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Thursday, 21 November, 2024
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FIFA ने AIFF को किया निलंबित, भारत के हाथ से छिन सकती है महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी

फीफा ने हालांकि कहा कि उसने भारत के लिए सभी विकल्प बंद नहीं किए हैं और वह खेल मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है और उसे महिला जूनियर विश्व कप को लेकर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है.

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नयी दिल्ली: विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा ने मंगलवार को भारत को करारा झटका देते हुए तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित कर दिया और उससे अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार छीन लिए. भारत को 11 से 30 अक्टूबर के बीच फीफा प्रतियोगिता की मेजबानी करनी थी.

यह पिछले 85 साल के इतिहास में पहला अवसर है जबकि फीफा ने एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगाया. फीफा ने कहा है कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा.

फीफा ने एक बयान में कहा, ‘फीफा परिषद के ब्यूरो ने सर्वसम्मति से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है. तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है.’

बयान में आगे कहा गया है, ‘निलंबन तभी हटेगा जब एआईएफएफ कार्यकारी समिति की जगह प्रशासकों की समिति के गठन का फैसला वापिस लिया जायेगा और एआईएफएफ प्रशासन को महासंघ के रोजमर्रा के काम का पूरा नियंत्रण दिया जायेगा.’

फीफा ने कहा, ‘इसके मायने हैं कि भारत में 11 से 30 अक्टूबर के बीच होने वाला अंडर-17 महिला विश्व कप पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत में नहीं हो सकता. फीफा टूर्नामेंट के संबंध में अगले चरणों का आकलन कर रहा है और यदि आवश्यक हुआ तो मामले को परिषद के ब्यूरो के पास भेजेगा.’

उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 2020 से चुनाव नहीं करवाने के कारण 18 मई को प्रफुल्ल पटेल को एआईएफएफ के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और एआईएफएफ के संचालन के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एआर दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) का गठन किया था. इसके बाद से ही प्रतिबंध लगने की संभावना जताई जा रही थी.

सीओए के अन्य सदस्यों में भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और पूर्व भारतीय कप्तान भास्कर गांगुली शामिल हैं. सीओए को राष्ट्रीय खेल संहिता और दिशा निर्देशों के अनुसार एआईएफएफ के संविधान को तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी.

फीफा ने हालांकि कहा कि उसने भारत के लिए सभी विकल्प बंद नहीं किए हैं और वह खेल मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है और उसे महिला जूनियर विश्व कप को लेकर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है. उसने कहा, ‘फीफा भारत के खेल मंत्रालय से लगातार संपर्क में है और सकारात्मक नतीजे तक पहुंचने की उम्मीद है.’

फीफा ने पांच अगस्त को एआईएफएफ को निलंबित करने और महिला अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी छीनने की धमकी दी थी.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने तीन अगस्त को एआईएफएफ की कार्यकारी समिति को सीओए द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराने के निर्देश दिए थे.

फीफा ने कभी अपनी सदस्य इकाइयों के मामलों में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी है. इनमें अदालत और सरकारी हस्तक्षेप भी शामिल है. उसने अन्य देशों में भारत जैसी स्थिति पैदा होने पर समितियों का गठन किया.

भारत पर प्रतिबंध के बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार 28 अगस्त को होने वाले एआईएफएफ चुनाव का क्या होगा इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. शीर्ष अदालत ने सीओए द्वारा तैयार समय सीमा को मंजूर करने के बाद 13 अगस्त से चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई थी.

सीओए पहले ही चुनाव अधिकारी की नियुक्त कर चुका है और उसने चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल की सूची भी जारी कर दी है. इनमें 36 मशहूर खिलाड़ी भी शामिल हैं. नामांकन भरने की प्रक्रिया बुधवार से शुक्रवार तक चलनी है.

भारतीय फुटबॉल समुदाय उम्मीद कर रहा है कि जब बुधवार को उच्चतम न्यायालय में इस मामले की सुनवाई होगी तो इसके बाद फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप की मेजबानी को लेकर कोई न कोई हल निकल आएगा.

खेल मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में एक आवेदन दायर करके अपने पांच अगस्त के आदेश में संशोधन की मांग की थी, जिसमें 36 मशहूर खिलाड़ियों को एआईएफएफ चुनावों में इस आधार पर मतदान करने की अनुमति दी गई थी कि विश्व संस्था (फीफा) एआईएफएफ में ‘व्यक्तिगत सदस्यता’ के पक्ष में नहीं था.

सूत्रों के अनुसार, फीफा ने सोमवार को खेल मंत्रालय के सामने अपना रुख दोहराया और उसके बाद भारत पर प्रतिबंध (स्विट्ज़रलैंड के स्थानीय समयानुसार रात करीब 10 बजे; भारत में मंगलवार को तड़के) लगाने का बयान जारी किया.


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