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Wednesday, 29 May, 2024
होमदेशबदल रहा है भू-राजनीतिक परिदृश्य, भारत ने बदले हैं अंतर्राष्ट्रीय मत : एस जयशंकर

बदल रहा है भू-राजनीतिक परिदृश्य, भारत ने बदले हैं अंतर्राष्ट्रीय मत : एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमने देश की ताकत बढ़ाने के लिए सुरक्षा और असली राजनीति पर ध्यान दिया.

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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारी दुनिया वास्तविक परिवर्तन के बीच में है. हम राष्ट्रवादी अमेरिका, उभरते चीन, बटे यूरोप, एक फिर से उभरते रूस, एक सामान्य होते जापान, एक असुरक्षित आसियान और अधिक परेशान मध्य-पूर्व को लेकर संघर्ष करते हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा, कांग्रेस नेता शशि थरूर और निती के सदस्य रमेश चंद कुछ ऐसे नाम हैं, जो आगामी सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) के वार्षिक सार्वजनिक मंच में हिस्सा ले रहे हैं.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमने देश की ताकत बढ़ाने के लिए सुरक्षा और असली राजनीति पर ध्यान दिया. हमने अपनी भूमिकाओं पर ध्यान दिया. इससे चीजें पहले के मुकाबले ज्यादा अच्छे से चलने लगीं.

पिछले कुछ वर्षों में हमने वैश्विक मुद्दों और अंतर्राष्ट्रीय परिणामों में फर्क लाने में भारत ने अपनी उभरती क्षमता दिखाई है.
हमने ऐसे समय में कनेक्टिविटी डिबेट को महत्वपूर्ण आकार दिया जब दुनिया बहुत उलझन में बनी हुई थी.

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विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारे एकांगी अभियान ने जी -20 सहित प्रमुख विश्व मंचों पर ध्यान केंद्रित किया है.

जयशंकर, थरूर ‘सीपीआर डायलॉग 2020’ में शामिल होंगे

विदेश मंत्री एस. जयशंकर, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा, कांग्रेस नेता शशि थरूर और नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के आगामी वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

वहीं दो दिवसीय सम्मेलन का विषय है ‘सीपीआर वार्ता 2020 : 21वीं सदी के भारत के लिए नीति परिप्रेक्ष्य’, जिसका आयोजन सोमवार को इंडिया हैबीटेट सेंटर में किया जा रहा है. आयोजकों के मुताबिक इसका उद्देश्य ‘भविष्य के भारत के लिए अवसरों की उपलब्धता’ और ‘आगामी दशक में भारत के लिए महत्वपूर्ण प्रगति और नीतिगत चुनौतियाों पर चर्चा’ करना है.

इसमें वायु प्रदूषण, लोक शिक्षा, कृषि, भूराजनैतिक, राज्य की क्षमता, तकनीक और कानून जैसे विषयों का समाधान करने का प्रस्ताव है.

सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले अन्य प्रमुख वक्ताओं में पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन, अमेरिका के पूर्व उप विदेश मंत्री जेम्स स्टेनबर्ग, अर्थशास्त्री लैंट प्रिशेट और राजनीतिक विज्ञानी मुकुलिका बनर्जी शामिल हैं.

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