नई दिल्ली: कोरोनोवायरस महामारी से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि वह राज्य और जिला प्रशासन की सहायता के लिए पूर्व सैनिकों (ईएसएम) को उतरेगा.
मंत्रालय ने ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, राज्य सैनिक बोर्ड, जिला सैनिक बोर्ड, सार्वजनिक गतिविधियों जैसे संपर्क अनुरेखण, सामुदायिक निगरानी, क्वारंटाइन सुविधाओं के प्रबंधन या इस तरह के किसी भी कार्य को सौंपे जाने में राज्य और जिला प्रशासन की सहायता के लिए अधिकतम ईएसएम वॉलेंटियर्स को लगाया जायेगा और ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
मंत्रालय ने कहा, पंजाब में ‘गार्जियंस ऑफ गवर्नेंस’ नामक एक संगठन, जिसमें 4,200 ईएसएम शामिल हैं वो सभी गांवों से डेटा संग्रह में सहायता करेंगे.
मंत्रालय ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस की सहायता के लिए कुछ ईएसएम का इस्तेमाल किया है. इसी तरह, आंध्र प्रदेश में सभी जिला कलेक्टरों ने ईएसएम वॉलेंटियर्स के लिए कहा है.’
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी ‘जिला सैनिक कल्याण अधिकारी’ जिला नियंत्रण कक्ष के संपर्क में हैं और सेवानिवृत्त सेना चिकित्सा कोर के कर्मियों की पहचान कर उन्हें तैयार रखा गया है.
इसके अलावा, उत्तराखंड में सैनिक विश्राम गृहों को तैयार किया जा रहा है. ताकि जरूरत पड़ने पर क्वारंटाइन केंद्रों के रूप में उपयोग किया जा सके. गोवा में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है और ईएसएम को स्थानीय प्रशासन को किसी भी सहायता के लिए स्टैंडबाय पर बने रहने के लिए कहा गया है.
25 मार्च को दुनिया भर में 45,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले इस वायरस के प्रसार से निपटने के लिए भारत ने 21 दिन का लॉकडाउन किया था.
आपको बता दें दिप्रिंट को दिए गए इंटरव्यू में सीडीएस बिपिन रावत ने कहा था कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए किसी भी हद तक काम करने के लिए तैयार हैं कोरोनॉयरस के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बारे में सेना की प्रतिक्रिया का नेतृत्व कर रहे सीडीएस ने कहा था कि सशस्त्र बल सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ निरंतर संपर्क में हैं ताकि यदि सहायता की अतिरिक्त आवश्यकता हो तो वे प्रभावी ढंग से मदद दे सकें.