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Monday, 9 December, 2024
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कोविड के इलाज के बाद पिछले हफ्ते घर लौटे पिता, शनिवार को उनके परिवार को उन्हें दफ़नाना पड़ा

शाजी जॉन 26 जून को एलएनजेपी अस्पताल से कोविड-19 के इलाज के बाद वापस लौटे थे, वह फिर से पॉजिटिव पाए गए और कुछ ही दिनों में मौत हो गई.

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नई दिल्ली:56 वर्षीय शाजी जॉन बवाना की एक निजी कंपनी में काम करते थे. उन्होंने किडनी की बीमारी के कारण जनवरी से ही ऑफिस जाना बंद कर दिया था. डायलिसिस के लिए उन्हें सप्ताह में दो बार अस्पताल जाना पड़ा था.

मई के अंत में, उन्हें सांस लेने में समस्या होने लगी और डॉक्टरों ने उन्हें कोविड -19 की जांच कराने की सलाह दी. वह कोविड 19 से संक्रमित पाए गए, तो जॉन को 3 जून को लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) में भर्ती कराया गया. 26 जून को रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई और उन्हें उनकी पत्नी और दो बेटियों के साथ घर वापस भेज दिया गया.

हालांकि, अपनी किडनी की बीमारी के कारण, उन्हें अभी भी अपनी डायलिसिस के लिए अस्पताल जाना पड़ता, जिसके लिए उन्हें दो कोविड-निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत थी. जब परिवार जांच के लिए एक अस्पताल गए तो उनकी रिपोर्ट फिर से पोजिटिव आई.

जॉन को 1 जुलाई को फिर से एलएनजेपी अस्पताल में भरती कराया गया, जहां दो दिन बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी.

3 जुलाई को, जब उनकी छोटी बेटी अलीज़ा ने उन्हें लगभग 11.45 बजे फोन किया, तो डॉक्टर ने उनका फोन उठाया और कहा कि उनकी हालत गंभीर है.

अलीज़ा ने दिप्रिंट को बताया, ‘डॉक्टर ने हमें बताया कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है, हम कल सुबह डायलिसिस करेंगे.’

लगभग आधे घंटे बाद, अलीज़ा को अपने पिता का फोन आया, जिन्होंने कहा कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है. ‘मैंने उन्हें कहा, आप चिंता न करें, प्रार्थना करें और सो जाएं,’ उन्होंने बताया. ‘अगली सुबह, हमें सूचित किया गया कि मेरे पिता का निधन हो गया है.’

दिप्रिंट के प्रवीण जैन और मनीषा मोंडल, जॉन के अंतिम संस्कार के लिए मंगोलपुरी में अल्फा ओमेगा क्रिश्चियन वेलफेयर सेमेट्री में गए, जो राष्ट्रीय राजधानी में कोविड रोगियों के लिए एकमात्र ईसाईयों के दफनाए जाने का मैदान है.

The burial ground was ready for the coffin before the arrival of the body at the Alpha Omega Christian Welfare Cemetery | Manisha Mondal | ThePrint
फोटो :मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

अल्फा ओमेगा क्रिश्चियन वेलफेयर सेमेट्री में जॉन के दफन के लिए खोदे गए गड्ढे के पास पुष्पांजलि की गई थी.

The body was taken out and kept in a coffin at the cemetery, which is a Covid-designated burial ground | Praveen Jain | ThePrint
प्रवीण जैन/ दिप्रिंट

जॉन के पार्थिव शरीर को दफनाए जाने से पहले कॉफिन में रखा जा रहा है.

After the coffin with Shaji John's body was placed on a platform, a priest wearing a mask read from the Bible | Manisha Mondal | ThePrint
फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

जॉन के शरीर को दफनाए जाने से पहले प्रीस्ट (पुजारी) शरीर के पास प्रार्थना करते हुए.

A small ceremony with readings from the Bible took place before the coffin was lowered into the ground | Praveen Jain | ThePrint
प्रवीण जैन/दिप्रिंट

एक छोटी सी प्रार्थना के बाद ताबूत को जमीन में उतारे जाने से पहले बाइबल पढ़ने का एक छोटा सा समारोह किया गया.

Shaji John is survived by his wife and two daughters. From left to right: Aliza Shaji (John's younger daughter), Sheryl Shaji (his widow) and Angel Shaji (his elder daughter) | Praveen Jain | ThePrint
प्रवीण जैन | दिप्रिंट

शाजी जॉन के परिवार में उनकी मृत्यु के बाद पत्नी और दो बेटियां हैं. बाएं से दाएं: अलीजा शाजी (जॉन की छोटी बेटी), शेरिल शाजी (उनकी विधवा) और एंजल शाजी (उनकी बड़ी बेटी).

The heartbroken family looked on at the coffin where Shaji John's body was kept | Manisha Mondal | ThePrint
फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

जॉन की मृत्यु के बाद शोक संतप्त परिवार उनकी कॉफीन को देखता हुआ.

Shaji John's widow and daughters are still coming to grips with how he died despite being sent home after his Covid treatment | Praveen Jain | ThePrint
फोटो: प्रवीण जैन |दिप्रिंट

अलीजा आखिरी इंसान थी जिनसे जॉन ने अपनी मृत्यु से पहले बात की थी.

The coffin was lowered into the burial spot. The Mongolpuri cemetery, a designated Covid burial ground, has seen 19 burials so far | Praveen Jain | ThePrint
फोटो: प्रवीण जैन | दिप्रिंट

ताबूत को जमीन में उतारा जा रहा है. मंगोलपुरी कब्रिस्तान, कोविड के मरीजों के लिए विशेषतौर पर रखा गया है.यहां अभी तक 19 शव दफनाए जा चुके हैं.

After the coffin was put in the grave, the priest performed the final rituals | Praveen Jain | ThePrint
फोटो: प्रवीण जैन/ दिप्रिंट

जॉन के कॉफिन को गड्ढे में रखे जाने के बाद प्रीस्ट आखिरी विदाई के लिए प्रार्थना करता हुआ.

After the completion of the ceremony, the family grieved while the ground was levelled | Praveen Jain | ThePrint
फोटो: प्रवीण जैन | दिप्रिंट

रिचुअल के पूरा होने के बाद, जॉन की कब्र को मैदान में समतल कर दिया गया.

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