नई दिल्ली: फेसबुक और इसकी सहयोगी इकाइयों वाट्सएप तथा इंस्टाग्राम द्वारा नागरिक अधिकारों के लिए उठाए गए कदमों की सुनवाई कर रही सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति के समक्ष फेसबुक अपने ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी के उपाध्यक्ष जोएल कैप्लेन को भेज रहा है. यह सुनवाई 6 मार्च को होगी. सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध संपादक अजीत मोहन तथा सार्वजनिक नीति और कार्यक्रम निदेशक आंखी दास भी उनके साथ होंगे.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क ज़ुकरबर्ग या मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) शेरिल सैंडबर्ग इस सुनवाई के लिए भारत नहीं आ रहे हैं.
सूत्रों ने कहा, ‘समिति द्वारा समन भेजे जाने के बाद फेसबुक पर यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंपनी द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों को संसदीय समिति को बताने के लिए फेसबुक के अधिकारी 6 मार्च को पेश होंगे.’
ट्विटर के सार्वजनिक नीति के उपाध्यक्ष कॉलिन क्रोवेल के भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष 25 फरवरी को पेश हो ट्विटर पर रियल टाइम में राजनीतिक पूर्वाग्रह और हेरफेर जैसे मुद्दों से निपटने के लिए प्लेटफॉर्म द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा करने के बाद अब फेसबुक के अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा जा रहा है.
25 फरवरी को सुनवाई के दौरान ट्विटर ने जिन कुछ प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए थे, उसे 10 दिनों के अंदर उनके उत्तर भेजने के लिए कहा गया है.
भारत में आम चुनाव के नज़दीक आते ही, गलत जानकारियों और झूठी खबरों को किसी ऐसे देश में फैलने से रोकने के लिए दुनियाभर के कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स परेशानी में हैं, जहां मोबाइल की पहुंच अधिकतर लोगों तक है.
स्टेटिस्टा डॉट कॉम के अनुसार, भारत में फेसबुक के लगभग 30 करोड़ तथा वाट्सएप के 20 करोड़ उपभोक्ता हैं. इंस्टाग्राम के लगभग 7.5 करोड़ उपभोक्ता हैं.
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए फेसबुक देश में राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिए एक नया टूल लाया है. इसके तहत भारत में फेसबुक पर कोई भी राजनीतिक विज्ञापन चलाने वाले को प्रक्रिया पूरी करने के लिए अपनी पहचान और लोकेशन तथा पब्लिश्ड बाई या पेड फॉर बाई का शीर्षक लगाना होगा. भारत और दक्षिण एशिया में फेसबुक के सार्वजनिक नीति निदेशक शिवनाथ ठुकराल ने हाल ही में आईएएनएस से कहा, ‘इस टूल में भारतीयों के लिए कुछ विशिष्ट फीचर दिए गए हैं.’