नई दिल्ली : फाइनेंशियल ऐक्शन टास्ट फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को सख्त निर्देश दिया है कि वह फरवरी 2020 तक पूरा ऐक्शन प्लान तैयार करे. निर्देश में कहा गया है कि अगर पाकिस्तान समयावधि तक आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर ठोस कार्रवाई नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा है और 27 बिंदुओं को पूरा करने को कहा है.
एफएटीएफ ने आतंकवाद को सीमा पार से मिलने वाले धन के जोखिम को कम करने में पाक द्वारा पर्याप्त प्रगति नहीं करने पर गंभीर चिंता जाहिर की.
एफएटीएफ ने इस बात का जिक्र किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्त पोषण पर रोक लगाने में 27 कार्रवाई योग्य चीजों में सिर्फ पांच का ही हल करने में सक्षम रहा
Financial Action Task Force(FATF): ..including urging members to advise their financial institutions to give special attention to business relations/transactions with Pakistan. (2/2) https://t.co/YqwkdjFgPQ
— ANI (@ANI) October 18, 2019
आपको बता दें, जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था और 27 पॉइंट का ऐक्शन प्लान देते हुए एक साल का समय दिया था.
आतंक पर निगरानी की भूमिका निभाती है एफएटीएफ
पेरिस स्थित संस्था एफटीएफ का गठन 1989 में किया गया था. यह एक अंतर-सरकारी संस्था है. यह काम गैरकानूनी आर्थिक मदद रोकने के लिए नियम बनाती है. संस्था जिस भी देश को ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डालती है तो उसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में मुश्किल झेलनी पड़ती हैं.
पाक प्रतिनिधिमंडल ने पेरिस में फएटीएफ की बैठक में लिया हिस्सा
वहीं इससे पहले आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर की अगुवाई में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सोमवार से शुरू होने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की दो दिवसीय सत्र में भाग लेने के लिए पेरिस पहुंच था. जियो न्यूज के मुताबिक, सूत्रों ने बताया था कि एफएटीएफ की बैठक में अप्रैल 2019 तक पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट पर चर्चा होगी और इस पर निर्णय लिया जाएगा कि इस्लामाबाद को अंतर-सरकारी संगठन की ग्रे लिस्ट से बाहर रखा जाए या नहीं.
(इनपुट्स भाषा)