलेगा. गरीबों को एक किलों दाल भी दी जाएगी. अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा.


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कैश ट्रांसफर

वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज में कहा कि किसानों, मनरेगा से जुड़े परिवारों, विधवाओं, दिव्यांगों, जनधन योजना से जुड़ी महिलाएं, उज्ज्वला योजना के तहत आने वाले लोगों, सेल्फ हेल्प ग्रुप (स्वयं सहायता समूह), औपचारिक क्षेत्र से जुड़े लोग, निर्माण कार्य में लगे लोगों के खातों में डीबीटी के तहत पैसा दिया जाएगा.

सीतारमण ने कहा कि 8.69 करोड़ किसानों को तुरंत लाभ पहुंचाया जाएगा. किसानों के खातों में अप्रैल के पहले हफ्ते में दो हज़ार रुपए की किस्त दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से कमाई करने वाले 5 करोड़ दिहाड़ी मजदूरों को लाभ दिया जाएगा. मनरेगा के तहत मिलने वाली 182 रुपए की दिहाड़ी को बढ़ाकर 202 रुपए कर दिया गया है.

राहत पैकेज के जरिए तीन करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ पहुंचाया जाएगा. अगले तीन महीनों में विधवाओं और दिव्यागों को एक हज़ार रुपए अतिरिक्त दिया जाएगा. डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए ये पैसा खातों में जमा कराया जाएगा.

पैकेज में 20 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खातों में 500 रुपए प्रतिमाह देने की भी बात की गई है. डीबीटी के माध्यम से पैसा खातों में डाला जाएगा.

उज्ज्वाला योजना के तहत आने वाले परिवारों को अगले तीन महीने तक मुफ्त में सिलेंडर दिया जाएगा. इसके तहत 8 करोड़ से ज्यादा बीपीएल परिवारों को फायदा मिलेगा.

स्वयं सहायता समूह से जुड़े 63 लाख समूहों के लिए, जो पहले 10 लाख रुपए का लोन मिलता था वो अब 20 लाख रुपए कर दिया गया है. इससे 7 करोड़ परिवारों को फायदा मिलेगा.

ईपीएफओ का सारा हिस्सा सरकार देगी

औपचारिक क्षेत्र को भी लाभ देने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि ईपीएफओ की सारी रकम अगले तीन महीने तक सरकार चुकाएगी. ईपीएफओ के नियमों में संशोधन भी किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि 15 हज़ार रुपए से कम वेतन पाने वाले और जिस संस्थान में 100 से कम कर्मचारी है उसके लिए सरकार मदद के लिए आगे आई है. इससे संगठित क्षेत्र के 80 लाख कर्मचारियों और 4 लाख से ज्यादा संस्थाओं को फायदा मिलेगा. कर्मचारियों के 12 प्रतिशत और कंपनी के 12 प्रतिशत हिस्सा सरकार देगी.


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उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में लगे लोगों की देश में बड़ी भूमिका होती है. वेलफेयर फंड में रजिस्टर्ड मजदूरों के लिए जो 31 हजार करोड़ का फंड जमा है इसके लिए राज्यों को कहा गया है कि उसका इस्तेमाल किया जाए.

कोरोनावायरस के देशभर में 600 से ज्यादा मामले सामने आए हैं

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 649 हो गई है और 13 लोगों की मौत हो चुकी है. 42 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं.

बिहार में नीतीश कुमार ने 100 करोड़ के राहत कोष का किया एलान

इसी बीच बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने कोविड-19 के मद्देनज़र मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपए का पैकेज गरीबों के लिए जारी किया है.

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव ने ट्वीट कर राहत कोष की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘बिहार में मजदूर व दिहाड़ी कमाने वाले लोगों के रहने व खाने के लिए स्कूलों में इंतज़ाम तथा अन्य राज्यों में बिहारी प्रवासियों के भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नीतीश कुमार जी ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ की राशि निर्गत की. आपदा प्रबंधन विभाग इन दोनों फैसलों पर दिल्ली स्थित बिहार के आरसी ऑफिस के साथ तथा प्रदेश के अंदर स्कूली व्यवस्था के साथ त्वरित अमल के लिए करवाई करने जा रहा है.’


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आज शाम तक इस व्यवस्था के तहत जरूरतमंद लोगों को रहने व भोजन की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

कुमार के सहयोगी रह चुके प्रशांत किशोर ने बुधवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री से गरीबों की मदद करने का अनुरोध किया था.

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि राज्य में तीन जगहों पर कोविड-19 से संक्रमितों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं और ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोगों को आवश्यक चीज़ों की कमी न हो.

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