नई दिल्ली: केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 19 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संघों के प्रमुख सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल कर पर हैं.
भारतीय किसान यूनियन दोआबा के अध्यक्ष, मनजीत ने कहा, ‘हम सरकार को ये संदेश(भूख हड़ताल से) देना चाहते हैं कि जो अन्नदाता देश का पेट भरता है उसको आज आपकी गलत नीतियों की वजह से भूखा बैठना पड़ रहा है.’
हम सरकार को ये संदेश(भूख हड़ताल से) देना चाहते हैं कि जो अन्नदाता देश का पेट भरता है उसको आज आपकी गलत नीतियों की वजह से भूखा बैठना पड़ रहा है: मनजीत, भारतीय किसान यूनियन दोआबा के अध्यक्ष #FarmersProtests pic.twitter.com/AmKmP5gfx7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2020
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि सोमवार सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होने वाली यह भूख हड़ताल 14 दिसंबर से आंदोलन को तेज करने की किसानों की योजना का हिस्सा है.साथ ही कृषि सुधार वाले तीनों नए कानूनों को वापस लेने की जिद पर अड़े किसान आज देशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का एलान किया है. हालांकि कि किसान आंदोलन की अगली रणनीति का एलान शाम को करेंगे.
हालांकि किसानों का दिल्ली जयपुर हाईवे बंद करने के निर्णय को एक दिन आगे बढ़ा दिया है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी ने कहा कि एक दिन के अनशन की वजह से किसानों ने दिल्ली जयपुर हाईवे बंद करने का निर्णय एक दिन आगे बढ़ा दिया है. हाईवे अब मंगलवार को बंद होगा.
राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर किसान पहुंचे
जयपुर-दिल्ली हाईवे जाम करने के लिए राजस्थान, हरियाणा बॉर्डर पर रविवार को बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए हैं. इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को अपने आवास पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोम प्रकाश के साथ किसानों को मनाने पर मंथन किया. इसके अलावा गृहमंत्री ने पंजाब के भाजपा नेताओं के साथ भी एक अलग बैठक भी की थी.
बता दें कि किसान और केंद्र सरकार के बीच अभी तक इस बिल को हटाए जाने को लेकर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है.सरकार जहां बिल में संशोधन की बात कर रही है वहीं किसान इस बिल को खत्म करने की बात पर अड़े हैं.
चढूनी ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नेता अपने-अपने स्थानों पर भूख हड़ताल करेंगे. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘देशभर के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने भी दिये जाएंगे. प्रदर्शन इसी प्रकार चलता रहेगा.’
चढूनी ने कहा, ‘कुछ समूह प्रदर्शन खत्म कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे सरकार द्वारा पारित कानूनों के पक्ष में हैं. हम स्पष्ट करते हैं कि वे हमसे नहीं जुड़े हैं. उनकी सरकार के साथ साठगांठ है. उन्होंने हमारे आंदोलन को कमजोर करने का षड़यंत्र रचा. सरकार किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिये साजिश रच रही है.’
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘सरकारी एजेसियां किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोक रही हैं, लेकिन जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जातीं तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा रुख स्पष्ट है, हम चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए. इस आंदोलन में भाग ले रहे सभी किसान संघ एकजुट हैं.’
एक और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘अगर सरकार बातचीत का एक और प्रस्ताव रखती है तो हमारी कमेटी उसपर विचार करेगी. हम सभी से प्रदर्शन के दौरान शांति बरकरार रखने की अपील करते हैं.’
किसान नेता संदीप गिड्डे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 19 दिसंबर से प्रस्तावित किसानों की अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल रद्द कर दी गई है. इसके बजाय सोमवार को दिनभर की भूख हड़ताल की जाएगी.
सोमवार को अनशन करेंगे केजरीवाल, केंद्र से अहंकार छोड़कर कृषि कानूनों को रद्द करने की अपील की.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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